ऑपरेशन सिंदूर 88 घंटे का ट्रेलर था, अगली बार... सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान को दी बड़ी चेतावनी
दिल्ली में आयोजित Chanakya Defence Dialogues में भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन ‘सिंदूर’ पाकिस्तान के लिए सिर्फ 88 घंटे का ट्रेलर था. उन्होंने बताया कि सेना मल्टी-डोमेन वारफेयर, इंटर-फोर्स इंटीग्रेशन और लॉन्ग-ड्यूरेशन सप्लाई चेन पर और मजबूत हुई है. द्विवेदी ने चेतावनी दी कि अगली बार युद्ध 4 महीने या 4 साल भी चल सकता है, इसलिए भारत पूरी तैयारी में है. साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की नई नीति यही है- बातचीत और आतंक एक साथ नहीं चल सकते.
Chief of Army Staff General Upendra Dwivedi on Operation Sindoor : नई दिल्ली में सोमवार को आयोजित Chanakya Defence Dialogues कार्यक्रम में भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने पाकिस्तान पर बड़ा और सीधा संदेश दिया. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन ‘सिंदूर’ सिर्फ 88 घंटे का एक ट्रेलर था. भारतीय सेना हर परिस्थिति के लिए पूरी तरह तैयार है.
जनरल द्विवेदी ने कहा, “अगर पाकिस्तान फिर मौका देगा, तो हम उसे सिखाएंगे कि पड़ोसी देशों के साथ जिम्मेदारी से कैसे व्यवहार किया जाता है.”
ऑपरेशन ‘सिंदूर’ से सीखे सबक: तीन बड़े पॉइंट
सेना प्रमुख ने ऑपरेशन ‘सिंदूर’ से मिली सीखों का ज़िक्र करते हुए तीन मुख्य बिंदु गिनाए,
- फोर्सेस के बीच इंटीग्रेशन: सेना प्रमुख ने कहा कि आज की लड़ाइयां मल्टी-डोमेन हो चुकी हैं. सिर्फ़ सेना नहीं, नौसेना और वायुसेना को भी मिलकर लड़ना होता है. उन्होंने कहा, “आज की लड़ाई अकेली सेना नहीं लड़ सकती. सबको साथ आना पड़ेगा.”
- सप्लाई और हथियारों की पर्याप्त उपलब्धता: सेना प्रमुख ने स्पष्ट किया कि युद्ध कब तक चलेगा, इसका अनुमान आज भी कोई नहीं लगा सकता. उन्होंने कहा, “इस बार 88 घंटे लड़ाई चली… अगली बार चार महीने या चार साल भी लग सकते हैं. उसके हिसाब से सप्लाई और संसाधन तैयार रखने होंगे.”
- हर स्तर पर तेज़ और समय पर निर्णय: ऑपरेशन के दौरान महसूस हुआ कि कमांड की हर लेयर पर त्वरित निर्णय लेना अनिवार्य है. उन्होंने कहा, “निर्णय लेने के लिए बहुत कम समय मिलता है. हर स्तर पर समय पर फैसले लेने की जरूरत है.”
भारत ने ‘नया नार्मल’ सेट कर दिया है : COAS
पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल) के बाद भारत ने पाकिस्तान को लेकर अपनी नीति और ज़्यादा कड़ी कर दी है. जनरल द्विवेदी ने कहा, “जब कोई देश राज्य प्रायोजित आतंकवाद को बढ़ावा देता है, तो हमें कार्रवाई करनी ही पड़ती है. हमने स्पष्ट कर दिया है- बातचीत और आतंक एक साथ नहीं चल सकते.”
आर्मी चीफ ने कहा कि भारत तरक्की की बात करता है लेकिन अगर कोई बाधा बनेगा, तो जवाब मिलेगा. उन्होंने कहा, “हम आतंकियों और उनके स्पॉन्सर्स, दोनों को एक ही नज़र से देखेंगे.”
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति बेहतर
सेना प्रमुख ने बताया कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद घाटी में आतंकवादी घटनाओं में साफ़ गिरावट आई है और राजनीतिक स्पष्टता बढ़ी है. उन्होंने कहा, “Article 370 हटने के बाद से हालात बेहतर हुए हैं. आतंकवादी घटनाएं कम हुई हैं और राजनीतिक स्पष्टता आई है.”





