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लाल किला ब्लास्ट जैसे हालात… श्रीनगर के नौगाम में रात को कैसे हुआ विस्फोट? 12 लोगों की गई जान, फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़ी कड़ी

श्रीनगर के नौगाम थाना परिसर में शुक्रवार रात 12 लोगों की मौत और दर्जनों घायल हुए. फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़ी विस्फोटक सामग्री के सैंपल लेते समय धमाका हुआ. दिल्ली के लाल किले कार ब्लास्ट के समान अमोनियम नाइट्रेट के इस्तेमाल ने राष्ट्रीय स्तर के आतंकी खतरे की ओर इशारा किया. सुरक्षा बलों की जांच और फोरेंसिक टीम की छानबीन जारी है.

लाल किला ब्लास्ट जैसे हालात… श्रीनगर के नौगाम में रात को कैसे हुआ विस्फोट? 12 लोगों की गई जान, फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़ी कड़ी
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( Image Source:  X/iamprabhat28 )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 15 Nov 2025 8:48 AM IST

श्रीनगर के नौगाम थाना परिसर में शुक्रवार की रात करीब 11:30 बजे भयानक धमाका हुआ, जिसने इलाके में कोहराम मचा दिया. धमाके में 12 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए. घटना की भयावहता इतनी थी कि मंजर दिल्ली के लाल किले ब्लास्ट जैसा ही दिखाई दिया. मृतकों में ज्यादातर पुलिसकर्मी और फोरेंसिक टीम के अधिकारी शामिल हैं, जो फरीदाबाद से जब्त विस्फोटक का सैंपल ले रहे थे.

जम्मू-कश्मीर पुलिस फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जब्त 360 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री लेकर नौगाम थाने आई थी. पुलिस और फोरेंसिक टीम विस्फोटक का सैंपल ले रही थी, तभी अचानक बड़ा धमाका हुआ. बताया जा रहा है कि विस्फोटक के साथ किसी छोटी चूक या सुरक्षा मानकों की अनदेखी से यह हादसा हुआ. धमाके की गूंज पूरे इलाके में सुनाई दी और शव कई मीटर दूर तक बिखर गए.

लाल किले ब्लास्ट से रहस्यमयी समानता

नौगाम ब्लास्ट की भयावहता दिल्ली के लाल किले ब्लास्ट की याद दिला रही है. दिल्ली में भी अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल हुआ था और नौगाम में पुलिस उसी पदार्थ का सैंपल ले रही थी. दोनों घटनाओं में विस्फोट की तीव्रता और आसपास के मंजर में समानता देखी गई. विशेषज्ञों का कहना है कि यह दिखाता है कि फरीदाबाद मॉड्यूल की विस्फोटक सामग्री बेहद खतरनाक थी.

मृतकों और घायलों की स्थिति

इस धमाके में नौगाम पुलिसकर्मी, फोरेंसिक टीम के अधिकारी और श्रीनगर प्रशासन के एक नायब तहसीलदार समेत कई लोग मारे गए. घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन विस्फोटक की तीव्रता इतनी अधिक थी कि कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका भी जताई जा रही है.

नौगाम थाने में विस्फोटक क्यों?

नौगाम पुलिस ही फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल के पर्दाफाश में पहले कदम उठाने वाली एजेंसी थी. उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टरों के जरिये आतंकी नेटवर्क का सुराग पाया. इसके बाद फरीदाबाद से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया गया और कई डॉक्टरों सहित आतंकी गिरफ्तार हुए. यही विस्फोटक नौगाम थाने में लाकर जांच की जा रही थी.

फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल और कनेक्शन

फरीदाबाद में गिरफ्तार डॉक्टर अदील अहमद राठेर समेत अन्य आरोपी दिल्ली के लाल किले ब्लास्ट से जुड़े थे. उनका नेटवर्क कश्मीर से हरियाणा और दिल्ली तक फैला हुआ था. नौगाम ब्लास्ट ने यह साबित कर दिया कि फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल का खतरा केवल स्थानीय नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर का था.

सुरक्षा एजेंसियों की जांच

घटना के बाद सुरक्षा बल, खोजी कुत्ते और फोरेंसिक टीम ब्लास्ट स्थल पर मौजूद हैं. सभी सुरागों को इकट्ठा किया जा रहा है. विस्फोटक के प्रकार, मात्रा और विस्फोट की वजह की जांच के साथ यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या यह दुर्घटना थी या किसी बाहरी हस्तक्षेप का परिणाम.

राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चेतावनी

नौगाम ब्लास्ट ने एक बार फिर यह दिखाया कि आतंकी मॉड्यूल कितने पेशेवर और खतरनाक हो सकते हैं. दिल्ली और श्रीनगर की घटनाओं से स्पष्ट है कि फरीदाबाद टेरर नेटवर्क बड़े हमलों की योजना बना रहा था. इस हादसे ने सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और आईएसपी अधिकारियों की भूमिका को और महत्वपूर्ण बना दिया है.

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