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आरक्षण, रोजगार और पेंशन की तिकड़ी से तेजस्वी के वादों की उड़ी धज्जियां, सीएम नीतीश ने ज़मीनी फैसलों से कर दी घेराबंदी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष को घेरने के लिए एक के बाद एक कई योजनाओं का ऐलान कर दिया है. महिलाओं को 35% आरक्षण, पेंशन में तीन गुना बढ़ोतरी और युवा आयोग की घोषणा जैसे फैसलों से नीतीश ने तेजस्वी यादव के बड़े वादों की धार कुंद कर दी है. सत्ता बचाने की यह रणनीति कारगर साबित हो सकती है.

आरक्षण, रोजगार और पेंशन की तिकड़ी से तेजस्वी के वादों की उड़ी धज्जियां, सीएम नीतीश ने ज़मीनी फैसलों से कर दी घेराबंदी
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 10 July 2025 7:56 AM

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक के बाद एक चुनावी तोहफों की झड़ी लगा दी है, जिससे विपक्ष खासकर तेजस्वी यादव के वादों की धार कुंद होती दिख रही है. महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण, सामाजिक सुरक्षा पेंशन में तीन गुना बढ़ोतरी और बिहार युवा आयोग का गठन जैसे फैसले नीतीश सरकार की रणनीतिक बढ़त को दर्शाते हैं. ये घोषणाएं नीतीश की छवि एक अनुभवी और फैसले लेने वाले नेता के रूप में मजबूत करती हैं.

दूसरी ओर, तेजस्वी यादव महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये और युवाओं को 10 लाख नौकरियों का वादा कर रहे हैं. लेकिन नीतीश सरकार के ताबड़तोड़ फैसलों के सामने उनके वादे फिलहाल हवा में झूलते नजर आ रहे हैं. कांग्रेस की तरफ से भी सेनेटरी पैड्स पर राहुल गांधी की तस्वीर लगाकर महिला वोटरों को लुभाने की कोशिश हो रही है, लेकिन नीतीश के फैसलों ने इन प्रचार अभियानों को फिलहाल फीका कर दिया है.

नीतीश का आरक्षण कार्ड: मास्टरस्ट्रोक

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 8 जुलाई को हुई कैबिनेट बैठक में महिलाओं को 35% डोमिसाइल आरक्षण देने का ऐलान कर राजनीतिक जमीन हिला दी. यह आरक्षण अब राज्य की सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को मिलेगा. साथ ही बिहार में डोमिसाइल नीति को लागू कर दिया गया है. इस फैसले को चुनावी रणनीति का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है, जिससे नीतीश कुमार ने महिला वोटर्स के बीच गहरी पैठ बना ली है.

युवाओं को साधने की नई रणनीति: ‘युवा आयोग’

बेरोजगारी के मुद्दे को देखते हुए राज्य सरकार ने ‘बिहार युवा आयोग’ के गठन की घोषणा की है. यह आयोग युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार दिलाने के साथ-साथ उनके कौशल विकास पर भी काम करेगा. इससे तेजस्वी यादव के उस चुनावी वादे पर सीधा प्रहार माना जा रहा है जिसमें उन्होंने 10 लाख सरकारी नौकरियों का वादा किया था. नीतीश सरकार दावा कर रही है कि 2020 के बाद अब तक 10 लाख सरकारी नौकरियां और 34 लाख युवाओं को रोजगार योजनाओं से जोड़ा गया है.

पेंशन योजना की मार से विपक्ष ढीला

नीतीश सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत वृद्धों, विधवाओं और दिव्यांगों की पेंशन को तीन गुना तक बढ़ाकर बड़ा सामाजिक फैसला लिया है. इससे विपक्ष के पेंशन से जुड़े वादे फीके पड़ गए हैं. यह कदम ना सिर्फ बुजुर्गों को राहत देगा बल्कि सरकार की संवेदनशील छवि को भी मजबूत करेगा. इससे नीतीश कुमार को ग्रामीण और निम्न आय वर्ग से जुड़े वोटर्स का समर्थन मिलने की संभावना बढ़ गई है.

जनता के बीच सीएम की पकड़ मजबूत

चुनावी साल में नीतीश कुमार की घोषणाओं की श्रृंखला ने जनता के बीच उनकी छवि को और मजबूती दी है. योजनाओं को ज़मीनी स्तर पर उतारने की कोशिश, आरक्षण और रोजगार से जुड़े ठोस कदम, साथ ही पेंशन योजनाओं में बढ़ोतरी से यह स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि नीतीश कुमार चुनाव से पहले ही चुनावी नैरेटिव को अपने पक्ष में मोड़ने में सफल हो रहे हैं. वहीं तेजस्वी यादव भी आक्रामक शैली में मोर्चा संभाले हुए हैं – ऐसे में बिहार की जंग दिलचस्प होती जा रही है.

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