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IND vs ENG: 'ये मेरा गेम है, मैं ऐसे ही खेलूंगा'- सलाह माने होते तो आउट नहीं होते राहुल और सुदर्शन!

इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में केएल राहुल और साई सुदर्शन जिस गेंद पर आउट हुए, उन्हें उसे ऐसे नहीं खेलना चाहिए था. यह सलाह भारत के पूर्व क्रिकेटरों ने पहले ही दी थी कि इंग्लैंड में पिच पर कैसे बल्लेबाज़ी करनी है. पढ़ें गावस्कर, तेंदुलकर, विराट, वेंगसरकर और पुजारा जैसे पूर्व बल्लेबाज़ों ने इंग्लिश कंडीशन को लेकर क्या सलाह दी है?

IND vs ENG: ये मेरा गेम है, मैं ऐसे ही खेलूंगा- सलाह माने होते तो आउट नहीं होते राहुल और सुदर्शन!
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( Image Source:  bcci )
अभिजीत श्रीवास्तव
By: अभिजीत श्रीवास्तव

Updated on: 20 Jun 2025 6:49 PM IST

KL Rahul Sai Sudharsan: इंग्लैंड के लीड्स स्थित हेडिंग्ले में पहली गेंद के साथ ही 2025-27 के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत हो गई है. इंग्लैंड और भारत के बीच 20 जून से शुरू हुई पांच टेस्ट मैचों की यह सीरीज़ लगातार दो बार इस चैंपियनशिप का फ़ाइनल खेल चुकी भारतीय क्रिकेट टीम के साथ ही नए कप्तान शुभमन गिल के लिए भी परीक्षा साबित होगी.

पांच मैचों की इस सीरीज़ में सबसे बड़ी परीक्षा भारतीय बल्लेबाज़ी क्रम की होनी है क्योंकि इस बार टीम के पास विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे अनुभवी बल्लेबाज़ नहीं हैं. हालांकि भारत ने पहले टेस्ट में अच्छी शुरुआत की. पहले विकेट के लिए यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल ने 91 रनों की साझेदारी निभा, लेकिन उसके ओपनर केएल राहुल ऑफ़ स्टंप से बाहर जाती गेंद को छेड़ने की कोशिश में स्लिप में कैच आउट किए गए.

बड़ी पारी खेलने से चूके केएल राहुल

राहुल न केवल अर्धशतक से बल्कि अच्छी शुरुआत के बावजूद एक बड़ी पारी खेलने से चूक गए. उनके ठीक बाद टेस्ट में डेब्यू कर रहे और नंबर- 3 पोजिशन पर उतारे गए साई सुदर्शन भी लेग स्टंप के बाहर जाती गेंद को छेड़ा और शून्य पर आउट हो गए. 91 रन पर बग़ैर नुकसान के खेल रही टीम इंडिया का स्कोर पहले दिन लंच तक 92/2 हो गया.

क्या राहुल-सुदर्शन ने इंग्लैंड में पिच पर उतरने से पहले पूर्व दिग्गज़ क्रिकेटरों की सलाह पर ध्यान नहीं दिया?

टीम इंडिया के इंग्लैंड जाने के पहले से ही वहां के कंडीशन को लेकर ख़ूब चर्चा की गई. कई पूर्व क्रिकेटरों ने वहां के कंडीशन में कैसे बल्लेबाज़ी करनी है, किन बातों पर सबसे अधिक ध्यान देना है, इसे लेकर बातें की. इन दिग्गज़ों में सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर और चेतेश्वर पुजारा जैसे बल्लेबाज़ों के बहुमूल्य सलाह शामिल हैं, लेकिन इस दौरे से पहले जिस विराट कोहली की सबसे अधिक चर्चा रही है, उनकी सलाह से ही बात शुरू करते हैं.

विराट कोहली को इंग्लिश कंडीशन में 15 टेस्ट मैचों की अनुभव है, उन्होंने वहां 33.66 की औसत और दो शतकों की मदद से 976 रन बनाए हैं. वो हमेशा कहते रहे हैं, "इंग्लैंड में आप कभी नहीं कह सकते कि अब आप पिच पर जम चुके हैं. वहां आपको अपने इगो को अपनी जेब में रखना होगा. यहां की परिस्थितियां अन्य जगहों जैसी नहीं हैं, बाकी जगहों पर जब आप 30-40 रन पर पहुंच गए तो अपने शॉट्स खेल सकते हैं, लेकिन यहां ऐसा नहीं है."

विराट कहते हैं, "आपको उसी तरह बल्लेबाज़ी करनी होगी, जिस तरह से आप अपने शुरुआती 30 रन के लिए करते हैं और फिर जहां तक संभव हो आपको शुरुआती पैटर्न को ही दोहराना होगा. इंग्लैंड में इसी अनुशासन और धैर्य की आवश्यकता होती है."

इंग्लिश कंडीशन पर सचिन, गावस्कर, द्रविड़, वेंगसरकर का क्या है कहना?

भारत के लिए 200 टेस्ट मैच खेल चुके सचिन तेंदुलकर ने इंग्लैंड में खेले गए 17 टेस्ट मैचों में 4 शतकों समेत 54.31 की औसत से 1575 रन बनाए हैं. तेंदुलकर कहते हैं, "मानसिक रूप से आपको एक बड़ी पारी खेलने के लिए अपनी बल्लेबाज़ी के दौरान बार-बार बदलाव लाना होगा. बल्लेबाज़ों को वहां अपने स्वाभाविक खेल पर नहीं अड़ना चाहिए. आपको वहां की परिस्थितियों का सम्मान करना होगा और उसके अनुसार बल्लेबाज़ी करनी होगी. यह एक तरफ़ा ट्रैफ़िक नहीं है कि मैं ऐसे खेलता हूं और वैसे ही खेलने जा रहा हूं."

वहीं पूर्व ओपनर और टीम के कप्तान रह चुके दिग्गज़ सुनील गावस्कर कहते हैं, "इंग्लिश कंडीशन में असरदार बल्लेबाज़ी के लिए धैर्य के साथ-साथ मजबूत फ़ुटवर्क और अच्छी स्विंग गेंदबाज़ी पर भी रन स्कोर करने के लिए गेंद को बल्ले से थोड़ा देरी के साथ खेलना होगा. " इंग्लिश कंडीशन में 16 टेस्ट मैचों में दो शतकों की बदौलत 41.14 की औसत से 1152 रन बनाने वाले गावस्कर ने बैटर्स को सलाह दी, "जब गेंद अच्छी स्विंग कर रही हो तब बल्लेबाज़ों (ख़ासकर ओपनर्स) को मानसिक रूप से इसके लिए तैयार रहना होगा कि वो पारी की शुरुआत में ही आउट हो सकते हैं."

राहुल द्रविड़ ने इंग्लैंड में 13 टेस्ट मैचों में 1376 रन बनाए हैं. इंग्लैंड में द्रविड़ का बल्लेबाज़ी औसत किसी भी भारतीय से अधिक 68.80 रहा. वहीं उन्होंने सबसे अधिक छह शतक भी जमाया.पूर्व कप्तान और लंबे समय तक टीम इंडिया के कोच रह चुके द्रविड़ अक्सर इंग्लैंड की परिस्थितियों में क्रिकेट खेलने की चुनौतियों और उसकी बारीकियों पर चर्चा करते रहे हैं. द्रविड़ का मानना है कि इंग्लैंड में विकेट और मौसम दोनों बल्लेबाज़ों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं, ख़ास कर सीज़न की शुरुआत में जब सीम और स्विंग का मूवमेंट सबसे अधिक होता है. हालांकि वो वहां के कंडीशन की तारीफ़ भी करते हैं और कहते हैं, "वहां के कंडीशन मेरी बैटिंग के अनुकूल रही है. वहां उन बल्लेबाज़ों को फ़ायदा मिल सकता है जो ताक़त की जगह टाइमिंग पर ज़्यादा भरोसा करते हैं."

लॉर्ड्स के मैदान पर तीन शतक जमाने वाले पूर्व कप्तान, मुख्य चयनकर्ता रह चुके दिलीप वेंगसरकर कहते हैं, "इंग्लैंड में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए सबसे पहले वहां के कंडीशन के अनुरूप ढलना ज़रूरी है. वो एशिया नहीं है, जहां आप आसानी से जल्दी परिस्थितियों के अनुसार ढल जाते हैं. इंग्लैंड में इसमें समय लगता है."

चेतेश्वर पुजारा का मंत्र- धैर्य और अनुशासन

चेतेश्वर पुजारा ने इंग्लैंड में 14 टेस्ट मैचों में 31.00 की औसत और एक शतक की मदद से 806 रन बनाए हैं. पुजारा ने इंग्लैंड में मजबूत प्रदर्शन के लिए धैर्य और अनुशासन को सबसे अधिक महत्व दिया. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि मैच की परिस्थिति के मुताबिक़ आगे आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखकर टीम के प्रत्येक सदस्य को वहां मैदान पर अपना योगदान देने पर फ़ोकस करना होगा.

सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क पर पुजारा ने कहा, "टीम इंडिया को इंग्लिश कंडीशन में ख़ुद को जल्दी से जल्दी ढालना होगा. मेरा मानना है कि अनुशासन, धैर्य और मैदान पर एक-दूसरे को पूरा समर्थन देना ही वहां सबसे अधिक महत्वपूर्ण होगा." वो कहते हैं, "मुझे यकीन है कि ऐसा करने से यह दौरा हर एक खिलाड़ी और पूरी टीम की सफलता का एक बेहतरीन मौक़ा होगा."

जाफ़र, बदानी और रमण की सलाह

वसीम जाफ़र कहते हैं, "मैं जानता हूं कि आजकल के क्रिकेटरों ने क्रिकेट के अलग-अलग फ़ॉर्मेट में बहुत जल्दी अपनी बल्लेबाज़ी की शैली में बदलाव लाना सीख लिया है, इसके बावजूद इंग्लैंड का यह दौरा भारतीय बल्लेबाज़ों के लिए चुनौतीपूर्ण होगा." टीम इंडिया के पूर्व ओपनर वसीम जाफ़र ने अपने क्रिकेट करियर के दौरान इंग्लैंड में पांच टेस्ट खेले हैं. वहां उन्होंने 24.40 की औसत और तीन अर्धशतकों की मदद से 244 रन बनाए हैं. इंग्लिश कंडीशंस में स्विंग करती गेंदों को बखूबी समझने वाले जाफ़र कहते हैं, "नई गेंद से खेलना सबसे अहम होगा."

वहीं पूर्व बल्लेबाज़ हेमंग बदानी का मानना है कि केएल राहुल टीम इंडिया के बैटिंग ऑर्डर में एक मजबूत कड़ी बन सकते हैं. आईपीएल के दौरान केएल राहुल जिस दिल्ली की टीम की ओर से खेल रहे थे, बदानी उसके हेड कोच हैं. बता दें कि केएल राहुल इस टेस्ट मैच से ठीक पहले भारत 'ए' की ओर से बतौर सलामी बल्लेबाज़ 116 और 51 रनों की पारी खेल चुके हैं.

भारत के लिए 11 टेस्ट मैच खेल चुके डब्ल्यूवी रमण कहते हैं, "टीम इंडिया की बल्लेबाज़ी यूनिट नई है. इंग्लिश कंडीशन स्विंग और सीम गेंदबाज़ों को मदद देती है लिहाजा नई बल्लेबाज़ी यूनिट को वहां चुनौती मिलेगी. वहां की परिस्थितियों के बारे में ज़्यादा सोचे बिना बल्लेबाज़ों को पिच पर पूरा संयम दिखाना होगा."

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