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चुनाव आयोग ने बढ़ाई SIR की समय-सीमा, छह राज्यों-केन्द्रशासित प्रदेशों के लिए जारी नई तारीखें; बंगाल को नहीं मिली राहत

चुनाव आयोग ने तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और अंडमान-निकोबार के लिए SIR की समय-सीमा बढ़ा दी है. ये बदलाव संबंधित राज्यों के CEO के अनुरोध पर किए गए हैं. पहले डेडलाइन 11 और 16 दिसंबर तय थी. हालांकि पश्चिम बंगाल को इस विस्तार में शामिल नहीं किया गया, जहां रिवीजन की अंतिम तारीख आज रात 12 बजे खत्म हो जाएगी. बंगाल में मतदाता सूची से 57 लाख से अधिक नाम हटाए जाने के बाद राजनीतिक तनाव पहले ही बढ़ा हुआ है.

चुनाव आयोग ने बढ़ाई SIR की समय-सीमा, छह राज्यों-केन्द्रशासित प्रदेशों के लिए जारी नई तारीखें; बंगाल को नहीं मिली राहत
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Published on: 11 Dec 2025 6:08 PM

देश में मतदाता सूची संशोधन को लेकर जारी राजनीतिक हलचल के बीच चुनाव आयोग (ECI) ने गुरुवार को स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का संशोधित शेड्यूल जारी कर दिया है. तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के लिए यह नई समय-सीमा वहां के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEO) के अनुरोध पर बढ़ाई गई है.

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पहले जारी शेड्यूल के मुताबिक इन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एन्यूमरेशन पीरियड 11 दिसंबर तक था और ड्राफ्ट वोटर लिस्ट का प्रकाशन 16 दिसंबर को होना था. अब आयोग ने इन चरणों को और आगे बढ़ाते हुए राहत दी है.

वहीं, इस विस्तार में पश्चिम बंगाल को शामिल नहीं किया गया है, जहाँ SIR की मौजूदा डेडलाइन गुरुवार रात 12 बजे समाप्त हो जाएगी. बंगाल में जारी रिवीजन प्रक्रिया विवादों और बड़े पैमाने पर मतदाता बहिष्करण के आंकड़ों के कारण पहले से ही राजनीतिक तौर पर गर्म है.

SIR विस्तार: अनियमितताओं के बीच आया बड़ा कदम

चुनाव आयोग का यह निर्णय उस समय आया है जब कई राज्यों में कथित अनियमितताओं की रिपोर्टें सामने आईं. कुछ मामलों में मृत मतदाताओं के नाम पर एन्यूमरेशन फॉर्म भरे जाने, अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों द्वारा मृत वोटरों के नाम पर दस्तावेज जमा करने और मृत BLOs की लॉगिन आईडी का इस्तेमाल कर फर्जी फॉर्म अपलोड करने जैसे गंभीर आरोप लगे थे. आयोग इन मामलों की निगरानी कर रहा है और इसी पृष्ठभूमि में SIR के अलग-अलग चरणों को बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की गई.

बंगाल को नहीं मिली मोहलत, SIR आज रात खत्म

नई समय-सीमा में पश्चिम बंगाल को शामिल नहीं किया गया है. यहाँ SIR की प्रक्रिया पहले से ही अंतिम चरण में है, और गुरुवार आधी रात को यह समाप्त हो जाएगी. चुनाव आयोग के अनुसार, बुधवार रात तक राज्य में कुल 57,52,207 मतदाताओं को ‘एक्सक्लूडेबल’ के रूप में पहचाना गया है- 24,14,750 मृत मतदाता. 19,89,914 स्थानांतरित (shifted) मतदाता. 11,57,889 लापता मतदाता. शेष में डुप्लीकेट और अन्य कारणों से बहिष्कृत वोटर शामिल हैं.

ड्राफ्ट और फाइनल वोटर लिस्ट की तारीखें तय

27 अक्टूबर 2025 की मतदाता सूची के अनुसार, पश्चिम बंगाल में कुल 7,66,37,529 वोटर दर्ज थे. SIR प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू हुई थी. ड्राफ्ट वोटर लिस्ट – 16 दिसंबर 2025, फाइनल वोटर लिस्ट- 14 फरवरी 2026, इसके तुरंत बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा होने की संभावना है.

आगे क्या?

पूरे मामले पर राजनीतिक बयानबाजी तेज है, जबकि आयोग का कहना है कि उद्देश्य केवल मतदाता सूची को शुद्ध और सटीक बनाना है. छह राज्यों को मिली राहत और बंगाल के लिए सख्त टाइमलाइन. दोनों मिलकर आने वाले महीनों में चुनावी माहौल को और गर्म कर देंगे.

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