उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला, महिलाओं को मिली नाइट शिफ्ट में काम करने की मंजूरी; रखी ये शर्त
उत्तराखंड सरकार ने महिलाओं को नाइट शिफ्ट करने की मंजूरी दे दी है. हालांकि इसके लिए शर्त रखी गई है कि महिलाएं सुबह 9 से शाम 6 बजे तक की काम कर सकेंगी. इसके अलावा काम करने के लिए महिलाओं की लिखित सहमति लेना जरूरी है.
उत्तराखंड में अब राज्य की दुकानों, मॉल और प्रतिष्ठानों में महिला कर्मचारियों को रात में काम करने की अनुमति मिल गई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. सरकार ने साफ कहा है कि महिला कर्मचारियों की सुरक्षा के पर्याप्त प्रावधान सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा और काम करने के लिए महिला कर्मचारी की लिखित सहमति लेना जरूरी है.
एक और बड़ा फैसला मानव-वन्यजीव संघर्ष से जुड़ा है. राज्य सरकार ने मौत होने पर आश्रितों को मिलने वाले मुआवजे की राशि 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने का फैसला लिया है. इससे प्रभावित परिवारों को राहत मिलेगी और मुख्यमंत्री पहले ही जंगली जानवरों के हमलों में घायलों के इलाज का खर्च सरकार की ओर से उठाने की घोषणा कर चुके हैं.
इस शर्त के साथ महिलाओं को रात में काम करने की मिली छूट
कैबिनेट ने कहा कि महिला कर्मकारों को रात की पाली में काम करने की अनुमति देने का उद्देश्य महिला आर्थिक सशक्तिकरण और नौकरी के अवसर बढ़ाना है. सरकार ने महिलाओं को सुबह 9 से शाम 6 बजे तक नौकरी करने की शर्त रखी है.
APO पद बनाने की मिली मंजूरी
कैबिनेट ने न्यायिक ढांचे को और बेहतर बनाने के लिए अभियोजन विभाग में 46 नए सहायक अभियोजन अधिकारी (APO) पद बनाने को मंजूरी दी है. यह पद विशेष रूप से देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों के लिए बनाए गए हैं. इससे न्यायिक कार्यप्रणाली में सुधार होगा.
पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम
उत्तराखंड सरकार ने पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड की वर्ष 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट को राज्य विधानमंडल के पटल पर रखने का फैसला किया है. इस कदम से बोर्ड द्वारा किए गए कार्यों, नीतिगत गतिविधियों और वित्तीय खर्च का पूरा विवरण विधानसभा और जनता के सामने होगा.
यह रिपोर्ट जैव विविधता संरक्षण से जुड़ी योजनाओं, राज्य में पर्यावरण सुरक्षा के प्रयासों और वर्ष भर में हुई प्रगति का पूरा आकलन दर्शाएगी. सरकार का मानना है कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और राज्य में पर्यावरण संरक्षण के प्रति नीतियों की मजबूती भी तय होगी.





