केवल ज्ञान विज्ञान ही नहीं, पटना तारामंडल में ले सकेंगे बिहारी संस्कृति का भी मजा!
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विजन के अनुसार राजधानी पटना को आकर्षक बनाया जा रहा है. पटना अब सिर्फ राजनीति और इतिहास से नहीं, बल्कि विज्ञान और आधुनिकता से भी पहचानी जाएगी. राजधानी का इंदिरा गांधी तारामंडल जल्द ही विज्ञान प्रेमियों और विद्यार्थियों को नया अनुभव कराने के लिए तैयार हो रहा है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विज़न के तहत पटना अब सिर्फ राजनीति और इतिहास का शहर नहीं रहेगा, बल्कि विज्ञान, तकनीक और संस्कृति का नया केंद्र बनने जा रहा है. राजधानी का इंदिरा गांधी तारामंडल आधुनिक विज्ञान प्रेमियों और विद्यार्थियों को एक नया और रोमांचक अनुभव देने के लिए तैयार है. यहां पहली बार 25-सीटर VR थियेटर बनाया गया है, जहां दर्शक 3D और 4D एडवेंचर का मज़ा ले पाएंगे. रोलर कोस्टर राइड, अंडरवाटर ट्रिप और कंपन जैसी गतिविधियां अब किताबों में नहीं, बल्कि वास्तविक अनुभव की तरह महसूस होंगी.
इसके अलावा, तारामंडल परिसर में एक आकर्षक सोविनियर शॉप तैयार हो रही है, जिसमें स्पेस सूट, ड्रोन, साइंटिफिक मॉडल और बच्चों के लिए एजुकेशनल टॉयज़ मिलेंगे. वहीं, हाल ही में खुला ‘बिहार से’ रेस्टोरेंट मिट्टी की खुशबू और मिथिला पेंटिंग्स के बीच पत्तल और कुल्हड़ में बिहार के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद परोस रहा है.
स्पेस सूट, ड्रोन, साइंटिफिक मॉडल भी मिलेगा
तारामंडल में सोविनियर शॉप और अत्याधुनिक वीआर थियेटर बनने जा रहे हैं, जिससे लोग किताबों से बाहर निकलकर विज्ञान को जीकर महसूस कर पाएंगे. तारामंडल परिसर में बन रही सोविनियर शॉप का टेंडर फाइनल हो चुका है और निर्माण कार्य तेज़ी से चल रहा है. इस दुकान में विज्ञान से जुड़े उपकरण, किताबें, स्पेस सूट, ड्रोन, साइंटिफिक मॉडल और बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक खिलौने मिलेंगे.
3डी और 4डी से होगा रोमांचक अनुभव
तारामंडल परिसर में 25 सीटों वाला वीआर थियेटर भी लगभग तैयार है. उम्मीद है कि इसका उद्घाटन इसी माह के अंत तक हो जाएगा. यहां दर्शकों को 3डी और 4डी का रोमांचक अनुभव मिलेगा. खास तरह की सिम्युलेटर कुर्सियां और वीआर हेडसेट की मदद से लोग रोलर कोस्टर राइड, पानी के भीतर जाने का अहसास और कंपन जैसी गतिविधियों को प्रत्यक्ष अनुभव की तरह महसूस कर सकेंगे.
ऐसे मिलेगा खाना और ऐसा होगा रेस्टोरेंट
इसके अलावा, परिसर में हाल ही में ‘बिहार से’ नाम का एक अनोखा रेस्टोरेंट भी शुरू किया गया है. यहां पत्तल में खाना और कुल्हड़ में पानी दिया जाता है. दीवारों पर मिट्टी जैसे रंग और मिथिला पेंटिंग से सजी सजावट माहौल को पूरी तरह बना देती है. यहां के मेन्यू में मालपुआ, प्याजी, बचका, मुर्गा झोर, तली मछली, लिट्टी-चोखा और खुरमा जैसे पारंपरिक व्यंजन शामिल हैं.





