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बस 1 विकेट... और इतिहास रच देंगे हार्दिक पांड्या! IND vs SA 2nd T20I में करेंगे ऐसा कारनामा, जो किसी भारतीय खिलाड़ी ने नहीं किया

पहले T20I में कटक में हार्दिक पांड्या ने 28 गेंदों पर नाबाद 59 रन बनाकर शानदार वापसी की और दिखाया कि टीम इंडिया उनकी गैरमौजूदगी में क्या खो रही थी. भारत मुश्किल स्थिति (78/4) में था, लेकिन पांड्या ने दबाव में संयमित पारी खेलकर मैच का रुख बदल दिया. चोटों से वापसी के बावजूद उनकी मैच-अवेयरनेस, स्टेबिलिटी और पावर-हिटिंग ने साबित किया कि वह भारत के मिडिल ऑर्डर की सबसे मजबूती कड़ी हैं. आज साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले जाने वाले दूसरे टी-20 में वे एक बड़ा माइलस्टोन अपने नाम कर सकते हैं.

बस 1 विकेट... और इतिहास रच देंगे हार्दिक पांड्या! IND vs SA 2nd T20I में करेंगे ऐसा कारनामा, जो किसी भारतीय खिलाड़ी ने नहीं किया
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( Image Source:  BCCI )

Hardik Pandya Records: भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच आज पांच मैचों की टी-20 सीरीज का दूसरा मैच खेला जाएगा. सोमवार (9 दिसंबर) की शाम को खेले गए पहले T20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में हार्दिक पांड्या के शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन की वजह से भारत ने 101 रन से विशाल जीत दर्ज की थी. पांड्या ने नाबाद 59 रन बनाने के साथ ही 1 विकेट भी लिया था. आज भी उन पर फैन्स की निगाहें टिकी होंगी.

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हार्दिक पांड्या ने कटक में टी-20 इंटरनेशनल में अपने 100 छक्के पूरे किए थे. आज न्यू चंडीगढ़ में खेले जाने वाले मैच में वे 1 विकेट लेते ही अपने 100 विकेट भी पूरे कर लेंगे. इसके साथ ही, वे टी-20 में 100 छक्के और 100 विकेट लेने वाले भारत के पहले खिलाड़ी बन जाएंगे.

टी-20 में 100 छक्के और 100 विकेट लेने वाले दुनिया के चौथे खिलाड़ी होंगे हार्दिक

हार्दिक दुनिया के चौथे खिलाड़ी होंगे, जिन्होंने टी-20 में 100 छक्के और 100 विकेट लेने का कारनामा किया है. उनसे पहले, जिम्बाब्वे के सिकंदर रजा, अफगानिस्तान के मोहम्मद नबी और मलेशिया के विरनदीप सिंह के नाम यह कारनामा किया था.

पांड्या ने बताया, सफेद गेंद क्रिकेट में क्यों खेल रही थी उनकी कमr

पहले T20 मुकाबले में हार्दिक पांड्या ने जब अपना अर्धशतक पूरा किया, तो उनका रिएक्शन बेहद सधा हुआ था. उन्होंने बल्ला ऊपर उठाया, ड्रेसिंग रूम की ओर देखा और बिना किसी अतिरिक्त जश्न के फिर खेल पर फोकस कर लिया. 28 गेंदों में नाबाद 59 रन की यह पारी आम T20 विस्फोटक बल्लेबाज़ी जैसी लग सकती है, लेकिन असल में इसने टीम इंडिया को याद दिलाया कि सफेद गेंद क्रिकेट में पांड्या की गैरमौजूदगी कितनी बड़ी कमी थी.

मैच की शुरुआत से ही पांड्या में वह flamboyance कम और एक परिपक्व सुकून ज्यादा दिखा, खासकर तब जब भारत 12वें ओवर में 78/4 पर संघर्ष कर रहा था. दक्षिण अफ्रीका के तेज़ और नियंत्रित अटैक ने युवा भारतीय बल्लेबाज़ों को जकड़ लिया था. अभिषेक शर्मा, सूर्यकुमार यादव और तिलक वर्मा, तीनों फंसकर आउट हुए, लेकिन दो महीने की क्वॉड्रिसेप्स इंजरी के बाद लौटे पंड्या ने मानो कोई ब्रेक लिया ही नहीं था.

लीडरशिप रोल से बाहर होना और वापसी का सबक

2024 T20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ताओं ने एक बड़ा फैसला लिया. लगातार चोटों के चलते पांड्या को लीडरशिप ग्रुप से हटा दिया गया, लेकिन हर बार की तरह, वापस लौटकर उन्होंने दिखाया कि टीम उनसे क्या उम्मीद करती है और उनकी गैरमौजूदगी में टीम को किन मुश्किलों का सामना करना पड़ा. ODI सीरीज में, ऑस्ट्रेलिया में हो या फिर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ, टीम को आखिर के ओवरों में पावर हिटिंग की कमी साफ दिखी. पांड्या न सिर्फ फिनिशर हैं बल्कि छठे गेंदबाज़ की भूमिका भी निभाते हैं. पांड्या ने बीसीसीआई से बातचीत में कहा, “मैंने हमेशा मजबूती से खड़ा रहना सीखा है. अपने कौशल पर भरोसा रखना मुझे हर बार मजबूत बनाता है. मैं खुद पर यकीन करता हूं.”

अब सिर्फ पावर नहीं, परिपक्वता, सिचुएशन अवेयरनेस और टीम की जरूरत को समझना

अपने करियर में पांड्या की पहचान अक्सर पावर-हिट्स और स्वैगर से जुड़ी रही है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने अपनी बल्लेबाज़ी को नई दिशा दी है—जहां वह सिर्फ बाउंड्री मारने नहीं बल्कि मैच बनाने की जिम्मेदारी उठाने में भी भरोसेमंद बन चुके हैं. एशिया कप के बाद भारत का मिडिल ऑर्डर उस रफ्तार से नहीं खेल पा रहा था, जो आधुनिक T20 क्रिकेट की मांग है. सूर्यकुमार और तिलक वर्मा धीमी और damp पिचों पर अटक रहे थे. अक्षर पटेल को प्रमोट करने का प्रयोग भी कई बार सवालों में घिरा.

हार्दिक अब ‘स्टेबलाइज़र’ बन गया है: दीप दासगुप्ता

पूर्व विकेटकीपर दीप दासगुप्ता का कहना है, “टीमें अब फ्लैट पिचों पर नहीं खेल रहीं. भारत T20 वर्ल्ड कप में कुलदीप और वरुण चक्रवर्ती को ध्यान में रखकर स्पिन-असिस्ट पिचों पर खेलेगा. ऐसे में युवा बल्लेबाज़ों को आज़ादी देने के लिए ज़रूरी है कि वे जानें, नीचे हार्दिक हैं, जो पारी को संभाल सकता है. वह अब ‘स्टेबलाइज़र’ बन गया है. 12वें ओवर के बाद बैटिंग करना पांड्या का स्वीट स्पॉट है.”

दीप दासगुप्ता ने आगे कहा कि वह बिना किसी जोखिम के स्ट्राइक रेट बढ़ा रहे थे. सीधे शॉट, बेहतरीन टाइमिंग...सिचुएशन को समझकर खेलना- यही भारत मिस कर रहा था. हार्दिक टॉप-ऑर्डर और लोअर-मिडिल-ऑर्डर के बीच की कड़ी है.”

चोटें, विवाद और लगातार मजबूती: क्यों पांड्या भारत की व्हाइट-बॉल योजनाओं का अहम हिस्सा हैं?

हार्दिक पांड्या का करियर अक्सर उतार-चढ़ाव भरा रहा है- जैसे ही लगता है वह अपने उच्च फॉर्म में हैं, चोट या विवाद उन्हें पीछे खींच लेते हैं, लेकिन हर बार वह पहले से अधिक मजबूत वापस आते हैं. भारत की व्हाइट-बॉल रणनीति में पंड्या की मौजूदगी इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह बैटिंग का टेम्पो बदल सकते हैं, पारी को स्थिर भी कर सकते हैं, छठे गेंदबाज़ की कमी पूरी करते हैं और दबाव में मैच फिनिश करने की क्षमता रखते हैं. इसीलिए टीम इंडिया को इस नए, शांत, परिपक्व पांड्या की हर फॉर्मेट में जरूरत है.

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