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संजय कपूर की वसीयत पर हाई कोर्ट में खींचतान, मीडिया को नहीं शेयर की जाएगी विल की डिटेल्स

दिल्ली हाई कोर्ट में दिवगंत बिजनेसमैन संजय कपूर की वसीयत को लेकर जोरदार खींचतान चल रही है. करिश्मा के बच्चे और प्रिया सचदेव के बीच कानूनी जंग तेज हो चुकी है. जहां दोनों पक्षों ने कहा है कि वह वसीयत से जुड़ी डिटेल्स मीडिया को शेयर नहीं करेंगे.

संजय कपूर की वसीयत पर हाई कोर्ट में खींचतान, मीडिया को नहीं शेयर की जाएगी विल की डिटेल्स
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( Image Source:  x-@sunjaykapur )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 26 Sept 2025 5:43 PM IST

12 जून के दिन संजय कपूर की अचानक पोलो खेलते हुए मौत हो गई थी, जिसके चलते उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट आया, लेकिन संजय की मौत के बाद उनकी वसियत को लेकर जमकर बवाल हुआ. जहां बिजनेसमैन की संपत्ति को लेकर लेकर करिश्मा कपूर के बच्चे और प्रिया सचदेव आमने-सामने हैं.

करीब 30 हजार करोड़ रुपये की विरासत पर अब मुकदमा चलाया जा रहा है. जहां दिल्ली हाईकोर्ट में आज समायरा और कियान और प्रिया ने कहा कि वह सजंय की विल की डिटेल मीडिया को नहीं दिखाएंगे.

वसीयत का राज़ और कोर्ट का आदेश

सुनवाई के दौरान करिश्मा कपूर के बच्चों और प्रिया सचदेव कपूर की ओर से वकीलों ने अदालत को भरोसा दिलाया कि वह संजय कपूर की वसीयत का कंटेंट मीडिया के साथ शेयर नहीं करेंगे. अदालत ने भी आदेश दिया कि संजय की मां, रानी कपूर, को वसीयत की कॉपी दी जाए, जबकि मूल दस्तावेज हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की सुरक्षित कस्टडी में रहेंगे.

सील बंद लिफाफे में पेश

सुनवाई में संजय की पत्नी प्रिया सचदेव कपूर की ओर से सीनियर वकील राजीव नायर पेश हुए. उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि प्रिया अपने पति की संपत्ति और देनदारियों का ब्योरा सील बंद लिफाफे में पेश करना चाहती हैं, ताकि यह साइबर फ्राड और पैसों के दुरुपयोग से बचा रहे. उनके वकील ने कहा कि यह मूल रूप से संपत्ति का बंटवारा है, लेकिन मीडिया की लगातार नज़र ने इसे संवेदनशील बना दिया है.

NDA का प्रस्ताव

प्रिया की याचिका में कहा गया कि वसीयत से जुड़े कागज़ात कोई भी तभी देख सके, जब वह पहले एक गोपनीयता समझौते (NDA) पर साइन करे. इसमें करिश्मा कपूर के बच्चे और रानी कपूर भी शामिल हों. अगर यह संभव न हो, तो प्रिया ने अदालत को एक और तरीका सुझाया. उन्होंने कहा कि Confidentiality Club बनाया जाए, जिसमें सिर्फ तय किए गए वकील और रिप्रजेंटेटिव ही इन दस्तावेज़ों को देख सकें.


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