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बिहार पुलिस में शुरू हुई ‘नए कानून की क्लास’! आधुनिक तकनीक और BNSS की बारीकियां सीख कर पुलिसकर्मी होंगे और ज्यादा अपग्रेड

पटना में बिहार पुलिस को नए आपराधिक कानून BNSS 2023 और आधुनिक तकनीकों की ट्रेनिंग दी जा रही है. अब तक 3,137 पुलिसकर्मी प्रशिक्षित हो चुके हैं. सितंबर से नया बैच शुरू होगा. ट्रेनिंग में डिजिटल फॉरेंसिक, मोबाइल डेटा ट्रैकिंग, डीएनए और फिंगरप्रिंट साक्ष्य जैसी तकनीकों पर जोर है. इससे अपराधियों के खिलाफ मजबूत केस बनाना और उन्हें जल्द सजा दिलाना आसान होगा.

बिहार पुलिस में शुरू हुई ‘नए कानून की क्लास’! आधुनिक तकनीक और BNSS की बारीकियां सीख कर पुलिसकर्मी होंगे और ज्यादा अपग्रेड
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( Image Source:  Sora )

Bihar Police training, BNSS 2023 updates: बिहार पुलिस अब नए अंदाज़ और आधुनिक तेवर में नजर आने वाली है. अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे कानून को बदलकर अब भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (BNSS) लागू की जा रही है. इसी के तहत पुलिस विभाग अपने कर्मियों को अपग्रेड कर रहा है और उन्हें नए आपराधिक कानूनों, आधुनिक तकनीकों और साक्ष्य सुरक्षित करने की बारीकियों की ट्रेनिंग दी जा रही है.

सीआईडी के अंतर्गत एडवांस ट्रेनिंग स्कूल (एटीएस) में यह विशेष प्रशिक्षण चल रहा है, जहां हर महीने औसतन 350 पुलिसकर्मी प्रशिक्षित होते हैं. पिछले तीन सालों में 3,137 पुलिस कर्मियों को यह ट्रेनिंग दी जा चुकी है. अब 2 सितंबर से 173वां बैच शुरू होगा. जुलाई में हुए 171वें बैच में सीधे भर्ती हुए 343 दारोगाओं को प्रशिक्षित किया गया था.



इन विषयों पर हो रही ट्रेनिंग

पुलिस अधिकारियों को 15 दिनों का यह कोर्स कराया जा रहा है, जिसमें BNSS 2023 की नई धाराओं की जानकारी के साथ-साथ डिजिटल फॉरेंसिक, सीसीटीवी फुटेज विश्लेषण, मोबाइल डेटा ट्रैकिंग, डीएनए और फिंगरप्रिंट जैसे आधुनिक तरीकों पर विशेष जोर दिया जा रहा है. साथ ही, फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी से साक्ष्य जुटाने के तरीकों की भी ट्रेनिंग दी जा रही है.



प्रतिष्ठित संस्थानों से भी सहयोग

बिहार पुलिसकर्मियों को दिल्ली की नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, एनसीआरबी, चंडीगढ़ सीडीटीआई, हैदराबाद और मेघालय स्थित प्रतिष्ठित प्रशिक्षण संस्थानों में भी विशेष कोर्स कराया जा रहा है. आने वाले समय में दो हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को इन संस्थानों से प्रशिक्षित करने की योजना है.



अपराधियों को मिलेगी पक्की सजा

एडीजी-सीआईडी पारसनाथ ने कहा कि अगले वर्ष तक 2,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल से पुलिस को ठोस साक्ष्य जुटाने में आसानी होगी, जिससे अपराधियों को तेजी से और सुनिश्चित सजा दिलाई जा सकेगी।

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