Zubeen Garg के लिए क्यों रोया असम? CM हिमंत सरमा ने इमोशनल वीडियो शेयर कर बताई सिंगर की खासियत, कहा- सबसे अच्छे...
असम और संगीत प्रेमियों के लिए 19 सितंबर का दिन हमेशा यादगार रहेगा, लेकिन इस बार यादें ग़म के साथ जुड़ गईं. मशहूर सिंगर जुबीन गर्ग के अचानक निधन ने पूरे राज्य को शोक में डुबो दिया. उनके फैंस, साथी कलाकार और आम लोग सब स्तब्ध रह गए. लोग लगातार पूछ रहे थे कि आखिर जुबीन गर्ग के लिए असम इतना भावुक क्यों है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस सवाल का जवाब खुद दिया और सोशल मीडिया पर एक भावुक कर देने वाला वीडियो भी शेयर किया

असम की गलियों में हर धड़कन, हर सांस इन दिनों सिर्फ एक ही नाम पुकार रही है जुबिन गर्ग एक ऐसी आवाज जो पीढ़ियों को जोड़ती थी, जिनकी सुरमयी रूह सीधे दिल को छू जाती थी. शुक्रवार को सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान दौरा पड़ने के कारण 52 साल के मशहूर सिंगर जुबिन गर्ग ने अंतिम सांस ली और इसी के साथ असम और पूरे देश में शोक की गहरी लहर दौड़ गई.
जुबिन की मौत ने असम के सभी लोगों को रूला दिया. सीएम हिमंत ने कहा कि लोग पूछ रहे हैं कि आखिर जुबिन की मौत पर लोगों की आंखें क्यों नम हैं? इस पर सीएम ने एक बेहद प्यारा और इमोशनल वीडियो शेयर किया है.
सीएम हिमंत ने शेयर किया वीडियो
जुबीन के पार्थिव शरीर को 21 सितंबर को सिंगापुर से दिल्ली और फिर गुवाहाटी लाया गया. असम में मानो पूरा राज्य ही थम गया. सड़कों पर लाखों लोग सिर्फ एक झलक पाने के लिए उमड़ पड़े. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया पर एक इमोशनल वीडियो शेयर किया.
जुबिन की मौत पर असम क्यों हुआ भावुक?
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट करते हुए कहा कि ' पिछले कुछ दिनों में, असम के बाहर के कई लोग पूछ रहे हैं कि हम जुबीन के लिए इतने भावुक क्यों हैं. इसका एक ही जवाब नहीं है, लेकिन तीन चीजें साफ हैं. पहली, उनका संगीत सीधे हमारे दिल को छूता था और असम की विविधता को पूरी तरह से दिखाता था. दूसरी, वह बेहद बहादुर थे जन्म से ही विद्रोही और अपनी राय को खुलकर रखने वाले. और तीसरी, वह सबसे मददगार और दयालु इंसानों में से एक थे. सरमा ने कहा कि जुबीन हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगे.'
राज्य शोक और राजकीय सम्मान
असम सरकार ने 20 से 22 सितंबर तक पूरे राज्य में राजकीय शोक घोषित किया. इस दौरान कोई भी मनोरंजन कार्यक्रम या समारोह नहीं हुआ. 23 सितंबर को जुबीन का अंतिम संस्कार गुवाहाटी में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया. यह सिर्फ एक अंतिम संस्कार नहीं था, बल्कि एक ऐसे कलाकार को विदाई थी, जिसने हर किसी के दिल में अपनी खास जगह बना ली थी.