क्या है असम का बहुविवाह कानून? CM हिमंत बिस्वा सरमा ने सदन में किया पेश, अपराधी पाए जाने पर मिलेगी सजा
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने विधानसभा में ‘द असम प्रोहिबिशन ऑफ पॉलीगैमी बिल, 2025’ को पेश किया है. हालांकि इस दौरान विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर लिया. इस बिल का राज्य में बहुविवाह को गैरकानूनी घोषित करना है. यह कानून महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए बेहद आवश्यक है और इससे सामाजिक न्याय को मजबूती मिलेगी.
असम सरकार राज्य में बहुविवाह की प्रथा पूरी तरह से खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है. मंगलवार को मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने विधानसभा में ‘द असम प्रोहिबिशन ऑफ पॉलीगैमी बिल, 2025’ पेश किया, जिसका उद्देश्य राज्य में बहुविवाह को गैरकानूनी घोषित करना है. यह बिल पहली बार पकड़े जाने पर भी सात साल तक की सजा का प्रावधान रखता है.
विपक्षी दलों के वॉकआउट के बीच पेश किए गए इस विधेयक ने राजनीतिक बहस को भी तेज कर दिया है. वहीं सरकार का दावा है कि यह कानून महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए बेहद आवश्यक है और इससे सामाजिक न्याय को मजबूती मिलेगी.
विपक्ष का विरोध, सदन से किया वॉकआउट
बिल पेश किए जाने से ठीक पहले कांग्रेस, सीपीआई(एम) और रायजोर दल के विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया और इस विधेयक को लेकर अपनी असहमति दर्ज कराई. सरकार ने स्पष्ट किया कि यह कानून पूरे राज्य में लागू होगा, सिवाय छठी अनुसूची के तहत आने वाले आदिवासी क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के लिए जो आर्टिकल 342 में परिभाषित हैं.
क्या है इस बिल का उद्देश्य?
विधेयक के ‘उद्देश्यों और कारणों’ में कहा गया है कि राज्य में महिलाओं को मानसिक, सामाजिक और आर्थिक शोषण से बचाने के लिए यह कानून जरूरी है. बिल के अनुसार बहुविवाह एक आपराधिक अपराध होगा. पहली बार अपराध करने पर 7 साल तक की जेल होगी. यदि कोई व्यक्ति अपनी पहली शादी को छिपाकर दूसरी शादी करता है, तो 10 साल तक की सजा और जुर्माना भी होगा.
कानून में बहुविवाह की परिभाषा
पहले से विवाह बंधन में है, जीवनसाथी जीवित है, तलाक या विवाह-विच्छेद कानूनी रूप से नहीं हुआ और वह दूसरी शादी करता है तो इसे बहुविवाह माना जाएगा.
महिलाओं के लिए मुआवजे का प्रावधान
सरकार ने बहुविवाह से प्रभावित महिलाओं के लिए विशेष मुआवजा भी प्रस्ताव रखा है. इसके लिए एक विशेष प्राधिकरण गठित होगा. यह प्राधिकरण महिलाओं के आवेदन स्वीकार करेगा और मुआवजे की प्रक्रिया पूरी करेगा. बिल में स्पष्ट किया गया कि बहुविवाह से पीड़ित महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना इसका मुख्य उद्देश्य है.
दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
इस बिल के तहत दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों पर कई तरह की सख्त कार्रवाई होगी. जिसके तहत किसी भी सरकारी नौकरी से वंचित, सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा और राज्य के किसी भी चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकेंगे.





