मिचेल स्टार्क ने टी-20 से क्यों लिया संन्यास, क्या 2027 में ऑस्ट्रेलिया को तीसरी बार चैंपियन बनाने की है तैयारी?
ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तेज़ गेंदबाज़ मिचेल स्टार्क ने अंतरराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान किया. स्टार्क ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता हमेशा टेस्ट और वनडे क्रिकेट रही है. उन्होंने 2021 टी20 वर्ल्ड कप की जीत को याद करते हुए इसे खास लम्हा बताया. 35 वर्षीय स्टार्क का मानना है कि इस फैसले से उन्हें भारत के टेस्ट दौरे, एशेज़ सीरीज़ और 2027 वनडे वर्ल्ड कप के लिए बेहतर तैयारी करने में मदद मिलेगी. उनके संन्यास से ऑस्ट्रेलिया की टी20 वर्ल्ड कप 2026 की तैयारियों को बड़ा झटका माना जा रहा है.
ऑस्ट्रेलिया के अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ मिचेल स्टार्क ने टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. उनके इस फ़ैसले से ऑस्ट्रेलिया की टी20 वर्ल्ड कप की तैयारियों को झटका लगा है, जो अगले साल भारत और श्रीलंका में आयोजित होने वाला है. साथ ही स्टार्क ऑस्ट्रेलिया के उन बड़े नामों में शामिल हो गए हैं जिन्होंने हाल के महीनों में टी20 से संन्यास लिया है. डेविड वॉर्नर ने पिछले साल जून में क्रिकेट के सभी अंतरराष्ट्रीय फ़ॉर्मेट से संन्यास लिया था, तो स्टीव स्मिथ, ग्लेन मैक्सवेल और मार्कस स्टॉइनिस ने इसी साल वनडे से संन्यास लिया है.
35 वर्षीय स्टार्क ने अंतरराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट से संन्यास लेने का फ़ैसला इसलिए लिया ताकि वो टेस्ट और वनडे क्रिकेट पर अधिक ध्यान दे सकें, जो कि हमेशा से उनकी प्राथमिकता रही है. साथ ही इसे, अगले साल टी20 वर्ल्ड कप को देखते हुए बाकी गेंदबाज़ों को उनकी ग़ैरमौजूदगी में अधिक तैयारी करने के लिए समय रहते लिया गया फ़ैसला भी माना जा सकता है.'
स्टार्क ने टी20 से क्यों लिया संन्यास?
अंतरराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट से संन्यास लेते हुए मिचेल स्टार्क ने कहा, "टेस्ट क्रिकेट हमेशा मेरी पहली प्राथमिकता रही है. मैंने ऑस्ट्रेलिया के हर टी20 मैच का आनंद लिया, ख़ासकर 2021 वर्ल्ड कप का, जहां हम न केवल वर्ल्ड कप जीते बल्कि पूरी टीम के लिए वो मज़ेदार समय था"
इस दौरान उन्होंने स्पष्ट तौर पर भारत के टेस्ट दौरे के साथ-साथ एशेज़ और वनडे वर्ल्ड को अहमियत देने की बात भी कही.
स्टार्क बोले, "आने वाले समय में भारत का टेस्ट दौरा, एशेज़ सीरीज़ और 2027 वनडे वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए, मेरा यह फ़ैसला मुझे फ़िट और तरोताज़ा रखने में मदद करेगा. इससे ऑस्ट्रेलिया को टी20 वर्ल्ड कप की तैयारी के लिए नई गेंदबाज़ी आक्रमण को तैयार करने का समय भी मिल जाएगा.”
2021 टी20 वर्ल्ड कप का याद न रखने वाला फ़ाइनल
35 साल के हो चुके स्टार्क ने अपना आख़िरी टी20 मैच पिछले साल वेस्ट इंडीज़ में आयोजित टी20 वर्ल्ड कप में भारत के ख़िलाफ़ खेला था. जहां उन्होंने रोहित शर्मा को बोल्ड किया तो सूर्यकुमार यादव उनके अंतिम टी20 विकेट रहे. स्टार्क ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफल टी20 तेज़ गेंदबाज़ हैं, जिन्होंने इस फ़ॉर्मेट में 79 विकेट लिए. ऑस्ट्रेलिया के लिए उनसे अधिक विकेट सिर्फ़ स्पिनर एडम ज़म्पा (130 विकेट) के नाम हैं.
स्टार्क हमेशा ऑस्ट्रेलिया के लिए बड़े टूर्नामेंटों और द्विपक्षीय सीरीज़ में खेलने के लिए उपलब्ध रहे. उन्होंने 2021 टी20 वर्ल्ड कप में, फ़ाइनल को छोड़कर, अहम भूमिका निभाई थी और कुल 9 विकेट चटकाए थे. फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने न्यूज़ीलैंड को हरा कर ख़िताब ज़रूर जीता था पर स्टार्क का अपना प्रदर्शन उस फ़ाइनल में बहुत निराशाजनक रहा था. तब उन्होंने अपने चार ओवरों में 15 की इकोनॉमी से 60 रन दिए थे. ख़ासकर उनके तीन ओवरों के एक स्पेल में ही न्यूज़ीलैंड ने 7 चौके और एक छक्के की मदद से 50 रन बना दिए थे और वह टी20 वर्ल्ड कप में दूसरा सबसे महंगा स्पेल का याद न रखने वाला रिकॉर्ड बन गया था.
ऑस्ट्रेलियाई चीफ़ सेलेक्टर क्या बोले?
स्टार्क ने अपने करियर के अधिकांश समय में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को तरजीह दी है, यहां तक कि आईपीएल के मोटे पैसों को भी कई बार ठुकराया लेकिन पिछले दो आईपीएल सीज़न में उन्होंने क़रीब 6.5 मिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर कमाए हैं, और टेस्ट क्रिकेट में भी शानदार प्रदर्शन बनाए रखा है. अब स्टार्क टेस्ट और वनडे के साथ-साथ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) जैसी घरेलू टी20 लीग भी खेलते रहेंगे.
उनके अंतरराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट से संन्यास लेने की ख़बर पर ऑस्ट्रेलिया के चीफ़ सेलेक्टर जॉर्ज बेली ने कहा, "मिच को अपनी टी20 करियर पर गर्व होना चाहिए. वे 2021 की वर्ल्ड कप विजेता टीम के अहम सदस्य थे और उनकी विकेट लेने की क्षमता ने कई मैचों का रुख़ बदला है."
ऑस्ट्रेलिया के पास क्या हैं विकल्प?
अब ऑस्ट्रेलिया को टी20 टीम में उनकी जगह के लिए नए विकल्पों पर फ़ोकस करना होगा. स्टार्क न्यूज़़ीलैंड के साथ होने जा रही सीरीज़ के लिए भी उपलब्ध नहीं होंगे. पैट कमिंस भी पीठ की चोट के कारण शायद ही टीम का हिस्सा हों. ऐसे में स्टार्क की जगह टीम में नई गेंद के विकल्पों में नैथन एलिस, जॉश हेज़लवुड, बेन द्वार्शुईस, ज़ेवियर बार्टलेट और स्पेंसर जॉनसन जैसे खिलाड़ी हो सकते हैं, लेकिन फ़िलहाल हेज़लवुड को छोड़ कर कोई भी अन्य गेंदबाज़ स्टार्क जैसी मैच के रुख़ को मोड़ने की क्षमता नहीं रखता है.
स्टार्क की रफ़्तार और एक ख़ास एंगल से गेंद को स्विंग कराने की क्षमता ने पूरी दुनिया में उनके प्रशंसक बनाए हैं. चाहे वो अपने देश में हों या इंग्लैंड, भारत या वेस्ट इंडीज़ में, जब गेंदबाज़ी कर रहे होते हैं तो क्रिकेट के चाहने वाले पूरी तन्मयता से उनकी कमाल करती गेंदों की तारीफ़ किए बिना नहीं रहते. नई गेंदों के साथ-साथ वो पुरानी गेंदों को भी उतनी ही चतुराई से स्विंग कराने के माहिर हैं. यही कारण है कि टेस्ट और वनडे के साथ साथ उन्होंने टी20 में भी ख़ुद को क्रिकेट के सबसे बेहतरीन गेंदबाज़ों में शुमार किया है.
क्या 2027 में ऑस्ट्रेलिया को तीसरी बार चैंपियन बनाने की है तैयारी?
उन्होंने टी20 से संन्यास लेने का फ़ैसला इसलिए किया है कि वो लंबे समय तक टेस्ट के साथ-साथ वनडे में भी बढ़िया प्रदर्शन करने पर अपना ध्यान केंद्रित कर सके — तो शायद वो वनडे वर्ल्ड कप 2027 में ऑस्ट्रेलिया को तीसरी बार चैंपियन भी बना दें, ठीक वैसे ही जैसा रिकी पोंटिंग, एडम गिलक्रिस्ट और ग्लेन मैग्रा ने किया था.
वनडे वर्ल्ड कप में स्टार्क सबसे बड़े रिकॉर्ड के क़रीब
2015 से 2023 तक खेले गए वनडे वर्ल्ड कप के केवल 28 मैचों में स्टार्क ने 65 विकेट लिए हैं और वर्ल्ड कप में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ों में उनसे आगे केवल श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन (40 मैचों में 68 विकेट) और उनके हमवतन ग्लेन मैग्रा (39 मैच में 71 विकेट) हैं. वर्ल्ड कप में विकेट लेने की उनकी रफ़्तार ऐसी है कि वो इस टूर्नामेंट में 50 विकेट चटकाने वाले गेंदबाज़ों में 22.44 की स्ट्राइक रेट के साथ इस लिस्ट में भारत के मोहम्मद शमी (15.81) के बाद दूसरे पायदान पर हैं. आपको बता दें कि वनडे वर्ल्ड कप में मोहम्मद शमी भारत के सबसे सफल गेंदबाज़ हैं, जिनके नाम केवल 18 मैचों में 55 विकेट लेने का रिकॉर्ड है.





