तालिबान के लिए महिलाएं इंसान नहीं... PC में महिलाओं की एंट्री बैन करने को लेकर अमीर खान मुत्ताकी पर फूटा तस्लीमा नसरीन का गुस्सा
दिल्ली में अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसी भी महिला पत्रकार को शामिल नहीं होने दिया गया, जिससे विवाद खड़ा हो गया. बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन ने कहा कि तालिबान महिलाओं को इंसान ही नहीं मानता. वहीं, कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने पुरुष पत्रकारों की मौजूदगी पर नाराजगी जताई.

Taslima Nasreen criticism Amir Khan Muttaqi: दिल्ली में 10 अक्टूबर को अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने अफगानिस्तान दूतावास में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जो विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद हुई. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसी भी महिला पत्रकार को शामिल नहीं होने दिया गया, केवल पुरुष पत्रकार ही मौजूद थे. इस कदम ने लिंग भेदभाव और मीडिया एथिक्स पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए.
बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन, जो 1994 में अपने देश से भागी थीं, ने मुत्ताकी की इस कार्रवाई की कड़ी आलोचना की. उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर कहा, “ये महिला-विरोधी पुरुष महिलाओं को घर के बाहर कहीं भी नहीं देखना चाहते- न स्कूलों में, न कार्यस्थलों में. वे महिलाओं को मानव अधिकार देने से इनकार करते हैं क्योंकि वे महिलाओं को इंसान ही नहीं मानते.” उन्होंने उन पुरुष पत्रकारों की भी आलोचना की जो प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे और कहा, “अगर पुरुष पत्रकारों में थोड़ी भी ईमानदारी होती, तो वे इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से बाहर चले जाते.”
'तालिबान ने महिलाओं को सार्वजनिक जीवन से लगभग पूरी तरह हटा दिया है'
नसरीन ने अफगान महिलाओं की वर्तमान स्थिति की ओर भी ध्यान दिलाया. उन्होंने बताया कि तालिबान 2.0” के शासन के तहत, जो अगस्त 2021 में सत्ता में आया, अफगान महिलाएं और लड़कियां विश्व की सबसे गंभीर महिला अधिकार संकट का सामना कर रही हैं. तालिबान ने महिलाओं को सार्वजनिक जीवन से लगभग पूरी तरह हटा दिया है. नसरीन ने कहा, “भयंकर महिला-विरोध पर आधारित राज्य एक बर्बर राज्य है और कोई भी सभ्य राष्ट्र इसे मान्यता नहीं दे सकता.”
पी चिदंबरम ने पुरुष पत्रकारों की मौजूदगी पर जताई नाराजगी
महिला पत्रकारों को बाहर रखने के फैसले पर भारत में भी राजनीतिक आलोचना हुई. कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने पुरुष पत्रकारों की गैर-जिम्मेदारी पर नाराजगी जताई. उन्होंने X पर लिखा, “मैं हैरान हूं कि महिला पत्रकारों को उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं किया गया, जो अमीर खान मुत्ताकी ने संबोधित की. मेरी व्यक्तिगत राय है कि पुरुष पत्रकारों को जब यह पता चला कि उनकी महिला सहयोगियों को बाहर रखा गया है, तो उन्हें बाहर चले जाना चाहिए था.”
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय (MEA) ने स्पष्ट किया कि अफगान विदेश मंत्री द्वारा आयोजित इस प्रेस संवाद में भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं थी. यह कार्यक्रम केवल अफगानिस्तान दूतावास द्वारा आयोजित किया गया था और दोनों मंत्रियों के बीच किसी संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन नहीं हुआ.
16 अक्टूबर तक भारत में रहेंगे मुत्ताकी
मुत्ताकी 16 अक्टूबर तक भारत में रहेंगे. यह तालिबान के सत्ता में आने के बाद उनका पहला भारत दौरा है. इस दौरे के दौरान भारत-अफगानिस्तान संबंध, क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग, मानवीय सहायता और व्यापार मार्गों पर चर्चा हुई, लेकिन महिला पत्रकारों की जानबूझकर उपस्थिति न होने की घटना तालिबान के तहत चल रही लिंग असमानता को उजागर करती है. इसे देश और दुनिया भर में कड़ी निंदा का सामना करना पड़ा है.