Begin typing your search...

बिहार चुनाव के फेज 2 में बदल गया BJP का 'प्लान ऑफ अटैक', सीमांचल में घुसपैठ बना बड़ा मुद्दा; महागठबंधन पर बरसे मोदी-शाह

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने सीमांचल क्षेत्र से बीजेपी का नया नैरेटिव सेट किया है. इस बार भाजपा ने विकास से आगे बढ़कर ‘घुसपैठ’ और ‘सीमा सुरक्षा’ को चुनावी केंद्र बनाया है. मोदी ने कहा, “हर घुसपैठिया जाएगा, ये मोदी की गारंटी है”, वहीं शाह ने लालू-राहुल पर 'घुसपैठियों का स्वागत' करने का आरोप लगाया. सीमांचल की मुस्लिम बहुल सीटों पर यह नैरेटिव हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिश माना जा रहा है.

बिहार चुनाव के फेज 2 में बदल गया BJP का प्लान ऑफ अटैक, सीमांचल में घुसपैठ बना बड़ा मुद्दा; महागठबंधन पर बरसे मोदी-शाह
X
( Image Source:  ANI )

Bihar Elections 2025, Seemanchal region: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सीमांचल क्षेत्र से अपने अभियान का अगला चरण शुरू किया है. अबकी बार भाजपा ने अपने चुनावी नैरेटिव में विकास और सुशासन से आगे बढ़ते हुए 'घुसपैठ' (Illegal Infiltration) को मुख्य मुद्दा बना दिया है. गुरुवार को अररिया और भागलपुर में रैलियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “घुसपैठ देश की सुरक्षा और सुशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुकी है.” उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि आरजेडी और कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति के लिए “घुसपैठियों की रक्षा” कर रही हैं.

पीएम मोदी ने अररिया में कहा, “एनडीए सरकार ईमानदारी से हर एक घुसपैठिए की पहचान कर उसे देश से बाहर करने में लगी है, लेकिन आरजेडी और कांग्रेस जैसे दल इन्हें बचाने में जुटे हैं. ये लोग झूठ फैलाकर जनता को गुमराह कर रहे हैं.” भागलपुर और पूर्णिया की रैलियों में उन्होंने आगे कहा, “हर घुसपैठिए को जाना होगा. देश में कानून का राज चलेगा, घुसपैठियों की मनमानी नहीं. ये मोदी की गारंटी है.” प्रधानमंत्री ने इस बार के चुनाव में पहले चरण में विकास और दूसरे चरण में सुरक्षा और पहचान को चुनावी विमर्श का आधार बनाया है.

सीमांचल का राजनीतिक महत्व

दूसरा चरण बिहार के सीमांचल क्षेत्र की सीटों पर केंद्रित है- अररिया, किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया जैसे जिले, जो पश्चिम बंगाल और नेपाल की सीमा से सटे हैं. 2011 की जनगणना के अनुसार, सीमांचल की लगभग 47% आबादी मुस्लिम है, जबकि राज्य का औसत 17.7% है. यह इलाका परंपरागत रूप से आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन का मजबूत गढ़ रहा है. 2020 के विधानसभा चुनाव में यहां AIMIM ने भी पांच सीटें जीतकर समीकरणों में बदलाव किया था, जिससे बीजेपी को अप्रत्यक्ष रूप से फायदा हुआ.

‘घुसपैठ’ से जनसंख्या संतुलन पर खतरा, बीजेपी का दावा

भाजपा नेताओं का कहना है कि सीमांचल में Summary Inclusion and Revision (SIR) प्रक्रिया के दौरान मतदाता सूची में संदिग्ध नामों की पहचान हुई है. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष पाठक ने कहा, “सार्वजनिक दस्तावेजों में बिना वैध पहचान के लोगों को आधार कार्ड जारी किए जा रहे हैं। यह साफ संकेत है कि सीमांचल में घुसपैठ वास्तविक समस्या है.”

“लालू-राहुल कहते हैं, घुसपैठियों का स्वागत करो”

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी बिहार के उत्तरी जिलों में रैलियां कीं और विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “लालू प्रसाद यादव और राहुल गांधी घुसपैठियों का स्वागत करते हैं. ये दोनों देश की सुरक्षा से खेल रहे हैं, लेकिन बीजेपी और एनडीए की सरकार पूरे देश से घुसपैठियों को खत्म करेगी.”

शाह ने राहुल गांधी पर सेना को लेकर दिए गए बयान पर भी पलटवार करते हुए कहा, “राहुल गांधी को शर्म आनी चाहिए जो सेना के जवानों की जाति पूछते हैं। हमारे जवान हिंदुस्तान के हैं, किसी जाति के नहीं.” उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में पाकिस्तानी आतंकवादी बम फोड़कर चले जाते थे और उन्हें बिरयानी खिलाई जाती थी', जबकि मोदी सरकार में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसी कार्रवाई कर आतंकवादियों को उनके घर में मारा जाता है.

पहला चरण: रिकॉर्ड मतदान, शांतिपूर्ण चुनाव

मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद सिंह गुनजियाल के अनुसार, पहले चरण में 64.46% मतदान हुआ, जो बिहार के चुनावी इतिहास में सबसे अधिक है. कुल 3.75 करोड़ मतदाताओं ने 1,314 उम्मीदवारों की किस्मत तय की. एनडीए नेताओं का कहना है कि यह भारी मतदान 'जनता के विश्वास' और 'सुशासन पर भरोसे' का प्रतीक है.

सीमांचल पर भाजपा की रणनीति

दूसरे चरण में भाजपा का पूरा फोकस सीमांचल की जनसंख्या, सुरक्षा और घुसपैठ जैसे विषयों पर है. पार्टी का लक्ष्य यहां परंपरागत मुस्लिम वोटों से इतर हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण कर राष्ट्रीय सुरक्षा के एजेंडे को आगे बढ़ाना है. यह रणनीति पहले असम और पश्चिम बंगाल में भी भाजपा के लिए कारगर साबित हुई थी.

‘सीमांचल’ क्यों है निर्णायक क्षेत्र?

सीमांचल की चार जिलों की 24 विधानसभा सीटें दूसरे चरण में वोटिंग के लिए बेहद अहम हैं. आइए जानते हैं कि सीमांचल में किस जिले में कितनी विधानसभा सीटें हैं;

  • किशनगंज: ठाकुरगंज, बहादुरगंज, कोचाधामन, जोकिहाट, अमौर और किशनगंज.
  • अररिया: अररिया, फोर्ब्सगंज, पलासी, रानीगंज, सिक्ती और जोकिहाट.
  • कटिहार: कटिहार, बलरामपुर, कदवा, प्रणपुर, कोरहा और मनिहारी.
  • पूर्णिया: पूर्णिया,बैसी, अमौर, कटिहार, बलरामपुर और कदवा.

वोटिंग के बाद क्या होगा असर?

जैसे-जैसे बिहार सीमा क्षेत्रों में मतदान आगे बढ़ेगा, भाजपा की यह 'घुसपैठ बनाम सुरक्षा' थीम पर आधारित राजनीति चुनावी परिणामों को गहराई से प्रभावित कर सकती है. दूसरा चरण न केवल सीमांचल की दिशा तय करेगा, बल्कि यह भी बताएगा कि मोदी की 'घुसपैठ पर ताला' गारंटी जनता के साथ कितना तालमेल बिठा पाई है.

बिहारबिहार विधानसभा चुनाव 2025नरेंद्र मोदीअमित शाह
अगला लेख