देशभर में SIR पर संग्राम! EC बढ़ा सकता है UP समेत कई राज्यों में वोटर लिस्ट संशोधन की डेडलाइन, विपक्ष ने लगाया ये आरोप
चुनाव आयोग (EC) उत्तर प्रदेश और कई अन्य राज्यों में समरी रिवीजन (SIR) की डेडलाइन बढ़ाने की तैयारी में है. शीर्ष सूत्रों ने बताया कि आयोग इस पर गुरुवार को होने वाली समीक्षा बैठक में अंतिम फैसला लेगा, जिसमें एन्यूमरेशन फॉर्म के डिजिटलीकरण और सबमिशन की प्रगति का आकलन किया जाएगा.
चुनाव आयोग (EC) उत्तर प्रदेश और कई अन्य राज्यों में समरी रिवीजन (SIR) की डेडलाइन बढ़ाने की तैयारी में है. शीर्ष सूत्रों ने बताया कि आयोग इस पर गुरुवार को होने वाली समीक्षा बैठक में अंतिम फैसला लेगा, जिसमें एन्यूमरेशन फॉर्म के डिजिटलीकरण और सबमिशन की प्रगति का आकलन किया जाएगा. सूत्रों के अनुसार पश्चिम बंगाल भी उन राज्यों में शामिल है जहाँ समय-सीमा बढ़ने की संभावना है. इससे पहले आयोग केरल की अंतिम तिथि 11 दिसंबर से बढ़ाकर 18 दिसंबर कर चुका है.
विपक्ष के भारी विरोध के बाद बढ़ सकती है समय-सीमा
SIR की मौजूदा समय-सीमा को लेकर कई विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग की कड़ी आलोचना की थी. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC), CPI(M) और समाजवादी पार्टी (SP) ने आयोग पर आरोप लगाया था कि उसने “अव्यावहारिक डेडलाइन” थोप दी, जिससे BLOs पर अत्यधिक बोझ बढ़ा और मतदाताओं को असुविधा हुई. कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने आरोप लगाया कि EC ने “आखिरकार मान लिया कि पुरानी टाइमलाइन में काम पूरा होना संभव नहीं था.” उन्होंने आयोग से 2003 के व्यापक रिवीजन शेड्यूल को अपनाने की मांग की और कहा कि SIR पर संसद में बहस से बचना सरकार की “अनिच्छा” दर्शाता है.
TMC का बड़ा आरोप- '40 लोगों की मौत, प्रक्रिया जल्दबाजी में शुरू की गई”
तृणमूल कांग्रेस ने समय-सीमा बढ़ाने की संभावित घोषणा को अपनी चिंता सही ठहराते हुए कहा कि SIR “खराब तरीके से तैयार” किया गया था. TMC नेता जॉयप्रकाश मजूमदार ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में “कम से कम 40 लोगों, जिनमें BLO भी शामिल हैं, की मौत तनाव के कारण हुई.” उन्होंने इस प्रक्रिया को “राजनीतिक रूप से प्रेरित और जल्दबाजी में लागू” बताया.
UP में SP का हमला- '16 करोड़ वोटरों की एक महीने में जांच असंभव'
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि SIR, मतदाताओं और BLOs दोनों के लिए “बड़ी मुसीबत” बन गया है. उनके अनुसार, “उत्तर प्रदेश में करीब 16 करोड़ वोटरों की एक महीने में सत्यापन करना नामुमकिन है.' अब तक 50.8 करोड़ फॉर्म का डिजिटलीकरण, 23 लाख अभी बाकी. EC के नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि SIR की अंतिम तिथि से एक दिन पहले- 50.8 करोड़ एन्यूमरेशन फॉर्म डिजिटाइज किए जा चुके हैं. 23.22 लाख फॉर्म अभी भी लंबित हैं. SIR फेज-II के तहत 4 नवंबर से अब तक कुल 50.96 करोड़ फॉर्म वितरित हुए हैं.
केरल में 2.74 करोड़ फॉर्म (98.5%) डिजिटाइज हो चुके हैं, जिसके बाद वहां की समय-सीमा बढ़ाई गई. 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 99% से अधिक प्रगति. SIR फेज-II में शामिल 12 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में 27 अक्टूबर तक मतदाताओं की कुल संख्या 50.99 करोड़ थी. अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश और पुडुचेरी ने 100% डिजिटलीकरण पूरा कर लिया है. बाकी सभी राज्यों ने 99% से अधिक उपलब्धि दर्ज की है, केवल केरल पीछे है.
डेडलाइन बढ़ाने पर फैसला कल, कई राज्यों को मिल सकती है राहत
चुनाव आयोग की उच्चस्तरीय बैठक कल होने वाली है, जिसके बाद अधिक राज्यों के लिए नई डेडलाइन की औपचारिक घोषणा की जाएगी. विपक्ष के तीखे विरोध और BLOs की जमीनी परेशानियों के मद्देनज़र EC के इस निर्णय को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.





