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ऑपरेशन ब्लू स्टार स्वर्ण मंदिर को लेने का गलत रास्ता था... चिदंबरम बोले- इंदिरा गांधी ने जान देकर चुकाई फैसले की कीमत

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने ऑपरेशन ब्लू स्टार को स्वर्ण मंदिर को वापस लेने का गलत तरीका करार दिया और कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस फैसले की कीमत अपनी जान देकर चुकाई. उन्होंने इसे सेना, पुलिस और सिविल सेवाओं का सामूहिक निर्णय बताया और ऑपरेशन ब्लैक थंडर से तुलना की. चिदंबरम के इस बयान पर कांग्रेस नेतृत्व नाराज हुआ और कुछ नेताओं ने सवाल उठाया कि क्या वह पार्टी के खिलाफ बयान देने के लिए दबाव में हैं.

ऑपरेशन ब्लू स्टार स्वर्ण मंदिर को लेने का गलत रास्ता था... चिदंबरम बोले- इंदिरा गांधी ने जान देकर चुकाई फैसले की कीमत
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( Image Source:  ANI )

P Chidambaram Operation Blue Star statement: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को भारत के इतिहास के सबसे विवादित अध्यायों में से एक ऑपरेशन ब्लू स्टार पर अपनी राय व्यक्त की. उन्होंने इसे 'स्वर्ण मंदिर को वापस लेने का गलत तरीका' करार दिया और कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस फैसले के लिए अपनी जान की कीमत चुकाई.

चिदंबरम ने कहा कि यह ऑपरेशन ब्लू स्टार जून 1984 में सेना, पुलिस, खुफिया और सिविल सेवाओं के सामूहिक निर्णय के तहत किया गया था. उन्होंने इसे बाद में हुई ऑपरेशन ब्लैक थंडर से तुलना करते हुए कहा कि ब्लैक थंडर का तरीका सही था, क्योंकि उसमें सेना को सिखों के पवित्र स्थल से बाहर रखा गया.

"ब्लू स्टार ऑपरेशन स्वर्ण मंदिर को वापस लेने का गलत तरीका था"

चिदंबरम ने कहा, "यह किसी भी सेना अधिकारी का अपमान नहीं है, लेकिन ब्लू स्टार ऑपरेशन स्वर्ण मंदिर को वापस लेने का गलत तरीका था. कुछ साल बाद हमने सही तरीका अपनाया, जिसमें सेना को बाहर रखा गया." उन्होंने आगे कहा, "इंदिरा गांधी ने उस गलती की कीमत अपनी जिंदगी देकर चुकाई. यह सिर्फ उनका निर्णय नहीं था, बल्कि सेना, पुलिस, खुफिया और सिविल सेवाओं का संयुक्त निर्णय था. आप इसे केवल इंदिरा गांधी पर दोष नहीं डाल सकते." चिदंबरम ये टिप्पणियां ‘They Will Shoot You, Madam: My Life Through Conflict’ सेशन के दौरान लेखक हरिंदर बावेजा के साथ बातचीत में कही.

क्या था ऑपरेशन ब्लू स्टार?

ऑपरेशन ब्लू स्टार, 1 से 10 जून 1984 तक अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में किया गया था. इसका मकसद जरनैल सिंह भिंडरावाले और उनके समर्थकों को मंदिर परिसर से बाहर करना था. इस ऑपरेशन में भिंडरावाले और उनके कई सहयोगी मारे गए. इसके कुछ महीनों बाद, 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी को उनके सिक्ख अंगरक्षकों, बेअंत सिंह और सतवंत सिंह ने उनके नई दिल्ली स्थित आवास में गोली मारकर हत्या कर दी.

कांग्रेस ने बयान पर जताई नाराजगी

चिदंबरम के बयान के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने अपनी नाराजगी जताई. कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने सवाल उठाया कि क्या चिदंबरम को पार्टी के खिलाफ बयान देने के लिए दबाव डाला जा रहा है, क्योंकि उनके खिलाफ अभी भी आपराधिक मामले लंबित हैं. उन्होंने कहा, "ऑपरेशन ब्लू स्टार सही था या गलत, यह अलग मुद्दा है, लेकिन 50 साल बाद पी. चिदंबरम कांग्रेस और इंदिरा गांधी पर हमला क्यों कर रहे हैं? वे वही कर रहे हैं जो बीजेपी और प्रधानमंत्री करते. यह दुर्भाग्यपूर्ण है." कांग्रेस नेतृत्व का कहना है कि सीनियर नेता, जिन्होंने कांग्रेस से सब कुछ पाया है, उन्हें ऐसे बयान देने में सावधानी बरतनी चाहिए जो पार्टी के लिए शर्मिंदगी पैदा करें. यह आदत नहीं बननी चाहिए.

पहले भी विवादों में रह चुके हैं चिदंबरम

चिदंबरम ने इससे पहले भी 26/11 मुंबई आतंकी हमलों पर दिए गए बयान के कारण विवाद खड़ा किया था. उन्होंने कहा था कि व्यक्तिगत रूप से वे पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई के पक्ष में थे, लेकिन उस समय की यूपीए सरकार ने विदेश मंत्रालय की सलाह के अनुसार कूटनीतिक कदम उठाए.

प्रधानमं मोदी ने चिदंबरम के बयान पर कांग्रेस पर साधा निशाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चिदंबरम के बयान पर कांग्रेस पर निशाना साधा. NMIA और मुंबई मेट्रो की परियोजनाओं के उद्घाटन के दौरान उन्होंने कहा, "कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर किया, जिसकी कीमत देश को चुकानी पड़ी." वहीं, चिदंबरम ने प्रधानमंत्री के आरोपों को 'बहुत गलत' करार दिया. उन्होंने X पर लिखा, "प्रधानमंत्री के शब्दों को मेरे हवाले करना पूरी तरह गलत है. तीनों हिस्से, जो उन्हें मेरे कथन के रूप में दिखाए गए हैं, TERRIBLY WRONG हैं."

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