क्रिकेट में बैटरों के शॉर्ट रन की चालबाजी, जब जडेजा और टिम डेविड ने इरादतन तोड़े नियम
क्रिकेट में 'शॉर्ट रन' एक ऐसा नियम है, जिसे अक्सर खिलाड़ी रणनीति के तौर पर इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इसकी जानकारी बहुत से लोगों को नहीं होती. यह तब होता है जब बल्लेबाज़ बिना पूरी दौड़ लगाए रन पूरा कर लेते हैं. अब जानबूझकर ऐसा करने पर आईसीसी ने 5 रन की पेनाल्टी और स्ट्राइक नियंत्रण का प्रावधान जोड़ा है. अजय जडेजा, धोनी, टिम डेविड जैसे खिलाड़ी इस नियम के उदाहरण बने हैं. कई बार यह चालाकी अंपायर की नजर से बच जाती है, लेकिन अब इसे लेकर नियम काफी सख्त हो चुके हैं.

ICC Short Run Rule: क्रिकेट को एक खेल के तौर पर जानने वालों की संख्या करोड़ों में है, पर क्या वो इसके गूढ़ नियमों से भी वाकिफ हैं. इसमें कोई दो राय नहीं कि लोग क्रिकेट को इंटरटेनमेंट के तौर पर खेलते और देखते हैं, पर हैरानी की बात तो तब होती है, जब धुरंधरों को भी इसके विशेष नियमों की जानकारी नहीं होती. ऐसा ही एक नियम है शॉर्ट रन का, जिसकी जानकारी पीटर हैंड्सकॉम्ब जैसे क्रिकेटर को तब मिली, जब वो 16 टेस्ट और 22 वनडे खेल चुके थे. आज हम क्रिकेट के उस शॉर्ट रन को लेकर नियम की बात कर रहे हैं, जिसे पिच पर बल्लेबाज़ रन चुराने के इरादे से तोड़ते हैं. इस नियम को तोड़ने वालों में महेंद्र सिंह धोनी, टिम डेविड, अजय जडेजा सरीखे बल्लेबाज़ शुमार हैं. सबसे पहले जानते हैं कि ये नियम है क्या?
शॉर्ट रन पर आईसीसी का नया नियम
क्रिकेट में, शॉर्ट रन उसे कहते हैं, जब कोई बल्लेबाज पहले रन को पूरा किए बग़ैर दूसरे रन के लिए जानबूझकर दौड़ता है. दरअसल, दो रन पूरा करने के लिए विकेट पर मौजूद बल्लेबाज़ों को दूसरे छोर की क्रीज़ के अंदर अपने बैट को रख कर वापस अपनी क्रीज में सुरक्षित पहुंचना होता है. कई बार ऐसा भी होता है कि जल्दी से दूसरा रन पूरा करने के लिए वो दूसरे छोर के क्रीज़ के अंदर अपने बैट नहीं रखते और वापस दूसरे रन के लिए भागते हैं, लेकिन ऐसा करने पर अगर अंपायर को यह लगा कि बल्लेबाज़ ने जानबूझकर ऐसा किया है तो न केवल बल्लेबाज़ी कर रही टीम पर पेनाल्टी लगाई जाती है, बल्कि उस गेंद पर लिए गए रनों को भी अस्वीकार कर दिया जाता है.
अब आईसीसी ने शॉर्ट रन नियम को तत्काल प्रभाव से और कड़ा बना दिया है. आईसीसी ने शुक्रवार को प्लेइंग कंडीशन में कई बदलाव किए हैं. उनमें से एक शॉर्ट रन को लेकर भी है. इसके मुताबिक, अब शॉर्ट रन लेने पर पांच रन पेनाल्टी के अलावा फ़ील्डिंग कर रही टीम ही यह तय करेगी कि अगली गेंद पर कौन सा बल्लेबाज़ स्ट्राइक लेगा. शॉर्ट रन वो नियम है, जिसे गूढ़ जानकार क्रिकेटर पिच पर कई बार आजमाते दिखे हैं. इसमें सबसे पुराना रिकॉर्डेड वाक़या टीम इंडिया के पूर्व कप्तान अजय जडेजा से जुड़ा है. यहां ये बता देना ज़रूरी है कि तब शॉर्ट रन को लेकर नियम उतने कड़े नहीं थे.
जडेजा ने शॉर्ट रन की चालकी से रन बटोरे
अजय जडेजा की गिनती भारत के लिए खेलने वाले कुछ बेहतरीन समझ वाले क्रिकेटरों में होती है. 1995 में रणजी ट्रॉफ़ी नॉर्थ ज़ोन वनडे के दौरान सर्विसेज़ और हरियाणा के बीच एक मुक़ाबले के दौरान जडेजा ने शॉर्ट रन लेने का ऐसा ही फ़ायदा उठाया था. जनवरी की ठंडी सुबह तेज़ हवाओं के बीच हरियाणा की टीम बल्लेबाज़ी करने उतरी तो उसके ओपनर्स 13 रन बनने तक आउट हो गए. फिर कप्तान अमरजीत केपी और जडेजा ने 76 रन जोड़े. केपी के आउट होते ही विकेटों की झड़ी लग गई. अगले छह बल्लेबाज़ 0, 5, 4, 6, 0 बना कर आउट हो गए और जडेजा दूसरे छोर से खड़े होकर यह देखते रहे. अब उनके साथ पिच पर सोनू खेलने उतरे, जिन्हें फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट में महज़ दो मैच का अनुभव था. स्कोर 135/8 था. जडेजा फ़िफ़्टी बना कर खेल रहे थे, लेकिन तेज़ी से गिरते विकेटों को देखते हुए उन्हें एक ऐसा प्लान बनाने की ज़रूरत महसूस हुई, जिससे कुछ और रन जुटाए जा सकें, क्योंकि तब वो बाउंड्री भी नहीं जमा पा रहे थे.
तब शॉर्ट रन के नियम अलग थे...
1995 में शॉर्ट रन को लेकर नियम ये था कि बल्लेबाज़ को अगर शॉर्ट रन लेता पाया गया तो उसके दो नहीं एक रन ही गिने जाएंगे. तब के नियम में कौन से बल्लेबाज़ स्ट्राइक लेगा इस बारे में कुछ नहीं कहा गया था. निश्चित तौर पर यह नियम बल्लेबाजों को शॉर्ट रन का फ़ायदा उठाने से रोकने के लिए था, पर जडेजा ने मैच की इस परिस्थिति में इसी दुर्भल नियम का फ़ायदा उठाया. गेंदबाज़ी कर रही सर्विसेज़ की टीम की योजना स्पष्ट थी कि उन्हें जडेजा को एक रन लेने से नहीं रोकना है, पर वो यह नहीं चाहते थे कि जडेजा ओवर की अंतिम दो गेंदों पर एक रन लें. ऐसा सोनू को अधिक से अधिक गेंदें खेलने के लिए बाध्य करने के लिए था. पर सामने जडेजा थे. वो गेंद को बाउंड्री के अंदर ही मार कर रन लेने दौड़ पड़ते और सोनू को क्रास करते ही वापस मुड़ कर अपनी क्रीज़ में आ जाते. वो सामने की क्रीज़ तक जाते ही नहीं. इस तरह जडेजा एक रन शॉर्ट हो जाते लेकिन उनकी स्ट्राइक बरकरार रहती. जडेजा ने उस मैच में 74 रन बनाए और 9वें विकेट के लिए 12 रन जोड़े गए. हरियाणा ने कुल 147 रन बनाए. सर्विसेज़ की पूरी टीम केवल 113 रन बनाकर आउट हो गई और मैच जडेजा की टीम ने जीत लिया.
जब हैंड्सकॉम्ब ने कहा, उन्हें यह नियम नहीं है पता
दिसंबर 2021 में बिग बैश लीग (बीबीएल) के दौरान ऑस्ट्रेलियाई टी20 टीम के कप्तान टिम डेविड ने कुछ ऐसा ही मेलबर्न स्टार्स के ख़िलाफ़ अपनी टीम होबार्ट हरिकेंस के लिए खेलते हुए किया लेकिन उनकी चालाकी को अंपायर ने पकड़ लिया. टिम डेविड ने मैच के दौरान स्ट्राइक पर लौटने के लिए जानबूझकर एक शॉर्ट रन लिया. पारी के अंतिम ओवर में तब टिम डेविड 200 के स्ट्राइक रेट से खेल रहे थे.
टिम डेविड ने इस ओवर की एक गेंद को लॉन्ग-ऑन की दिशा में खेल कर दो रन लेना चाहते थे. वहां ग्लेन मैक्सवेल फ़ील्डर थे. फ़ील्ड में उनकी तेज़ी से वाक़िफ़ डेविड को तब लगा होगा कि वो संभवतः दो रन नहीं ले सकेंगे. लिहाजा उन्होंने जानबूझकर शॉर्ट रन लेते हुए वापस अपनी क्रीज़ में सुरक्षित पहुंच गए. लेकिन टिम डेविड के इरादे को अंपायर भांप गए. डेविड की स्ट्राइक तो बरकरार रखी गई, पर उनकी टीम को उनका शॉर्ट रन लेना महंगा पड़ा. कुल स्कोर से पांच रन जुर्माने के तौर पर काट दिया गया.
होबार्ट हरिकेंस के लिए खेल रहे पीटर हैंड्सकॉम्ब ने अपनी प्रतिक्रिया में तब कहा था कि वो पहली बार क्रिकेट के इस नियम से वाक़िफ़ हुए हैं. हैंड्सकॉम्ब ने कहा था, "टिम बस अपने छोर पर जाने की कोशिश कर रहे थे. वो छक्का जमा सकते थे, इसलिए अपने स्ट्राइक पर वापस आने की कोशिश कर रहे थे. मैंने पहले कभी इस नियम के बारे में नहीं सुना. क्रिकेट हर दिन एक स्कूल की तरह है आप हमेशा कुछ न कुछ सीखते हैं."
2018 में रोशन सिल्वा को इंग्लैंड के खिलाफ जानबूझकर शॉर्ट रन लेने के लिए श्रीलंकाई टीम पर पेनाल्टी लगाई गई थी. वहीं, आईपीएल के एक मैच में किरोन पोलार्ड को लेकर शॉर्ट रन का मामला सामने आया था. अंपायरों ने तब उसे जानबूझकर लिया गया शॉर्ट रन नहीं माना था, पर तब नियम को लेकर बहस छिड़ गई थी.
जब धोनी के शॉर्ट रन को कमेंटेटर गिलक्रिस्ट ने पकड़ा
वनडे क्रिकेट में अपनी धमाकेदार बल्लेबाज़ी के लिए मशहूर टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से जुड़ी एक ऐसी ही घटना है, जिसे कमेंट्री कर रहे एडम गिलक्रिस्ट ने तो पकड़ लिया पर फ़ील्ड में मौजूद अंपायर या थर्ड अंपायर नहीं पकड़ सके थे. जनवरी 2019 में भारतीय टीम एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ बैटिंग कर रही थी. तब मैच का 45वां ओवर नाथन लॉयन डाल रहे थे. ओवर की आख़िरी गेंद पर धोनी ने एक शॉर्ट रन लिया, जो अंपायरों की नजर में नहीं आया. फ़ॉक्स स्पोर्ट्स पर कमेंट्री कर रहे ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज़ एडम गिलक्रिस्ट ने तुरंत ही उसे पकड़ लिया और बोले- लॉयन की अंतिम गेंद पर धोनी ने जो दो रन लिया, वो शॉर्ट रन था. उन्हें इसकी कोई ज़रूरत नहीं थी, क्योंकि वो इसी ओवर में छक्का जमा चुके थे. धोनी का बल्ला दूसरे छोर की ग्राउंड को नहीं छुआ और अंपायरों ने ओवर को समाप्त भी कर दिया."