'भाड़ में जाएं ICC और एशिया कप', UAE के साथ मैच से पहले PCB की बैठक में क्या हुई थी बात, हुआ बड़ा खुलासा
एशिया कप 2025 में भारत-पाक मैच के बाद हाथ मिलाने पर हुए विवाद ने बड़ा बवाल खड़ा कर दिया. PCB ने रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट को जिम्मेदार ठहराकर हटाने की मांग की और UAE मैच से पहले टूर्नामेंट से हटने की तैयारी कर ली. पूर्व PCB प्रमुख नजम सेठी ने खुलासा किया कि माहौल इतना गरम था कि "ICC और एशिया कप जाएं भाड़ में" जैसी बातें हुईं. हालांकि बहिष्कार से पाकिस्तान को ₹125 करोड़ का नुकसान और वैश्विक प्रतिबंध झेलना पड़ सकता था, इसलिए PCB ने पीछे हटकर खेल जारी रखा.

इस बार एशिया कप 2025 क्रिकेट टूर्नामेंट ने मैदान से ज़्यादा सुर्खियां राजनीति और विवादों के चलते बटोरीं. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के गलियारों से ऐसी बातें सामने आई हैं, जो यह दिखाती हैं कि पाकिस्तान टीम एक वक्त पर टूर्नामेंट से हटने की कगार पर थी. मामला इतना गंभीर हो गया था कि PCB ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) और एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) तक को खुली चुनौती देने का मन बना लिया था.
14 सितंबर को भारत और पाकिस्तान के बीच हुए मुकाबले के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से परहेज़ किया. इस घटनाक्रम ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को बेहद नाराज़ कर दिया. PCB ने इसे खेल भावना के खिलाफ करार दिया और सीधे मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट को जिम्मेदार ठहराया. यहां तक कि बोर्ड ने उनके हटाए जाने की मांग कर डाली.
UAE मैच से पहले बवाल
17 सितंबर को पाकिस्तान बनाम UAE मैच से पहले हालात और बिगड़ गए. PCB ने खिलाड़ियों को साफ निर्देश दे दिया कि वे स्टेडियम से बाहर न जाएं क्योंकि पाइक्रॉफ्ट उसी मैच के रेफरी थे. यहां तक कि टूर्नामेंट से बाहर निकलने की तैयारी भी हो रही थी. मैच की शुरुआत भी इसी वजह से देर से हो सकी.
नजम सेठी का बड़ा खुलासा
अब PCB के पूर्व चेयरमैन नजम सेठी ने इस पूरी घटना पर सनसनीखेज खुलासा किया है. उन्होंने कहा, "निर्णय पहले ही ले लिया गया था. माहौल ऐसा था कि सार्वजनिक दबाव में हम कहें - 'एशिया कप जाए भाड़ में, ICC जाए भाड़ में.' लेकिन मेरी सोच हमेशा यही रही है कि कानूनी दायरे में रहते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बने रहना चाहिए." सेठी ने आगे कहा कि अगर यह बहिष्कार हो जाता तो पाकिस्तान क्रिकेट को अपूरणीय क्षति होती.
संभावित नुकसान का अंदाज़ा
नजम सेठी के मुताबिक, बहिष्कार की स्थिति में पाकिस्तान पर कई सख्त कदम उठाए जा सकते थे. एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) की ओर से प्रतिबंध लग सकता था. ICC द्वारा जुर्माना लगाया जा सकता था. विदेशी खिलाड़ियों के पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) में खेलने से इनकार करने की आशंका थी.
ACC के प्रसारण अधिकारों से मिलने वाले 15 मिलियन डॉलर (लगभग ₹125 करोड़) का नुकसान होता. सेठी के शब्दों में, "यह PCB के लिए अस्तित्व का संकट साबित हो सकता था."
माफी का दावा और असली कहानी
काफी खींचतान के बाद पाकिस्तान ने टूर्नामेंट से हटने का फैसला टाल दिया और UAE के खिलाफ मैदान में उतरा. हालांकि PCB ने यह दावा किया कि उन्हें मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट की ओर से 'माफी' मिली है. लेकिन ICC ने साफ किया कि पाइक्रॉफ्ट ने सभी नियमों का पालन किया था और वे अपने पद पर बने रहेंगे. ICC सीईओ संजोग गुप्ता ने PCB प्रमुख और ACC अध्यक्ष मोहसिन नक़वी को साफ शब्दों में बता दिया कि पाइक्रॉफ्ट को नहीं हटाया जाएगा.
असल ग़लती किसकी?
पाकिस्तान की शिकायत यह थी कि 14 सितंबर को टॉस के समय पाकिस्तानी कप्तान सलमान और भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव के बीच हाथ मिलाने और टीम शीट्स के आदान-प्रदान को पाइक्रॉफ्ट ने रोक दिया. इसी को लेकर पाकिस्तान में भारी नाराज़गी फैली.
इस पूरे विवाद ने एक बार फिर दिखा दिया कि भारत-पाक क्रिकेट केवल खेल नहीं, बल्कि राजनीति और भावनाओं का अखाड़ा बन चुका है. PCB का आक्रामक रुख और नजम सेठी के बयान इस बात की पुष्टि करते हैं कि एक छोटी-सी घटना कैसे एशिया कप जैसे बड़े टूर्नामेंट को अस्तित्व के संकट में डाल सकती थी. फिलहाल पाकिस्तान टीम टूर्नामेंट में खेल रही है, लेकिन यह प्रकरण इतिहास में "एशिया कप विवाद 2025" के रूप में दर्ज हो चुका है.