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सर लेन हटनः सर्जरी से बायां हाथ दो इंच छोटा, पर इस महान क्रिकेटर के नाम आज भी कायम है ये अनूठा रिकॉर्ड

सर लेन हटन इंग्लैंड के महानतम बल्लेबाज़ों में गिने जाते हैं, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 364 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली थी. उनकी यह पारी करीब 20 वर्षों तक टेस्ट क्रिकेट का सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर रही. युद्धकाल में हाथ की चोट के बावजूद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शानदार वापसी की और इंग्लैंड की कप्तानी करते हुए कई ऐतिहासिक जीतें दिलाईं. 40,000 से ज्यादा फर्स्ट क्लास रन और 129 शतकों के साथ हटन का नाम क्रिकेट के हॉल ऑफ फेम में सदा के लिए अमर हो गया.

सर लेन हटनः सर्जरी से बायां हाथ दो इंच छोटा, पर इस महान क्रिकेटर के नाम आज भी कायम है ये अनूठा रिकॉर्ड
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( Image Source:  ICC )
अभिजीत श्रीवास्तव
By: अभिजीत श्रीवास्तव

Updated on: 23 Jun 2025 5:48 PM IST

Sir Len Hutton Test Records: सर लेन हटन क्रिकेट का एक ऐसा बड़ा नाम है, जिनकी गिनती क्रिकेट के लंबे इतिहास में पैदा हुए कुछ महानतम बल्लेबाज़ों में होती है. केवल इंग्लैंड क्रिकेट की बात की जाए तो वो अपने देश के लिए खेलने वाले शीर्ष दो क्रिकेटरों में सर जैक हॉब्स के साथ गिने जाते रहे हैं. हालांकि, सर वॉली हैमंड और डेनिस क्रॉम्पटन जैसे क्रिकेटर भी बहुत पीछे नहीं हैं. निश्चित रूप से लेन हटन की क्रिकेट ने उन्हें हॉल ऑफ़ फ़ेम में प्रतिष्ठित कर रखा है. उनके परिवार को क्रिकेट के प्रति बहुत लगाव था. शायद यही कारण था कि जब वो जॉर्ज हर्स्ट जैसे शानदार क्रिकेटर के संपर्क में आए, तब तक वो एक परिपक्व बल्लेबाज़ बन चुके थे. यही कारण था कि हर्स्ट ने तब कहा था कि उन्हें सिखाने के लिए कुछ भी बाकी नहीं है.

हर्बर्ट सटक्लिफ़ ने तो पहले ही यह कह दिया था कि हटन जल्द ही इंग्लैंड के लिए खेलेंगे. हटन ने 1934 से 1938 के दौरान फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट में अपनी प्रतिभा की जबरदस्त छाप छोड़ी. हालांकि, उस दौरान उनकी यह कहते हुए आलोचना भी हुई कि वो बहुत धीमी बल्लेबाज़ी करते हैं. इसके बाद उन्होंने काउंटी क्रिकेट में तेज़ी से रन बटोरने शुरू किए. डर्बीशर के ख़िलाफ़ नाबाद 271 रन की पारी खेले. कुछ शतक और कई अर्धशतक जमाए. उस सीज़न में उन्होंने 56.62 की औसत से 2,888 रन बना डाले, जो सर वाली हैमंड के बाद सबसे बड़ा स्कोर था. अगले साल 1939 में उन्होंने एक बार फिर 12 शतकों समेत 2883 रन बना डाले.

सर्जरी के कारण एक हाथ दूसरे से छोटा हो गया

1941 में कमांडो ट्रेनिंग के दौरान लेन हटन का बायां हाथ बुरी तरह चोटिल हो गया. वो दो महीने तक अस्पताल में रहे. उनकी सर्जरी करनी पड़ी थी. इससे बायां हाथ दाहिने से दो इंच छोटा हो गया था. साथ ही इस चोट से उनके बाएं हाथ के ताक़त में भी कमी आ गई थी. क़रीब दो साल तक क्रिकेट से दूर रहने के बाद 1943 में एक बार फिर उन्होंने अपने बल्ले से करामात करना शुरू किया. दूसरे विश्व युद्ध के बाद 1947 से 1955 तक हटन ने खूब रन बटोरे.

एक बल्लेबाज़ की योग्यता टेस्ट क्रिकेट के स्तर पर आंकी जाती है. हटन ने पहली बार 26 जून 1937 को लॉर्ड्स के मैदान पर न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ अपने देश का टेस्ट क्रिकेट में प्रतिनिधित्व किया. टेस्ट क्रिकेट में उनकी शुरुआत बेहद ख़राब रही. पहली पारी में शून्य और दूसरी में केवल एक रन बना सके. लेकिन ओल्ड ट्रैफ़र्ड में खेले गए अपने दूसरे टेस्ट में ही वो शतक बना कर तुरंत लय में आ गए.

तब टेस्ट क्रिकेट लंबे अंतराल के बाद खेली जाती थी. ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की टीमें एक दूसरे के देश में जाकर वहां दो-तीन महीने रुकती थीं और उस दौरान टेस्ट मैच खेले जाते थे. हटन को अपना चौथा टेस्ट खेलने के लिए क़रीब एक साल का इंतज़ार करना पड़ा. एक साल बाद जब ऑस्ट्रेलिया की टीम इंग्लैंड आई तो ट्रेंट ब्रिज में खेले गए पहले टेस्ट में हटन ने शतक जमाया. अगला मैच लॉर्ड्स में खेला गया, लेकिन एक बार फिर यह मैदान उनके लिए अच्छा साबित नहीं हुआ. उन्होंने 4 और 5 रन बनाए.

इसके ठीक अगले मैच में हटन ने एक ऐसा कारनामा किया, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान उनकी ओर आकर्षित हो गया. इंग्लैंड के कप्तान तब स्कोरबोर्ड पर हज़ार रन चाहते थे और हटन ने मौके के मुताबिक़ अपने खेल को ढालते हुए 13 घंटे तक बल्लेबाज़ी की. 'द ओवल' में खेले गए उस मैच में लेन हटन ने टेस्ट क्रिकेट का सबसे बड़ा स्कोर बना कर इतिहास रच दिया. हटन ने तब 847 गेंदों का सामना करते हुए 364 रनों की मैराथन पारी खेली.

टेस्ट क्रिकेट के सबसे बड़े व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड

टेस्ट क्रिकेट में सबसे बड़े व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड तब सर डॉन ब्रैडमैन, सर वॉली हैमंड से होते हुए सर लेन हटन तक पहुंचा था. अगले 20 सालों तक यह रिकॉर्ड सर लेन हटन के नाम पर बना रहा. 1958 में वेस्ट इंडीज़ के सर गैरी सोबर्स ने नाबाद 365 रनों की पारी खेल कर अपने नाम पर किया. अब यह रिकॉर्ड वेस्ट इंडीज़ के ही ब्रायन लारा के नाम है, जिन्होंने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 2004 में खेले गए टेस्ट मैच में नाबाद 400 रनों का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था. हालांकि हटन की वो पारी आज भी एशेज सीरीज में सबसे बड़ी व्यक्तिगत इनिंग्स के तौर पर बरकरार है.

87 साल से कायम है ये वर्ल्ड रिकॉर्ड

इंग्लैंड ने ओवल के उस मैच की पहली पारी में 903 रनों का अंबार लगा दिया और मैच एक पारी और 579 रनों से जीत ली. टेस्ट क्रिकेट में तब वो जीत का सबसे बड़ा अंतर था. 87 साल बाद भी ओवल पर बना वो रिकॉर्ड कायम है. ये रिकॉर्ड कितना बड़ा था, इसका अंदाज़ा इससे ही लगता है कि इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर मिली जीत का अंतर एक पारी और 360 रन का है, जो ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ फ़रवरी 2002 में हासिल की थी.

हटन का टेस्ट करियर

हालांकि, लेन हटन अपने टेस्ट करियर में केवल एक ही तिहरा शतक जमा सके, लेकिन चाहे वेस्ट इंडीज़ हो या दक्षिण अफ़्रीका या ऑस्ट्रेलियाई दौरा, हटन शतक या दोहरा शतक जमाने से नहीं चूकते. बाद के वर्षों में उन्होंने लॉर्ड्स के मैदान पर भी तीन शतक जमाए. अपने टेस्ट करियर में हटन ने 79 मैचों की 138 पारियों में 19 शतकों की बदौलत 56.67 की औसत से 6971 रन बनाए. टेस्ट करियर के दौरान वेस्ट इंडीज़ उनकी पसंदीदा टीम रही. वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ हटन ने 13 मैचों में 79 से अधिक की औसत से 1661 रन बनाए तो भारत के ख़िलाफ़ 58 के औसत, ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 56.46 और दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ वो 52 से ऊपर के बैटिंग औसत से खेले.

सर लेन हटन के नाम टेस्ट क्रिकेट में 'ऑब्सट्रक्टिंग द फ़ील्ड' नियम से आउट होने वाले पहले क्रिकेटर बनने का रिकॉर्ड दर्ज है. 1951 में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ उन्हें इस नियम के तहत आउट दिया गया था. पहले इसका नाम 'हैंडलिंग द बॉल' था. 2017 में नियमों में जब बदलाव किए गए, तब यह 'ऑब्सट्रक्टिंग द फ़ील्ड' के तहत आने लगा. पाकिस्तान के खिलाफ वो केवल दो मैच खेल सके. अपनी कप्तानी में खेले गए इन दो मैचों की तीन पारियों में उनके स्कोर 0, 14 और 5 रन रहे.

1954 में पाकिस्तान, इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पहली बार टेस्ट सीरीज़ खेल रहा था और इस सीरीज़ के चौथे टेस्ट में पाकिस्तान ने इंग्लैंड को हरा दिया था. तब लेन हटन ही कप्तान थे. हालांकि उनकी कप्तानी में इंग्लैंड केवल चार मैच हारा था. 23 टेस्ट मैचों में से 11 में उन्होंने इंग्लैंड को जीत दिलाई थी. इसमें 19 वर्ष की आयु में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेली गई पहली एशेज सिरीज़ भी शामिल है.

टेस्ट करियर में कई रिकॉर्ड बनाए

364 रन का टेस्ट क्रिकेट में सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर 20 सालों तक सर लेन हटन के पास रहा. यह इंग्लैंड की सबसे बड़ी टेस्ट पारी के रूप में आज भी कायम है तो 25 सालों तक वो टेस्ट में सबसे तेज़ 5000 रन बनाने वाले क्रिकेटर थे, जिसे बाद में सुनील गावस्कर ने अपने नाम किया. इंग्लैंड के लिए टेस्ट मैचों में पहले विकेट के लिए 359 और दूसरे विकेट के लिए 382 रनों की साझेदारी का उनका रिकॉर्ड आज भी कायम है. हटन उन गिने चुने बल्लेबाज़ों में शामिल हैं जिन्हें टेस्ट की पारी की शुरुआत करने से लेकर अंत तक नॉट आउट रहने का दो बार सौभाग्य प्राप्त हुआ है.

चालीस हज़ार फ़र्स्ट क्लास रन और 129 शतक

1934 से शुरू हुए अपने फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट करियर में हटन ने 513 मैच खेले. यहां उन्होंने रनों का बहुत बड़ा अंबार लगा दिया. 55.51 की औसत से 40140 रन बनाए और इस दौरान 129 शतक जड़े. 1955 में लेन हटन बतौर खिलाड़ी क्रिकेट से रिटायर हो गए. इस खेल में उनके योगदान के लिए उन्हें सर की उपाधि दी गई. तब सर लेन हटन यह उपाधि पाने वाले सर जैक हॉब्स और सर डॉन ब्रैडमैन के बाद केवल तीसरे क्रिकेटर थे. बाद में वो इंग्लैंड टीम के सेलेक्टर भी बने.

74 साल की आयु में हुआ निधन

1990 में 74 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया. मशहूर क्रिकेट अंपायर डिकी बर्ड सर लेन हटन के बहुत बड़े प्रशंसक थे. बर्ड उन्हें यॉर्कशायर का सबसे महान खिलाड़ी, दुनिया के सर्वकालिक महान ओपनर और अपना सबसे पसंदीदा क्रिकेटर बताते थे. बर्ड ने सर लेन हटन के जीवन पर बीबीसी में एक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया है. हटन के निधन पर उनके साथ खेल चुके इंग्लैंड के ही एक और महान क्रिकेटर डेनिस क्राम्पटन ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, हम दो अलग तरह के कैरेक्टर थे लेकिन बहुत अच्छे दोस्त थे. वो मेरे दौर के सबसे महान सलामी बल्लेबाज़ थे, ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि तब पिच को कवर करके नहीं रखा जाता था. उनमें ग़जब की एकाग्रता थी, वो इस खेल के सबसे बेहतरीन स्ट्रोकमेकर्स में से एक थे."

क्रिकेट न्‍यूजस्टेट मिरर स्पेशल
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