Begin typing your search...

भारत ने अपने पहले टेस्ट में ही ऐसा क्या किया जिससे कांप गए थे अंग्रेज़ों के पांव

1932 में भारत ने अपना पहला टेस्ट लॉर्ड्स मैदान में इंग्लैंड के खिलाफ खेला. सीके नायडू की कप्तानी में मोहम्मद निसार और अमर सिंह की तेज़ गेंदबाज़ी ने इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर को तहस-नहस कर दिया. पहले 20 मिनट में ही तीन विकेट गिरा दिए. भारत की फील्डिंग और गेंदबाज़ी की तारीफ़ हुई, हालांकि टीम 158 रन से मैच हार गई. लेकिन इस मुकाबले ने दिखा दिया कि भारतीय क्रिकेट ने ज़बरदस्त शुरुआत की है और आगे की नींव मज़बूत रखी है.

भारत ने अपने पहले टेस्ट में ही ऐसा क्या किया जिससे कांप गए थे अंग्रेज़ों के पांव
X
( Image Source:  ANI )
अभिजीत श्रीवास्तव
By: अभिजीत श्रीवास्तव

Updated on: 27 Jun 2025 12:36 PM IST

1932 में भारत ने पहली बार टेस्ट क्रिकेट की दुनिया में क़दम रखा था. अपने पहले ही टेस्ट में भारत की टीम दुनिया के सबसे मशहूर और ऐतिहासिक मैदान लॉर्ड्स में नामीगिरामी क्रिकेटरों से सजी बेहद मज़बूत इंग्लिश टीम के ख़िलाफ़ उतरी थी. इसके बावजूद भारतीय टीम ने मैच की शुरुआत में ही ऐसा ज़ोरदार प्रदर्शन किया जिससे अंग्रेज़ों के दांत खट्टे हो गए.

पहले टेस्ट मैच में भारत की कप्तानी सीके नायडू संभाल रहे थे जबकि इंग्लिश टीम की बागडोर डगलस जार्डिन के हाथों में थी, जो उसी साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ ‘बॉडीलाइन सिरीज़’ की वजह से बदनाम कप्तान के तौर पर याद किए जाते हैं.

अपने पहले टेस्ट में टॉस हारकर टीम इंडिया के गेंदबाज़ों का सामना एक ऐसी सलामी जोड़ी से हुआ जिसने अभी कुछ दिन पहले ही, पहले विकेट के लिए 555 रन जोड़े थे. इंग्लैंड के ओपनर्स पर्सी होम्स और हर्बर्ट सटक्लिफ़ दोनों यार्कशर काउंटी के लिए भी खेलते थे. इस टेस्ट मैच से ठीक एक दिन पहले दोनों ससेक्स के साथ अपने होमग्राउंड हेडिंग्ले मैदान पर काउंटी मैच खेलने के बाद देर रात 300 किलोमीटर का सफ़र तय कर लीड्स से लंदन पहुंचे थे. ससेक्स के ख़िलाफ़ हर्बर्ट सटक्लिफ़ ने 270 रनों की पारी खेली थी. उनके साथ इंग्लैंड के मध्यम तेज़ गति के गेंदबाज़ बिल बोवेस भी थे जिन्होंने यॉर्कशर के लिए, ससेक्स के ख़िलाफ़ 27 मुश्किल ओवर डाले थे. इतना ही नहीं सर वाली हैमंड भी एक दिन पहले ही काउंटी मैच खेल कर लौटे थे. पिच पर मैराथन पारी के बाद ये सभी थके हुए लौटे थे.

टेस्ट मैच से ठीक एक दिन पहले दोनों सलामी बल्लेबाज़ों और टीम के अहम गेंदबाज़ का काउंटी मैच खेलना साफ़ संकेत था कि इंग्लैंड की मज़बूत टीम ने नई नवेली भारतीय टीम को उस टेस्ट मैच में बहुत हल्के में लिया था. वो जानते थे कि उनके साम्राज्य के तहत आने वाले भारत का यह पहला टेस्ट मैच है और वो उसे आसानी से पटखनी दे देंगे... लेकिन शुरुआती 20 मिनटों में ही भारत के गेंदबाज़ों ने विकेटों की झड़ी लगा दी.

मोहम्मद निसार और अमर सिंह की दनदनाती गेंदों से सकपकाए अंग्रेज़ बल्लेबाज़

25 हज़ार से अधिक दर्शकों की मौजूदगी में मोहम्मद निसार और अमर सिंह ने एक बिल्कुल ही अपरिचित पिच पर ऐसी कमाल की गेंदें डालीं कि इंग्लैंड का टॉप ऑर्डर तहस नहस हो गया. कप्तान सीके नायडू ने अपने तेज़ गेंदबाज़ों के लिए तीन स्लिप और तीन शॉर्ट लेग के साथ फ़ील्ड सजाई. मोहम्मद निसार और अमर सिंह की गेंदें बहुत तेज़ गति से पिच पर गिरतीं और उतनी ही तेज़ी से कभी इन स्विंग तो कभी आउट स्विंग होतीं. इस दौरान जब स्कोरबोर्ड पर इंग्लैंड के केवल आठ रन थे, तब मोहम्मद निसार ने हर्बर्ट सटक्लिफ़ की लेग स्टंप पर एक ऐसी इनस्विंग यॉर्कर डाली जिसे सटक्लिफ़ नहीं रोक सके और उनकी गिल्लियां बिखर गईं. अभी केवल तीन रन ही और जोड़े गए थे कि मोहम्मद निसार ने अपनी दनदनाती गेंद से दूसरे ओपनर होम्स का ऑफ़ स्टंप उखाड़ा दिया. गेंद इतनी तेज़ थी कि वो स्टंप पहिए की तरह घूमता हुआ दूर जा गिरा.

नंबर- 3 पर 62 टेस्ट मैच खेल चुके अनुभवी फ़्रैंक वॉली आए. होम्स के आउट होने के बाद आठ रन जोड़े जा चुके थे, तभी वॉली ने गेंद मिड ऑन पर खेल कर दो रन लेने की कोशिश की, वहां फ़ील्डिंग कर रहे लाल सिंह ने गेंद सीधे विकेटकीपर जनार्दन नवले के दस्ताने में भेजा और उन्होंने उतनी ही तेज़ी से गिल्लियां बिखेरीं, फ़्रैंक वॉली एक गज की दूरी से क्रीज़ में पहुंचने से चूक गए. स्कोरबोर्ड पर इंग्लैंड के केवल 19 रन टंगे थे और उसके तीन टॉप बल्लेबाज़ पवेलियन लौट चुके थे.

कप्तान जार्डिन ने संभाली पारी

हालांकि यहां से कप्तान डगलस जार्डिन और सर वाली हैमंड ने चौथे विकेट के लिए 82 रन जोड़ दिए. हैमंड भी पिछले दिन गुलूस्टरशर के ख़िलाफ़ अपनी काउंटी टीम ग्लेमॉरगन को जिता कर स्वांसी से 300 किलोमीटर का सफ़र तय कर यह मैच खेलने पहुंचे थे. कप्तान जार्डिन के साथ वो शतकीय साझेदारी की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन तभी भारतीय कप्तान सीके नायडू ने गेंदबाज़ी में बदलाव कर दिया. शुरुआती घातक स्पेल के बाद आराम कर रहे तेज़ गेंदबाज़ अमर सिंह को वापस अटैक पर बुलाया गया. और अमर सिंह ने आते ही सर वॉली हैमंड को बोल्ड कर दिया. इंग्लैंड का स्कोर 101 रन पर चार विकेट हो गया. भारतीय कप्तान सीके नायडू, जहांगीर ख़ान के साथ बहुत उम्दा गेंदें डाल रहे थे. फ़ील्डिंग भी शानदार हो रही थी, जिससे इंग्लैंड का स्कोरबोर्ड बहुत मुश्किल से आगे बढ़ रहा था. हालांकि इंग्लैंड के कप्तान के बल्ले से रन लगातार निकल रहे थे. दूसरे छोर पर एडवर्ड पेयन्टर आए, कुछ रन जोड़े लेकिन सीके नायडू ने उन्हें एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया. इंग्लैंड की आधी टीम केवल 149 रन बनाकर पवेलियन लौट चुकी थी.

मोहम्मद निसार की कहर ढाती गेंदों से ढेर हुए अंग्रेज़

इंग्लिश टीम के लिए मुश्किलें और बढ़ जातीं अगर, पेयन्टर के आउट होने के बाद आए अनुभवी विकेटकीपर लेस एमिस को शू्न्य पर स्टंप आउट करने का मौक़ा भारतीय विकेटकीपर नवले ने नहीं गंवाया होता. हालांकि इसकी भरपाई कुछ देर बाद ही हो गई, जब कप्तान सीके नायडू की गेंद पर इंग्लिश कप्तान डगलस जार्डिन का एक अच्छा कैच नवले ने लपक लिया. जार्डिन ने 79 रन बनाए. लेस एमिस ने रॉबर्ट रॉबिन्स के साथ 65 रन और जोड़ दिए.

मोहम्मद निसार और अमर सिंह को वापस बॉलिंग अटैक पर बुलाया गया. निसार ने एमिस को बोल्ड करने के साथ ही तेज़ी से तीन बल्लेबाज़ों को आउट किया और अमर सिंह ने आखिरी विकेट चटकाया. स्टार बल्लेबाज़ों से सजी इंग्लैंड की टीम 259 रन पर ढेर हो गई. भारत के तेज़ गेंदबाज़ों ने इंग्लैंड के चार धुरंधर बल्लेबाज़ों को बोल्ड आउट किया. तब मोहम्मद निसार ने पहले टेस्ट में पांच विकेट लेने का कारनामा किया था.

टीम इंडिया ने शुरुआत अच्छी की, लेकिन...

पहले दिन का खेल ख़त्म होने पर भारतीय ओपनर नाबाद रहते हुए लौटे. स्कोरबोर्ड पर 30 रन टंग चुके थे. ये साफ़ दिख रहा था कि भारतीय टीम ने टेस्ट क्रिकेट की ज़बरदस्त शुरुआत की है. दूसरे दिन की सुबह भारतीय ओपनर जनार्दन नवले तुरंत आउट हो गए पर भारत ने केवल दो विकेट गंवा कर स्कोर 110 रन तक पहुंचा दिया था. कप्तान एक छोर पर डटे हुए थे और मैच यहां तक भारत के पलड़े में झुका दिख रहा था. लेकिन तभी इंग्लिश गेंदबाज़ों विलियम्स की जोड़ी ने बेहतरीन लय के साथ गेंजबाज़ी शुरू की तो भारत का अनुभवहीन मिडिल ऑर्डर और लोअर ऑर्डर पूरी तरह बिखर गया. 110 पर दो विकेट से पूरी भारतीय टीम 189 रन बना कर आउट हो गई.

दूसरी पारी में भी इंग्लिश बल्लेबाज़ों को किया परेशान

इंग्लैंड की दूसरी पारी में भी भारतीय गेंदबाज़ों ने बहुत अच्छी गेंदबाज़ी की. अमर सिंह और जहांगीर ख़ान ने दूसरी पारी में 67 रन बनने तक इंग्लैंड के चार विकेट झटक लिए थे. इस स्कोर पर संघर्ष कर रहे इंग्लैंड को कप्तान डगलस जार्डिन ने उबारा. उनके साथ पेयन्टर ने फिर अच्छी बैटिंग की. जार्डिन शतक बना सकते थे पर जब वो 85 रन पर थे तब उन्होंने इंग्लैंड की दूसरी पारी घोषित कर दी. इंग्लैंड ने दूसरी पारी में 8 विकेट पर 275 रन बनाए. इसका मतलब था कि मेहमान टीम को जीतने के लिए 346 रन बनाने थे. सीमित बल्लेबाजी क्षमता वाली भारतीय टीम 108 रन बनने तक अपने सात बल्लेबाज़ों को गंवा चुकी थी. तब अमर सिंह ने लाल सिंह के साथ 74 रन जोड़े. अमर सिंह ने भारतीय टीम की ओर से टेस्ट क्रिकेट का पहला अर्धशतक (51 रन) जमाया और भारत की पारी को 187 रनों तक ले गए. आउट होने वाले वो अंतिम भारतीय बल्लेबाज़ थे. इस तरह इंग्लैंड की जीत का अंतर केवल 158 रन रह गया.

भारतीय टीम पहला टेस्ट मैच भले ही केवल तीन दिनों में हार गई पर कई जानकारों ने उस मैच में की गई टीम इंडिया की बॉलिंग को इंग्लैंड की मज़बूत गेंदबाज़ी के बराबर माना था. मोहम्मद निसार ने भारत के लिए खेले गए कुल छह टेस्ट मैचों में 25 विकेट लिए और अमर सिंह ने सात मैचों में 28 विकेट चटकाए. भारत के शुरुआती कुछ टेस्ट मैचों को छोड़ दें तो, बाद के वर्षों में भारतीय टीम लंबे अरसे तक तेज़ गेंदबाज़ों की कमी से जूझती रही.

स्टेट मिरर स्पेशलक्रिकेट न्‍यूज
अगला लेख