अब सस्ता होगा गैस सिलेंडर! पहले समझौते में भारत-अमेरिका के बीच हो गई LPG की बड़ी डील
भारत ने अमेरिका के साथ पहली बार एलपीजी आयात करने के लिए एक बड़ी डील की है. केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसकी जानकारी दी है. सरकारी तेल कंपनियों ने एक साल के लिए करीब 2.2 मिलियन टन एलपीजी गैस आयात पर ये समझोता किया है.
अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ के बाद दोनों देशों के व्यापार संबंधों में थोड़ी खटास आ गई थी. लेकिन अब ये खटास थोड़ी कम होती हुई दिखाई दे रही है. भारत ने पहली बार अमेरिका के साथ लंबे समय तक एलपीजी आयात करने के लिए एक बड़ी डील की है.
सरकार का कहना है कि यह डील देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगा और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच आपूर्ति के स्रोतों में विविधता लाने का अवसर प्रदान करेगा. जिसके बाद भारतीय तेल कंपनियां अमेरिका से 10 फीसदी एलपीजी का आयात करेंगी.
हरदीप सिंह पुरी ने दी जानकारी
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भारत और अमेरिका इस डील के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि "एलपीजी मार्केट दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती मार्केट है, जिसको लेकर भारत ने अमेरिका के लिए अपना बाजार खोल दिया है. सरकार का पहला काम देश के लोगों को किफायती दामों पर एलपीजी उपलब्ध करना और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना है और इसको लेकर ही भारत ने ये बड़ा कदम उठाया है."
आगे हरदीप पुरी ने बताया कि सरकारी तेल कंपनियों ने एक साल के लिए करीब 2.2 मिलियन टन एलपीजी गैस आयात पर ये समझोता किया है. जो भारत की तरफ से आयात होने वाली एलपीजी का करीब 10 फीसदी हिस्सा है.
दुनिया में भारत LPG का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता
बता दें, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा एलपीजी उपभोक्ता देश है, जहां घरेलू मांग लगातार बढ़ रही है. उज्ज्वला योजना के तहत कम आय वाले परिवारों को सब्सिडी दर पर कनेक्शन उपलब्ध कराए जाने से भी एलपीजी की मांग और आपूर्ति दोनों में विस्तार हुआ है. वर्तमान में भारत अपनी कुल एलपीजी जरूरतों का लगभग 50 प्रतिशत आयात करता है, जिनमें से अधिकांश आपूर्ति पश्चिम एशियाई बाजारों से होती है.
कितनी मायने रखती है ये डील?
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सरकार बनने के बाद से दोनों देशों के रिश्ते कुछ ठीक नहीं चल रहे हैं. जिसके चलते कई सारी व्यापार की डीलों पर भी प्रभाव पड़ा था. अब भारत-अमेरिका के बीच ये डील काफी मायने रखने वाली है. दूसरी तरफ दोनों ही देश अब सकारात्मक दिशा में ट्रेड डील की तरफ भी बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं. दोनों देशों के बीच जल्द ही एक ट्रेड डील भी हो सकती है, उम्मीद लगाई जा रही है कि इस ट्रेड डील के बाद ट्रंप भारत से 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ हटा सकते हैं.





