उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के एक पॉश इलाके में मौजूद तीन मंजिला बंगले की यह 15 साल पुरानी सच्ची कहानी आज भी लोगों की रूह कपाती है. अमीर और शांतिपूर्ण दिखने वाले इस घर में एक ऐसी अदृश्य बुरी आत्मा का साया मंडराता था, जिसने परिवार के हर सदस्य की नींद और सुकून छीन लिया. शाम ढलते ही छत पर बने कमरे और रसोई में अजीब हरकतें शुरू हो जातीं बर्तन गिरने की आवाजें, अचानक बज उठता टेप-रिकॉर्डर, रात में पायल की छन-छन, और आंखें खोलते ही पंखे पर उल्टा लटका हुआ भयावह साया. घर के नौकर पर हुए हमले, नवरात्रि की पूजा, पंडित जी की चेतावनियां और दहला देने वाली घटनाओं ने साबित कर दिया कि यह स्थान किसी पुराने श्राप का कैदी है. आखिरकार जांच में सामने आया कि इस बंगले की जमीन पर पहले एक महिला की हत्या कर उसे यहीं दफना दिया गया था. पांच दिन की कठोर पूजा और वास्तु सुधार के बाद भले ही घर शांत हुआ, लेकिन भय परिवार के दिल से कभी नहीं गया और एक साल बाद पूरा परिवार इस बंगले को हमेशा के लिए छोड़ गया. आज भी यह घर वीरान खड़ा है और लोग पास आने से भी डरते हैं.