कितना झूठ बोलोगे? MEA ने ट्रंप के दावे को किया खारिज, कहा- PM मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच कोई बातचीत नहीं हुई
विदेश मंत्रालय (MEA) ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच कल कोई फोन कॉल या बातचीत नहीं हुई. यह बयान ट्रम्प के भारत के रूस से तेल आयात पर किए गए हालिया टिप्पणियों के बाद आया. MEA ने दोहराया कि भारत की ऊर्जा नीति पूरी तरह से राष्ट्रीय हितों और भारतीय उपभोक्ताओं की सुरक्षा पर आधारित है. मंत्रालय ने कहा कि भारत एक महत्वपूर्ण तेल और गैस आयातक है और उसकी नीतियां स्थिर मूल्य और विविध आपूर्ति स्रोत सुनिश्चित करने पर केंद्रित हैं.

विदेश मंत्रालय (MEA) ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच 15 अक्टूबर को कोई टेलीफोनिक वार्ता नहीं हुई. MEA के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच कल किसी भी बातचीत या कॉल के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है.”
यह स्पष्टीकरण ट्रम्प के हालिया बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने भारत के रूस से तेल आयात को लेकर टिप्पणी की थी. ट्रम्प ने पहले कहा था कि पीएम मोदी ने उन्हें आश्वस्त किया कि भारत रूस से तेल का आयात बंद करेगा, और इसे मॉस्को पर वैश्विक दबाव बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम बताया.
“पीएम मोदी ने मुझे आश्वस्त किया कि वे रूस से तेल नहीं खरीदेंगे”
बुधवार (15 अक्टूबर) को जब ट्रम्प से पूछा गया कि क्या वे भारत को भरोसेमंद साझेदार मानते हैं, उन्होंने कहा, “हां, निश्चित रूप से. वह (पीएम मोदी) मेरे दोस्त हैं. हमारे बीच अच्छा संबंध है. मुझे यह अच्छा नहीं लगा कि भारत तेल खरीद रहा था. उन्होंने आज मुझे आश्वस्त किया कि वे रूस से तेल नहीं खरीदेंगे. यह बड़ा कदम है. अब हमें चीन को भी ऐसा करने के लिए कहना होगा.”
'भारत की ऊर्जा नीति पूरी तरह से राष्ट्रीय हितों द्वारा संचालित है'
MEA ने इस टिप्पणी के जवाब में पहले ही जोर देकर कहा था कि भारत की ऊर्जा नीति पूरी तरह से राष्ट्रीय हितों द्वारा संचालित है और इसका उद्देश्य अस्थिर वैश्विक बाजार में भारतीय उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. मंत्रालय ने दोहराया कि भारत एक महत्वपूर्ण तेल और गैस आयातक देश है और इसकी आयात नीतियां स्थिर मूल्य और विविध स्रोतों से आपूर्ति सुनिश्चित करने पर केंद्रित हैं.
“भारतीय उपभोक्ता के हितों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता रही है ”
MEA ने कहा, “भारत एक महत्वपूर्ण तेल और गैस आयातक है. अस्थिर ऊर्जा परिदृश्य में भारतीय उपभोक्ता के हितों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता रही है. हमारी आयात नीतियां पूरी तरह से इसी उद्देश्य द्वारा संचालित हैं.”
इस स्पष्टिकरण से यह साफ होता है कि भारत अपनी ऊर्जा और विदेश नीति में रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखता है और अंतरराष्ट्रीय दावों के माध्यम से देश की नीतियों को गलत तरीके से पेश करने का प्रयास सफल नहीं होगा.