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'सबको निकाल दोगे तो बचेगा कौन?', तेज प्रताप का तेजस्वी से सीधा सवाल, लालू परिवार में बढ़ा विवाद

लालू यादव के परिवार में चल रहा विवाद खुलकर सामने आ गया है. तेज प्रताप यादव ने तेजस्वी यादव पर संगठनात्मक फैसलों को लेकर सवाल उठाते हुए कहा है कि सबको निकाल दोगे तो बचेगा कौन? इस बयान के बाद आरजेडी में सियासी हलचल तेज हो गई है. दूसरी तरह आरजेडी के समर्थकों के एक गुट का रोहिणी आचार्य के समर्थन में नारेबाजी जारी है. नाराज लोग आरजेडी के जयचंद को पार्टी से बाहर निकालने की मांग कर हरे हैं.

सबको निकाल दोगे तो बचेगा कौन?, तेज प्रताप का तेजस्वी से सीधा सवाल, लालू परिवार में बढ़ा विवाद
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( Image Source:  Facebook Tejashwi and Tej pratap )

बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार में खींचतान का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. बिहार चुनावी परिणाम आने के बाद जहां एनडीए सरकार गठन की प्रक्रिया में जुटी है, वहीं हार के बाद आरजेडी अंदरूनी समीक्षा में जुटी है. इस बीच तेज प्रताप यादव ने एक बार फिर तेजस्वी यादव के फैसलों पर सवाल उठाते हुए बड़ा सवाल पूछा है. उन्होंने तेजस्वी से पूछा है, “सबको निकाल दोगे तो बचेगा कौन?”. उनके बयान ने पार्टी और परिवार में एक बार सियासी माहौल को गर्म कर दिया है.

तेज प्रताप यादव ने कहा, "पहले मुझे जयचंदों ने घर से निकलवाया. अब उनकी बहन रोहिणी को घर से निकाला गया है. अगर ऐसा ही करते रहे तो परिवार और पार्टी में बचेगा कौन? इसके आगे उन्होंने कहा है कि अब जनता भी यही सवाल पूछ रही है."

जनशक्ति जनता दल के प्रमुख तेज प्रताप यादव ने पार्टी से जुड़े कई पुराने नेताओं की लगातार हो रही उपेक्षा और निष्कासन पर सख्त नाराजगी जताई है. तेजस्वी यादव पार्टी को मजबूत करने के बजाय लगातार अपने ही लोगों को बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं.

तेज प्रताप यहीं नहीं रुके. इसके आगे उन्होंने कहा, "जब मुझे निकाला गया था, तो यही लोग सोच रहे थे कि तेज प्रताप तो फालतू है. इससे क्या फर्क पड़ेगा? मुझे रोककर रखा गया. मेरी आवाज दबाई गई. फिर भी मैं पूरे मन से पार्टी में लगा रहा. जिस दिन मैं बाहर निकला और 'नई RJD' की सच्चाई जनता के सामने आ गई. उसी दिन इनको समझ आ गया कि इन्होंने क्या खोया है. देख लीजिए आंकड़े क्या कहते हैं?"

जयचंदों ने पहुंचाया पार्टी और परिवार को नुकसान

तेज प्रताप ने ये भी कहा कि 2015 के चुनाव में आरजेडी को 80 सीटें मिली थी. साल 2020 विधानसभा चुनाव में 75 सीटें मिली और जयचंदों के चक्कर में 2025 में ये संख्या गिरका 25 सीट तक पहुंच गई.

तेजस्वी नेतृत्व शैली पर पहले भी उठा चुके हैं सवाल

यहां पर इस बात का भी जिक्र कर दें कि लालू परिवार में राजनीतिक मतभेद पहली बार सामने नहीं आए हैं. इससे पहले भी तेज प्रताप ने कई मौकों पर तेजस्वी की नेतृत्व शैली पर टिप्पणी की थी. पार्टी में फैसले लेने के तरीके को लेकर दोनों की सोच अक्सर अलग-अलग रही है.

तेज प्रताप यादव की कमजोरी कहें या मजबूती वो हर मसले पर खुलकर बोलते हैं, जबकि तेजस्वी संगठनात्मक अनुशासन की बात करते हैं. इस बार भी बयानबाजी ने परिवार के भीतर तनाव को सड़क पर ला दिया है.

वहीं बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम ने आरजेडी की राजनीति को लेकर नई बहस शुरू कर दी है. पार्टी को जिस उम्मीद से अधिक सीटों की अपेक्षा थी, वह पूरी नहीं हुई. हार के बाद जहां तेजस्वी समीक्षा कर रहे हैं, वहीं तेज प्रताप इसे गलत नेतृत्व शैली का नतीजा बता रहे हैं.

लालू की चुप्पी से सब हैरान

अब तेज प्रताप के बयान ने यह साफ कर दिया है कि नेता, कार्यकर्ता और पुराने चेहरे धीरे-धीरे पार्टी से दूरी बना रहे हैं. इसकी वजह उनकी नजर में मजबूत नेतृत्व की कमी है. इस तरह के सार्वजनिक विवाद पार्टी के राजनीतिक भविष्य पर सीधा असर डाल सकते हैं. इन सबके बीच लालू प्रसाद यादव की चुप्पी सबको हैरान कर रही है. वे दोनों बेटों के बीच सामंजस्य की कोशिश करते हैं, लेकिन बार-बार ऐसे विवाद सामने आना बताता है कि स्थिति इतनी सरल नहीं है. बिहार के सियासी जानकारों के मुताबिक लालू यादव को जल्द हस्तक्षेप करना होगा, नहीं तो मामला और बढ़ सकता है.

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