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मंदिर के पास मिले गोमांस से भड़की हिंसा, जमकर हुई पत्थरबाजी, चार घंटे तक कोई सुराग नहीं... जानें अब कैसे हैं हल्द्वानी के हालात

यह घटना हल्द्वानी में अचानक भड़की तनाव की वो तस्वीर है, जिसने पूरे शहर को दहशत में डाल दिया. मंदिर के पास संदिग्ध गोमांस मिलने की खबर फैलते ही भीड़ उग्र हो गई और देखते ही देखते इलाके में जमकर पत्थरबाजी शुरू हो गई. माहौल इतना बिगड़ गया कि कई किलोमीटर के दायरे में अफरा–तफरी मच गई और लोग घरों में खुद को बंद करने को मजबूर हो गए.

मंदिर के पास मिले गोमांस से भड़की हिंसा, जमकर हुई पत्थरबाजी, चार घंटे तक कोई सुराग नहीं... जानें अब कैसे हैं हल्द्वानी के हालात
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( Image Source:  META AI )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 17 Nov 2025 3:32 PM IST

हल्द्वानी में रविवार की शाम धीरे-धीरे एक साधारण दिन से शहर के लिए एक तनावपूर्ण रात में बदल गई. मंदिर के पास गोमांस का अवशेष मिलने की सूचना ने कुछ ही मिनटों में पूरे इलाके में हलचल मचा दी. देखते ही देखते अफवाहें जंगल की आग की तरह फैलने लगीं और भीड़ का मिज़ाज बदल गया.

दुकानों के शटर तेजी से बंद होने लगे, लोग अपने घरों में घुस गए और बरेली रोड पर माहौल ऐसा हो गया कि किसी अनहोनी का डर हर तरफ दिखने लगा. लेकिन पुलिस, प्रशासन और कुछ समझदार लोगों की सूझबूझ ने शहर को एक बड़ी सांप्रदायिक टकराव से बचा लिया.

गोमांस की खबर और बढ़ता तनाव

  • शाम करीब 7:30 बजे कुछ लोगों ने मंदिर के पास गोवंश का कटा सिर पड़ा देखा. यह देखते ही हलचल मच गई. कुछ ही पलों में यह खबर पूरे क्षेत्र में फैल गई. 7:35 बजे तक कई थानों की पुलिस, सीओ और एसपी क्राइम मौके पर पहुंच चुके थे. फोरेंसिक टीम ने भी तुरंत जांच शुरू कर दी. लेकिन तब तक भीड़ बढ़ने लगी थी और आक्रोश भड़क रहा था.
  • करीब 8:15 बजे लोगों ने बरेली रोड पर जाम लगाने की कोशिश की. तनाव अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुका था. इसी दौरान 8:20 बजे शमा डीलक्स रेस्टोरेंट पर अचानक पथराव हुआ. कांच टूटकर सड़क पर बिखर गया. अंदर बैठे लोग डर के मारे बाहर भागे. पुलिस पर भी पत्थर फेंके गए. भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को लाठियां चलानी पड़ीं, जिसके बाद वहां भगदड़ मच गई.

भीड़, अफवाहें और पुलिस की जद्दोजहद

  • भीड़ का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा था. कुछ युवकों ने एक कार में तोड़फोड़ की, वहीं 8:45 बजे एक टैंपो चालक को रोककर उसका वाहन पलटाने की कोशिश भी की गई. तनाव पीलीकोठी तक फैलता देख पुलिस की एक टीम वहां भेजनी पड़ी.
  • इसी बीच 8:55 बजे महापौर गजराज बिष्ट मौके पर पहुंचे. उन्होंने पुलिस अधिकारियों से बात की और गुस्से में खड़े युवकों को शांत करने की कोशिश की. उन्होंने भरोसा दिलाया कि जांच तेजी से चल रही है और दोषी चाहे कोई भी हो, कार्रवाई जरूर होगी.
  • जैसे-जैसे रात गहराती गई, भीड़ फिर-फिर इकट्ठी होती रही. कहीं नारेबाजी, कहीं सड़क जाम, तो कहीं पत्थरबाजी. पुलिस ने कई जगहों पर रास्ते बंद कर वाहनों को रोक दिया ताकि भीड़ एक इलाके से दूसरे इलाके में न फैल सके.

कुत्ता लेकर आया था टुकड़ा

तनाव के बीच पुलिस एक-एक सुराग तलाश रही थी. गली के एक घर का सीसीटीवी फुटेज चेक किया गया. और जब फुटेज सामने आया, तो पूरी कहानी पलट गई. वीडियो में दिखा कि गोवंश का सिर कोई इंसान नहीं, बल्कि एक कुत्ता उठाकर मंदिर के पास लाया था. उसने सिर को वहीं छोड़ दिया और आगे बढ़ गया. यह फुटेज सामने आने के बाद माहौल थोड़ा शांत हुआ. पुलिस ने लोगों से अपील की कि अफवाहों पर ध्यान न दें और जांच पूरी होने दें.

रात भर पुलिस का पहरा

पुलिस ने तुरंत फ्लैग मार्च शुरू किया. उजाला नगर और आसपास के इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई. चार सीओ, सभी थानाध्यक्ष, पीएसी और अतिरिक्त फोर्स मौके पर तैनात कर दी गई. जरूरत पड़ने पर पैरामिलिट्री फोर्स बुलाने की भी तैयारी की गई. स्थानीय नेताओं और प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की. विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि कुछ तत्वों ने इस मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की, लेकिन पुलिस और जनता की समझदारी से बड़ा हादसा टल गया. रात करीब 11:30 बजे भीड़ गलियों से होते हुए धीरे-धीरे छंटने लगी. शहर ने राहत की सांस ली.

हल्द्वानी ने उस रात एक बड़ा खतरा टाल दिया. लेकिन यह घटना फिर एक बार चेतावनी देकर गई कि अफवाहें कितनी जल्दी आग बन सकती हैं, और समझदारी व शांति ही शहर को सुरक्षित रख सकती है.

उत्तराखंड न्‍यूज
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