'चप्पल से मारा जाएगा', लालू परिवार को लगी किसकी नजर, संजय और रमीज कौन? जिन पर तेज प्रताप के बाद रोहिणी ने लगाए ये आरोप-VIDEO
लालू प्रसाद यादव के परिवार में कलह एक बार फिर सुर्खियों में है. तेज प्रताप यादव के बाद अब रोहिणी आचार्य ने संजय यादव और रमीज पर परिवार में दरार डालने का आरोप लगाया है. रोहिणी का यह बयान संगठन बनाम परिवार की बढ़ती खींचतान को उजागर करता है और आरजेडी के भीतर सत्ता-संतुलन को सवालों में घेरता है. आने वाले समय में यह अंदरूनी विवाद तेजस्वी यादव के नेतृत्व और पार्टी एकजुटता पर बड़ा असर डाल सकता है.
Lalu Prasad Yadav family controversy: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का परिवार एक बार फिर सुर्खियों में है. कभी बिहार की राजनीति को दिशा देने वाला यह 'पहला परिवार' आजकल घर के भीतर की लड़ाइयों की वजह से चर्चा में है. ताजा विवाद लालू की बेटी रोहिणी आचार्य और पार्टी के दो करीबी चेहरों संजय यादव व रमीज आलम को लेकर उभरा है. इससे पहले तेज प्रताप यादव भी कई बार सार्वजनिक रूप से अपनी ही पार्टी और परिवार के लोगों से नाराजगी दिखा चुके हैं. ऐसे में सवाल यह है कि आखिर लालू परिवार को नजर किसकी लग गई है.
लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के 7 बेटियां और 2 बेटे हैं. इनमें से मीसा भारती (राज्यसभा सांसद), तेज प्रताप यादव (पूर्व विधायक), तेजस्वी यादव (पूर्व उपमुख्यमंत्री) और रोहिणी आचार्य (डॉक्टर से राजनेता बनीं) राजनीति में सक्रिय रहे हैं. 2024 में रोहिणी ने सारण लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन हार गईं. जुलाई 2022 में उन्होंने लालू को अपनी एक किडनी दान की थी, जिससे वे परिवार की 'लाडली' बेटी के रूप में जानी जाती रहीं, लेकिन हाल के महीनों में परिवारिक तनाव बढ़ा, खासकर तेजस्वी के बढ़ते प्रभाव और उनके सलाहकारों के कारण...
तेज प्रताप की नाराजगी: परिवार में कलह की पहली दरार?
लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पिछले कुछ वर्षों से अपनी ही पार्टी के नेताओं से टकराव की वजह से विवादों में रहे हैं. कई बार वह सीधे-सीधे यह आरोप लगा चुके हैं कि कुछ लोग उनके पिता लालू और भाई तेजस्वी के बीच दूरी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. तेज प्रताप ने संजय यादव को 'जयचंद' और 'गद्दार' कहा. उन्होंने आरोप लगाया कि वे परिवार में फूट डाल रहे हैं और पार्टी के टिकट बंटवारे व फैसलों में अनुचित दखल दे रहे हैं. उनका आरोप था कि उन्हें 'सिस्टमेटिकली साइडलाइन' किया जा रहा है और उनके आसपास के लोगों को प्रेशर में लाकर हटाया जा रहा है. तेज प्रताप की नाराजगी ने परिवार के भीतर चल रही गुटबाजी को पहली बार सार्वजनिक किया था.
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अब रोहिणी आचार्य क्यों भड़कीं?
किडनी दान कर अपने पिता का जीवन बचाने वाली रोहिणी आचार्य हमेशा से लालू परिवार में सबसे भावनात्मक और स्पष्टवादिनी मानी जाती हैं, लेकिन अब उन्होंने जिस तरह तीखे अंदाज़ में संजय यादव और रमीज पर सवाल खड़े किए, उसने राजनीतिक गलियारे हिला दिए. बिहार चुनाव नतीजों के ठीक 24 घंटे बाद रोहिणी ने X पर पोस्ट किया, "मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं. संजय यादव और रमीज ने मुझे यही करने को कहा था और सारा दोष मैं अपने ऊपर ले रही हूं."
"मेरा कोई परिवार नहीं है, संजय यादव- रमीज और तेजस्वी ने मुझे घर से निकाल दिया"
पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में रोहिणी ने कहा, "मेरा कोई परिवार नहीं है. संजय यादव, रमीज और तेजस्वी ने मुझे घर से निकाल दिया. अगर सवाल पूछोगे (चुनाव हार पर), तो गालियां मिलेंगी, बदनाम किया जाएगा, चप्पल से मारा जाएगा."
रोहिणी ने RJD की हार पर सवाल उठाए थे, जिसके बाद उन्हें अपमानित महसूस हुआ. उन्होंने तेजस्वी, लालू और RJD को पहले ही X पर अनफॉलो कर दिया था. रोहिणी का कहना है कि संजय-रमीज ने उन्हें हार की जिम्मेदारी लेने के लिए मजबूर किया, जबकि वे खुद बच निकले.
कौन हैं संजय यादव?
संजय यादव हरियाणा के महेंद्रगढ़ के मूल निवासी हैं. उन्होंने कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स किया है. 2012 में वे आरजेडी से जुड़े, जिसके बाद उन्हें 2024 में राज्यसभा भेजा गया. संजय लंबे समय से तेजस्वी यादव के सबसे भरोसेमंद सलाहकार और स्ट्रैटेजिस्ट माने जाते हैं. चुनावी रणनीति से लेकर सोशल मीडिया मैनेजमेंट तक, संजय की भूमिका बेहद अहम बताई जाती है.. लेकिन तेज प्रताप और अब रोहिणी, दोनों का संकेत यही है कि संजय यादव एक 'पावर सेंटर' की तरह काम कर रहे हैं, और पार्टी के कई फैसले उनके प्रभाव में लिए जा रहे हैं.
तेज प्रताप ने जय को कुर्सी हथियाने वाला कहा. वहीं, रोहिणी ने कहा कि हार की जिम्मेदारी से बचने के लिए उन्हें बलि का का बकरा बनाया. लालू परिवार के कई सदस्य उनके बढ़ते प्रभाव से नाराज हैं. हालांकि. संजय यादव ने कई बार साफ किया है कि वे सिर्फ पार्टी के लिए काम करते हैं और परिवार को भड़काने जैसी बात पूरी तरह गलत है.
रमीज नेमत खान कौन हैं?
रमीज नेमत खान तेजस्वी यादव के बेहद करीबी और सोशल मीडिया–आईटी टीम से जुड़े माने जाते हैं. उन पर आरोप है कि वे परिवार के अंदर की बातों को बाहर तक ले जाते हैं.. और तेजस्वी के इर्द-गिर्द एक ऐसा घेरा बना चुके हैं, जिससे तेज प्रताप और परिवार के कुछ सदस्य असहज महसूस करते हैं. रोहिणी के हालिया ट्वीट/पोस्ट ने आग में घी डालने का काम किया, जिसमें उन्होंने बिना नाम लिए सीधा इशारा रमीज और संजय की ओर किया.
परिवार vs संगठन: टूटता संतुलन
लालू प्रसाद यादव हमेशा परिवार–संगठन–नेतृत्व के बीच एक मजबूत संतुलन बनाकर चलते थे, लेकिन आज तेजस्वी की बढ़ती ताकत, तेज प्रताप की उपेक्षा की भावना, रोहिणी की भावनात्मक प्रतिक्रिया और संजय–रमीज जैसे चेहरों का प्रभाव, ने मिलकर एक अंदरूनी खींचतान की तस्वीर सामने ला दी है.
क्या यह सिर्फ परिवार की लड़ाई है या सियासी रणभूमि?
विशेषज्ञों के अनुसार लालू परिवार के भीतर की यह कलह सिर्फ घरेलू झगड़ा नहीं, बल्कि आने वाली राजनीति का संकेत है - तेजस्वी की ऊंचाई बढ़ने के साथ उनका ‘कोर टीम’ मजबूत हो रही है. पुराने और परिवार के सदस्य खुद को किनारे महसूस कर रहे हैं. परिवार के भीतर नेतृत्व का केंद्रीकरण विवाद को हवा दे रहा है.
आगे क्या? क्या लालू इस विवाद को सुलझा पाएंगे?
लालू प्रसाद यादव की छवि हमेशा बड़े फैसले लेने की रही है, लेकिन उनकी उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए यह चुनौती और बड़ी हो गई है.अब सवाल है, क्या लालू अपने कुनबे को फिर एकजुट कर पाएंगे? या यह कलह आने वाले चुनावों में आरजेडी के लिए बड़ी समस्या बन जाएगी?





