अगरकर की चयन समिति पर फ़िर उठा सवाल, अब भुवनेश्वर कुमार ने साधा निशाना; क्या टीम चयन में पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया जाता है?
टीम इंडिया के तेज़ गेंदबाज़ भुवनेश्वर कुमार ने बिना नाम लिए चयनकर्ताओं पर सवाल उठाए हैं. 2022 से टीम से बाहर चल रहे भुवी का कहना है कि चयन उनके हाथ में नहीं. इससे पहले मनोज तिवारी और अन्य दिग्गज भी बीसीसीआई चयन समिति की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर चुके हैं. क्या टीम चयन में सचमुच पक्षपात होता है?
"मैं अपनी गेंदबाज़ी को एन्जॉय कर रहा हूं. जब तक फिट हूं खेलूंता रहूंगा, 100% देता रहूंगा. बाकी काम चयनकर्ताओं का है" टीम इंडिया से लंबे समय से बाहर चल रहे तेज़ गेंदबाज़ भुवनेश्वर कुमार ने बिना किसी का नाम लिए कहा है कि टीम इंडिया में चुना जाना उनके हाथ में नहीं है. हालांकि, यह कह कर भुवनेश्वर ने अजीत अगरकर की अगुवाई वाली चयन समिति पर परोक्ष रूप से निशाना भी साधा है. एक अख़बार में इंटरव्यू के दौरान जब भुवनेश्वर से पूछा गया कि आपको फ़ैन्स कब टीम इंडिया की जर्सी में देखेंगे तो वो बोले, "आपको इसका जवाब चयनकर्ता देंगे."
'चाहे कितना भी अच्छा प्रदर्शन करें...'
35 साल के भुवनेश्वर 2022 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफ़ाइनल में आख़िरी बार अंतरराष्ट्रीय मैच खेल थे. 121 वनडे, 21 टेस्ट और 87 अंतरराष्ट्रीय टी20 मैचों में क़रीब 300 विकेट चटकाने के बावजूद, भुवनेश्वर लगभग तीन साल से राष्ट्रीय टीम में नहीं हैं. हालांकि 2022 के बाद उनकी फ़िटनेस और फ़ॉर्म पर कुछ समय के लिए सवाल उठाए गए थे, लेकिन इस अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ ने लगातार घरेलू मैचों में हिस्सा लिया है और नियम से हर दिन प्रैक्टिस भी करते हैं ताकि फ़िटनेस दुरुस्त बनी रहे. उनका कहना भी है, "एक अनुशासित गेंदबाज़ के रूप में मेरा पूरा फ़ोकस मेरी फ़िटनेस और लाइन लेंथ पर रहता है." उन्होंने प्रदर्शन से अलग हट कर अन्य कारणों की ओर इशारा करते हुए कहा, "पर आप चाहे कितना भी अच्छा प्रदर्शन करें, कभी-कभी भाग्य आपका साथ नहीं देता."
प्रतिभा को नज़रअंदाज करना मुश्किल
जब उनसे सीधा सवाल पूछा गया कि क्या राजीव शुक्ला के बीसीसीआई के अंतरिम अध्यक्ष बनने से बतौर उत्तर प्रदेश के खिलाड़ी के रूप में टीम में चुने जाने की संभावना है तो उन्होंने योग्यता का हवाला दिया.
भुवनेश्वर ने कहा, सबसे अहम आपका प्रदर्शन है. अगर कोई लगातार अच्छी क्रिकेट खेल रहा है तो उसे अधिक समय तक नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता. अगर आप नहीं भी चुने जाते हैं तो भी अपना 100 फ़ीसद योगदान देते रहिए. बाकी सब चयनकर्ताओं पर निर्भर है." हालांकि इस बातचीत के दौरान उन्होंने राजीव शुक्ला वाले सवाल पर कहा कि उनके अध्यक्ष बनने के बाद सही प्रतिभा को नज़रअंदाज करना मुश्किल होगा. भुवनेश्वर को उम्मीद है यूपी टी20 लीग और अन्य टूर्नामेंट में उनके प्रदर्शन का ऑस्ट्रेलियाई दौरे के लिए टीम चुने जाते समय ध्यान में रखा जाएगा.
मनोज तिवारी ने सेलेक्टर्स, कोच और कप्तान पर उठाया था सवाल
पहले भी कई खिलाड़ी यह कहते रहे हैं कि बीसीसीआई के सेलेक्टर्स, कोच और कप्तान प्रदर्शन के अनुरूप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का समुचित मौक़ा नहीं देते. कुछ दिन पहले ही पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने कहा था कि टीम इंडिया में पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाया जाता है और वहां स्टार कल्चर चलता है. आईपीएल की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स में गौतम गंभीर के साथ खेल चुके मनोज तिवारी ने एक इंटरव्यू में अपना और बंगाल के पूर्व क्रिकेटर उत्पल चटर्जी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि कोच और कप्तान के पसंदीदा खिलाड़ी ही टीम इंडिया में जगह बना पाते हैं.
40 साल की उम्र तक बुलावे का इंतज़ार करते उत्पल चटर्जी कौन हैं?
61 साल के हो चुके उत्पल चटर्जी ने फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट में 500 से अधिक विकेट चटकाए पर उन्हें केवल तीन वनडे मैचों में खेलने का मौक़ा मिला वो भी जब वो 30 साल के हो चुके थे जिसकी तब ख़ूब आलोचना हुई थी. अज़हरुद्दीन की कप्तानी में एशिया कप में जब पहली बार बांग्लादेश के ख़िलाफ़ उतारे गए तब उन्होंने अपनी स्पिन गेंदबाज़ी का शानदार नमूना पेश किया था और अपने कोटे के 10 ओवरों में केवल 28 रन खर्चते हुए उस मैच में सबसे अधिक रन बनाने वाले बांग्लादेशी बल्लेबाज़ अमीनुल इस्लाम का विकेट चटकाया था. उत्पल चटर्जी टीम इंडिया में वापस चुने जाने की आस में अगले 10 साल तक फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट खेलते रहे और आख़िर थक कर उन्होंने 40 साल की उम्र में संन्यास लेने का एलान कर दिया. अपने अंतिम मैच में भी उत्पल चटर्जी ने उत्तर प्रदेश के ख़िलाफ़ पांच विकेट चटकाए थे.
ख़ुद मनोज तिवारी को 2008 से 2015 के सात सालों के दौरान अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ शतक जमाने के बावजूद काफ़ी लंबे समय के लिए बेंच पर बैठना पड़ा था. यहां तक कि उन्हें 2012 के टी20 वर्ल्ड कप में टीम में रखा गया था पर टूर्नामेंट में एक भी मैच खेलने का मौक़ा नहीं दिया गया.
सेलेक्शन मीटिंग के लाइव टेलीकास्ट की मांग
मनोज तिवारी ने बीसीसीआई से टीम के चयन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के साथ ही क्रिकेट प्रेमियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए टीम के लिए टीम चुनने की बैठक की लाइव टेलीकास्ट करने की वकालत की.
वो लंबे समय से इसकी मांग करते आ रहे हैं. उनका कहना है, "टीम चयन की बैठक का सीधा प्रसारण होना चाहिए ताकि खेल प्रेमी ये समझ सकें कि किसी को क्यों चुना गया है और दूसरे को क्यों नहीं. सिर्फ़ प्रेस कॉन्फ्रेंस में आकर किसी खिलाड़ी को बाहर करने के बारे में एक-दो बातें कह देना और फ़िर कुछ अलग करना सही नहीं है."
एशिया कप की टीम में श्रेयस अय्यर और यशस्वी जायसवाल को नहीं चुने जाने पर उन्होंने अपनी नाराज़गी जताते हुए कहा, श्रेयस और यशस्वी दोनों योग्य उम्मीदवार हैं, लेकिन टीम से बाहर हैं. अगर आप गौतम गंभीर के पुराने इंटरव्यू देखें तो उन्होंने कहा था कि जायसवाल को टी20 क्रिकेट से बाहर नहीं रखा जा सकता. जब वो ख़ुद कोच हैं, तो टीम में यशस्वी जायसवाल की कोई जगह नहीं है."
केवल मनोज तिवारी ही नहीं, चीफ़ सेलेक्टर रह चुके पूर्व क्रिकेटर कृष्णामाचारी श्रीकांत समेत कई अन्य लोगों ने यशस्वी और श्रेयस को नज़रअंदाज़ करने के लिए सेलेक्शन पैनल की जमकर आलोचना की थी.





