एक झटके में थम गई 14 मजदूरों की सांस, भीषण सड़क हादसा बना काल; 7 मजदूर लापता
अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले में 8 दिसंबर की रात एक दर्दनाक सड़क हादसा सामने आया, जिसमें असम के तिनसुकिया जिले के कम से कम 14 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 7 मजदूर अब भी लापता बताए जा रहे हैं. इस भीषण हादसे में महज 1 मजदूर ही बच पाया.
अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले में 8 दिसंबर की रात एक दर्दनाक सड़क हादसा सामने आया, जिसमें असम के तिनसुकिया जिले के कम से कम 14 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 7 मजदूर अब भी लापता बताए जा रहे हैं. मजदूर जिस ट्रक (डंपर) में सफर कर रहे थे, वह अचानक गहरी खाई में गिर गया, जिससे मौके पर ही कई लोगों की जान चली गई.
स्टेट मिरर अब WhatsApp पर भी, सब्सक्राइब करने के लिए क्लिक करें
हादसा इतना भीषण था कि कई शव खाई से निकालने में घंटों लग गए. राहत और बचाव दल द्वारा अब तक 14 शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि एक मजदूर जीवित मिला है. बाकी लापता मजदूरों की तलाश तेजी से जारी है.
हयूलियांग-चागलागम रोड पर हुआ हादसा
तिनसुकिया के डिप्टी कमिश्नर स्वप्नील पॉल ने बताया कि दुर्घटना अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में हयूलियांग-चागलागम रोड पर हुई. उन्होंने कहा “अंजाव और तेजू दोनों जिला प्रशासन ने पुष्टि की है कि अब तक 14 शव बरामद किए गए हैं और एक व्यक्ति जीवित मिला है. सात अन्य अभी भी लापता हैं.”
निर्माण कार्य के लिए गए थे 22 मजदूर
तिनसुकिया के एसएसपी मयंक कुमार के अनुसार, जिले के 22 मजदूर एक छात्रावास निर्माण कार्य के लिए अरुणाचल प्रदेश गए थे. उन्होंने बताया डंपर में कुल 22 लोग सवार थे. इनमें से 21 मजदूरों की मौत हो चुकी है। ये सभी गिलपुकरी चाय बागान के धेलाघाट क्षेत्र के रहने वाले थे.
जीवित बचे बुधेश्वर दीप ने फोन कर बताई घटना
इस हादसे में केवल बुधेश्वर दीप ही जीवित पाए गए. उन्होंने बुधवार सुबह अपने रिश्तेदारों को फोन कर हादसे की जानकारी दी. एसएसपी कुमार ने बताया “उसी फोन कॉल से परिवार वालों और प्रशासन को घटना की जानकारी मिली.”
18 मजदूरों की हुई पहचान
हादसे में मरे और लापता हुए 18 मजदूरों की पहचान हो चुकी है, जिनमें राहुल कुमार, सोमिर दीप, अर्जुन कुमार, पंकज मानकी, अजय मानकी, बिजय कुमार, अभोय भूमिज, रोहित मानकी, बीरेंद्र कुमार, अगोर तांती, धीरेन छत्रिय, रोजोनी नाग, दीप गोवाला, रामसेबक सूना, सोनाटन नाग, संजय कुमार, करण कुमार और जुनाश मुंडा शामिल है.





