Imran Khan Death Rumours: अदियाला जेल में कैसी है इमरान खान की हालत? पाकिस्तान सरकार ने दिया हेल्थ अपडेट
अदियाला जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मौत की अफवाहों ने पाकिस्तान में भारी उथल-पुथल मचा दी. सोशल मीडिया पर दावों के बाद PTI समर्थक जेल के बाहर जमा हो गए और परिवार को मुलाकात से रोके जाने पर विरोध तेज हो गया. जेल प्रशासन ने इमरान को “पूरी तरह स्वस्थ” बताया, जबकि PTI ने सरकार पर सच्चाई छिपाने का आरोप लगाया. रक्षा मंत्री ने इमरान को मिली 'फाइव स्टार सुविधाओं' का दावा किया, लेकिन राजनीतिक तनाव और अविश्वास और बढ़ गया.;
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर फैली 'मौत की अफवाहों' ने पूरे देश का संतुलन हिला दिया है. सोशल मीडिया पर अचानक यह दावा फैल गया कि अदियाला जेल में बंद इमरान खान की रहस्यमय परिस्थितियों में हत्या कर दी गई है. जैसे ही यह खबर वायरल हुई, रावलपिंडी और इस्लामाबाद में माहौल तनावपूर्ण हो गया. समर्थक सड़कों पर उतर आए, सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर चली गईं और सरकार तथा विपक्ष की ओर से विरोधाभासी बयान आने लगे, जिसने स्थिति को और अस्पष्ट कर दिया. यह अफवाहें पाकिस्तान की राजनीतिक अस्थिरता, सेना की भूमिका और PTI के लगातार बढ़ते संघर्ष को एक बार फिर राष्ट्रीय बहस के केंद्र में ले आईं.
अदियाला जेल प्रशासन ने आधिकारिक बयान देकर स्पष्ट किया कि इमरान खान “पूरी तरह सुरक्षित और स्वस्थ” हैं और जेल परिसर में ही मौजूद हैं, किसी भी स्थानांतरण या मौत की बातें बिल्कुल बेबुनियाद हैं. लेकिन इस आश्वासन के बावजूद परिवार को दी जा रही लगातार अस्वीकृति, PTI नेताओं को मुलाकात से रोकना और जेल के बाहर बढ़ती अशांति यह संकेत देती है कि केवल प्रशासनिक बयान लोगों की चिंताएं शांत नहीं कर पा रहे. सवाल यह भी उठ रहा है कि जब इमरान खान के खिलाफ गंभीर आरोपों और राजनीतिक तनाव के बीच देश अशांति से जूझ रहा है, क्या सरकार और सेना इस संकट को पारदर्शिता के साथ संभाल रही है या नहीं.
इमरान बिल्कुल ठीक हैं: जेल प्रशासन
अदियाला जेल प्रशासन ने बुधवार देर रात मीडिया को भेजे आधिकारिक पत्र में कहा कि इमरान खान जेल में मौजूद हैं और उनकी सेहत बिलकुल ठीक है. प्रशासन ने यह भी दावा किया कि उन्हें नियमित मेडिकल ध्यान दिया जा रहा है और उनकी सुरक्षा पर “जेल के उच्चतम प्रोटोकॉल” लागू हैं. यह बयान तब आया जब सोशल मीडिया पर यह दावा फैल रहा था कि इमरान को “किसी अज्ञात स्थान” पर ले जाया गया है और उनकी मृत्यु की जानकारी छिपाई जा रही है. जेल प्रशासन ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि यह “राजनीतिक भड़काऊ अफवाहें” हैं.
PTI को नहीं है विश्वास
दूसरी ओर, PTI ने सरकारी दावों पर पूर्ण अविश्वास जताते हुए कहा कि जब तक इमरान खान से उनके परिवार और पार्टी प्रतिनिधियों की आमने-सामने मुलाकात नहीं कराई जाती, तब तक किसी भी सरकारी बयान पर भरोसा करना संभव नहीं. इमरान खान की बहनों अलीमा खान, नूरीन नियाज़ी और उज्मा खान ने आरोप लगाया कि उन्हें कोर्ट आदेश के बावजूद जेल में जाने नहीं दिया गया और जब उन्होंने विरोध किया, तो पुलिस ने उन्हें धक्का दिया, घसीटा और बलपूर्वक हटाया. परिवार का कहना है कि यह व्यवहार “किसी गहरे रहस्य” की ओर इशारा करता है.
आसिम मुनीर ही जिम्मेदार
इमरान खान के सहयोगी और पार्टी रणनीतिकार डॉ. सलमान अहमद ने CNN-News18 से बात करते हुए सीधे तौर पर पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि सेना का प्रभाव इतना व्यापक है कि किसी भी संवेदनशील राजनीतिक कैदी की स्थिति का कोई सत्यापन बिना सैन्य अनुमति के संभव नहीं. उन्होंने सवाल उठाया कि यदि इमरान खान स्वस्थ हैं, तो सरकार और सेना परिवार को मुलाकात की अनुमति देने से क्यों डर रही है? इस बयान ने सरकार और सेना को और असहज कर दिया.
X अकाउंट से फैली अफवाह
सोशल मीडिया पर जिस तेजी से “इमरान खान की हत्या” वाली अफवाह फैली, वह पाकिस्तान के भीतर मौजूद अविश्वास की गहराई को दर्शाता है. अफगानिस्तान टाइम्स नाम के एक X अकाउंट से शुरू हुई यह अफवाह कुछ ही घंटों में पाकिस्तान, गल्फ देशों और यूरोप में रहने वाले पाकिस्तानी समुदायों के बीच फैल गई. पिछले कुछ महीनों में इमरान खान की खराब सेहत, मुलाकातों पर रोक और अदालतों में उनके खिलाफ लगने वाले नए आरोपों के चलते जनता पहले से ही शंका में थी, इसलिए इस तरह की अफवाहों को जमीन मिलना आसान था.
2024 में भी फैली थी अफवाह
दिलचस्प बात यह है कि यह पहली बार नहीं है जब इमरान खान की “न्यायिक हिरासत में मौत” की खबरें फैली हों. मई 2024 में पाकिस्तान विदेश मंत्रालय का एक कथित नोट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें यह दावा किया गया था कि इमरान की हिरासत में मौत हो गई है. हालांकि सरकार ने तुरंत इसे झूठा बताया, लेकिन नागरिकों के मन में यह धारणा गहरी होती चली गई कि इमरान खान की सुरक्षा को लेकर पारदर्शिता नहीं बरती जा रही.
जेल के बाहर धरना
ड्रामा तब और गहरा गया जब अदियाला जेल के बाहर PTI समर्थक और इमरान की बहनें धरने पर बैठ गईं. कुछ ही घंटों में भीड़ बढ़कर हजारों तक पहुंच गई और स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई. पुलिस और रेंजर्स को बैरिकेडिंग और लाठीचार्ज करना पड़ा. कई समर्थक जेल में घुसने की कोशिश करते दिखाई दिए, जबकि महिलाओं ने आरोप लगाया कि उन्हें जमीन पर घसीटा गया और उनके साथ बदसलूकी की गई. यह दृश्य संकेत देते हैं कि पाकिस्तान अब भी उन राजनीतिक तनावों से उबरने की स्थिति में नहीं है, जो 2022 में इमरान के सत्ता से हटने के बाद पैदा हुए थे.
रक्षा मंत्री ने क्या कहा?
इन आरोपों और अफवाहों के बीच, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चौंकाने वाले दावे किए. उन्होंने कहा कि इमरान खान को अदियाला जेल में 'फाइव स्टार सुविधाएं” दी जा रही हैं. आसिफ के अनुसार खान को विशेष भोजन, टीवी, जिम उपकरण, डबल बेड और वेलवेट गद्दा उपलब्ध है. उन्होंने यहां तक कहा कि खान को जो भोजन दिया जाता है, वह किसी 5-स्टार होटल से बेहतर है. आसिफ ने यह तुलना अपने जेल अनुभव से करते हुए की, जहां उन्हें ठंडे फर्श पर सोना पड़ा था. विपक्ष इन दावों को राजनीतिक भ्रम फैलाने की कोशिश बता रहा है.
परिवार को मिलने से क्यों रोका?
रक्षा मंत्री की इन बातों ने विवाद को और हवा दी. PTI समर्थकों ने कहा कि यदि इमरान खान को इतने आराम से रखा गया है, तो फिर परिवार को मिलने से रोकने का क्या तर्क है? पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार अस्थिरता फैलाना चाहती है ताकि PTI के समर्थन आधार को कमजोर किया जा सके. PTI ने इस पूरे मामले को “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया और कहा कि जेल प्रशासन का बयान तब तक मान्य नहीं होगा जब तक इमरान खुद सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आते.
दो साल से जेल में बंद हैं इमरान खान
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस स्थिति पर नजर रखे हुए है. मानवाधिकार संगठनों ने सवाल उठाया है कि पाकिस्तान में विपक्षी नेताओं की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर लगातार आरोप लगते रहे हैं. इमरान खान पिछले दो वर्षों से भ्रष्टाचार और आतंकवाद मामलों में जेल में बंद हैं, लेकिन इन मामलों की कानूनी प्रक्रिया पर भी सवाल उठते रहे हैं कि क्या यह कानून से अधिक राजनीति का मामला है. ऐसे में किसी भी अफवाह के बाद राजनीतिक अस्थिरता का बढ़ना स्वाभाविक है.
जल्द होगी मुलाकात
आखिरकार, जेल प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि इमरान की बहनों को उनसे मिलने की व्यवस्था जल्द की जाएगी. बताया जा रहा है कि मुलाकात की अनुमति आज या अगले मंगलवार तक दी जा सकती है. लेकिन क्या यह आश्वासन संकट को शांत करेगा? क्या पाकिस्तान में लगातार बढ़ रहे राजनीतिक अविश्वास की आग अब बुझ पाएगी? यह सवाल अभी अनुत्तरित है, लेकिन इतना स्पष्ट है कि इमरान खान की सुरक्षा, सेहत और हिरासत की पारदर्शिता आने वाले दिनों में पाकिस्तान की राजनीति का सबसे संवेदनशील मुद्दा बनी रहेगी.