Bihar Chunav 2025: एनडीए का एक का तिलिस्म, क्या 14 नवंबर को फिर सत्ता में होगी वापसी?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया. इस बार एनडीए के घोषणा पत्र में खास बात यह है कि हर पैराग्राफ में 'एक' तिलिस्म का जिक्र है. जैसे एक चेहरा, एक एजेंडा, एक वोट बैंक और एक रणनीति. इस बात को देखते हुए अभी से यह चर्चा होने लगी है कि क्या इस बार इस एक का जादू चुनाव परिणामों में दिखेगा? जानें 14 नवंबर की तारीख क्यों मानी जा रही है सत्ता की ‘कुंजी’.
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) बिहार का संकल्प पत्र (घोषणा पत्र) जारी होते ही उसको लेकर गहमागहमी पक्ष और विपक्ष दोनों के बीच चरम पर है. चर्चा का टॉपिक यह है कि ये एनडीए के 'एक' का तिलिस्म क्या है? एनडीए का यह 'एक' यानी वह गणित जिसने हर बार उसे सत्ता के करीब पहुंचाया है. क्या इस बात भी वही होगा क्या? विपक्ष इस बात पर गौर फरमा पाई है या नहीं. या फिर जब एनडीए इस 'एक' के तिलिस्म के बल पर खेल कर देगी तब उसे समझ में आएगा. यही वजह है कि आगामी 14 नवंबर को चुनावी परिणाम आने से पहले ही सियासी हलकों में यह सवाल गूंज रहा है. क्या एनडीए एक बार फिर वही करिश्मा दोहराने जा रही है? आइए, क्या है बिहार एनडीए के एक का तिलिस्म?
दरअसल, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 31 अक्टूबर को जो बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सभी सहयोगी दलों ने मिलकर एक ही संकल्प पत्र जारी किया है. एनडीए का संकल्प पत्र सिर्फ वादों का नहीं, विकास के विजन का दस्तावेज है. बताया जा रहा है कि यह बिहार को आत्मनिर्भर, शिक्षित और समृद्ध बनाने का संकल्प है, जिसमें हर वर्ग, हर क्षेत्र और हर नागरिक के उत्थान का रोडमैप शामिल है.
1. एक करोड़ सरकारी नौकरी
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने बिहार में अब तक 50 लाख युवाओं को रोजगार देने का काम किया है. सरकार बनने पर अगले पांच साल में 1 करोड़ सरकारी नौकरियों और रोजगार अवसरों के सृजन को सुनिश्चित करने का वादा किया है.
2. एग्री सेक्टर में 1 लाख करोड़ का निवेश
एनडीए के घोषणा पत्र में वादा किया गया है कि फिर से सत्ता में वापसी के बाद गठबंधन सरकार एग्री-इंफ्रास्ट्रक्चर में 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी. किसान सम्मान निधि 6,000 से बढ़ाकर ₹9,000 करने की योजना है. मछली पालकों को मदद राशि 4,500 से बढ़ाकर 9,000 किया जाएगा. पंचायत स्तर पर प्रमुख फसलों की एमएसपी पर खरीद की जाएगी. एग्री-इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये निवेश की योजना शामिल है.
3. एक करोड़ महिलाएं लखपति दीदी
बिहार सरकार ने चुनाव से पहले करीब सवा करोड़ महिलाओं को अपना कारोबार शुरू करने के लिए 10-10 हजार रुपये दिए हैं. एनडीए के घोषणा पत्र में बताया गया है कि इस महिलाओं को छह महीने बाद दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी मुहैया कराई जाएगी. ताकि वे अपने काम को आगे बढ़ा सकें. इस तरह से आने वाले समय में 1 करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बनकर आत्मनिर्भर बिहार की नई तस्वीर गढ़ेंगी, जिसे एनडीए ने 'सशक्त नारी, समृद्ध बिहार' के संकल्प पत्र में शामिल किया है.
4. हर जिले में एक मेगा स्किल सेंटर
एनडीए का संकल्प पत्र में इस बात का जिक्र है कि इस बार बिहार का औद्योगिक विकास होगा. इसके लिए हर जिले में फैक्ट्री, प्रदेश में 10 नए औद्योगिक पार्क, 100 MSME पार्क और 50,000 कुटीर उद्योग विकसित किए जाएंगे. इस संकल्प पर अमल के लिए हर जिले में एक मेगा स्किल सेंटर बनाए जाएंगे. बिहार में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए डिफेंस कॉरिडोर, सेमीकंडक्टर पार्क और बिहार को दक्षिण एशिया का टेक्सटाइल व सिल्क हब बनाने पर जोर दिया जाएगा.
5. हर अनुमंड में SC के लिए 1-1 आवासीय विद्यालय
बिहार के हर अनुमंडल में एससी वर्ग के लिए एक-एक आवासीय विद्यालय खोलने का वादा भी संकल्प पत्र में है. ताकि बेहतर शिक्षा के लिए सभी को समान अवसर मिल कसे. इससे बच्चों और युवाओं का सशक्तिकरण होगा.
6. हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज
बिहार के हर स्वीकृत जिले में मेडिकल कॉलेज और एक विश्व स्तरीय मेडिसिटी बनाने की की योजना है. इसका मकसद बिहार के लोगों को इलाज के लिए बाहर जाने मजबूरी से निजात दिलाना है. इस योजना पर अमल के बाद बिहार दूसरों को इलाज देने वाला राज्य बनेगा.
7. NDA की रणनीति
एनडीए के नेता इस बार 'सबका साथ, सबका विकास' को स्थानीय मुद्दों से जोड़ने की रणनीति पर भी काम कर रहे हैं. बीजेपी ने महिला मतदाताओं को केंद्र में रखकर योजनाएं बनाई हैं. जेडीयू ग्रामीण वोट बैंक को साधने में जुटी है. हम और वीआईपी जैसे सहयोगी दल सीमांत जिलों में जातीय समीकरण को संतुलित कर रहे हैं. एनडीए का चुनावी नारा भी इस बार इसी तिलिस्म को मजबूत करता है. इस योजना को प्रभावी बनाने के लिए एक चेहरा, एक एजेंडा, एक वोट बैंक और एक रणनीति का भी नारा एनडीए ने चुनाव में दिया है.
जैसे 2010 में एनडीए का ‘एक चेहरा’ था, और वो थे नीतीश कुमार की सुशासन छवि. 2019 में ‘एक एजेंडा’ था और वो था मोदी सरकार की राष्ट्रवादी लहर. 2020 में ‘एक समीकरण’ था, बीजेपी-जेडीयू गठबंधन की सामाजिक गणित.
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि एनडीए का यह 'एक का तिलिस्म' तभी कारगर होगा जब ग्रामीण महिला वोटरों का रुझान भाजपा-जेडीयू की ओर बना रहे. महागठबंधन के अंदरूनी मतभेद गहराते रहें. अगर ऐसा हुआ, तो 14 नवंबर को सत्ता का पलड़ा फिर एनडीए के पक्ष में झुक सकता है.
8. ‘एनडीए का तिलिस्म’ क्या है?
बिहार की राजनीति में एनडीए का ‘एक का तिलिस्म’ शब्द पिछले कुछ चुनावों से प्रचलित है. इसका अर्थ है एनडीए हमेशा किसी ‘एक कारक’ (One Factor) के दम पर जीत हासिल करती आई है.
9. 14 नवंबर क्यों है खास?
14 नवंबर 2025 को चुनाव परिणाम आने की संभावित तारीख मानी जा रही है. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि यह दिन एनडीए के लिए निर्णायक साबित हो सकता है, क्योंकि कई सीटों पर मुकाबला बेहद करीब है. आरजेडी और कांग्रेस में उम्मीदवारों के बीच अंतर्विरोध बढ़ा है. एनडीए ने इस बार स्थानीय चेहरों और कल्याण योजनाओं को केंद्र में रखा है.





