उस्मान हादी की हत्या में था भारत का हाथ? NCP नेता का दावा- हिंसा और गोलीबारी के बाद बॉर्डर पार कर भागा आरोपी
बांग्लादेश में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या से भारत का नाम जोड़ा जा रहा है. नेशनल सिटिजन्स पार्टी (NCP) के एक वरिष्ठ नेता सरजिस आलम के बयान ने हालात को और भड़काने का काम किया है. NCP का कहना है कि जो हमलावार थे वे हिंसा और गोलीबारी करने के बाद भारत भाग गए.;
बांग्लादेश में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद हालात तेजी से राजनीतिक और कूटनीतिक टकराव की ओर बढ़ते नजर आ रहे हैं. बिना किसी ठोस जांच या आधिकारिक पुष्टि के जिस तरह इस सनसनीखेज अपराध से भारत को जोड़ा जा रहा है, उसने मामले को और अधिक संवेदनशील बना दिया है.
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हत्या के तुरंत बाद देश के कई शहरों में हिंसा भड़क उठी. राजधानी ढाका समेत अनेक इलाकों में मीडिया दफ्तरों को आग के हवाले किया गया, जबकि भारत विरोधी नारों के बीच भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर के आवासीय परिसर पर पत्थरबाजी की घटना ने द्विपक्षीय संबंधों पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं.
हिंसा, आगजनी और भारत विरोधी प्रदर्शन
हादी की मौत के बाद बांग्लादेश के विभिन्न शहरों में उग्र प्रदर्शन हुए. कई जगहों पर मीडिया संस्थानों को निशाना बनाया गया, जिससे हालात और बिगड़ गए. ढाका में भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर के आवासीय परिसर पर पथराव के बाद सुरक्षा बलों को हस्तक्षेप कर प्रदर्शनकारियों को हटाना पड़ा. इस दौरान सड़कों पर खुलेआम भारत विरोधी नारे लगाए गए. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी भारत के खिलाफ भड़काऊ और नफरत फैलाने वाले पोस्ट तेजी से वायरल होते दिखे, जिसने माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया.
NCP नेता का भड़काऊ बयान
नेशनल सिटिज़न्स पार्टी (NCP) के एक वरिष्ठ नेता के बयान ने हालात को और भड़काने का काम किया है. NCP नेता सरजिस आलम ने कहा "जब तक भारत, हादी भाई के हत्यारों को वापस नहीं भेजता, तब तक अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश में भारतीय हाई कमीशन बंद रहेगा. अभी नहीं तो कभी नहीं. हम युद्ध में हैं." NCP का कहना है कि जो हमलावार थे वे हिंसा और गोलीबारी करने के बाद भारत भाग गए.
बिना सबूत लगाए जा रहे गंभीर आरोप
प्रदर्शनकारियों का दावा है कि छात्र नेता हादी पर हमला करने वाले आरोपी भारत भाग गए हैं. हालांकि, अब तक न तो मुहम्मद यूनुस की सरकार और न ही आरोप लगाने वाले छात्र नेताओं ने अपने दावों के समर्थन में कोई ठोस सबूत पेश किया है. इसके बावजूद, हत्या को भारत-प्रायोजित बताने की कोशिशें लगातार की जा रही हैं, जिससे राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है.
चुनाव से पहले जहरीला होता माहौल
विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के आरोपों और प्रदर्शनों से चुनाव से पहले बांग्लादेश का राजनीतिक माहौल और अधिक जहरीला हो सकता है. भारत के खिलाफ रैलियों का आयोजन हो रहा है, जहां मंच से उकसाने वाले बयान दिए जा रहे हैं. कई एक्सपर्ट का कहना है कि ऐसा प्रतीत होता है मानो कुछ ताकतें बांग्लादेश में भारत-विरोधी भावनाओं को जानबूझकर हवा दे रही हों, ताकि दोनों देशों के संबंधों में दरार और गहरी हो जाए.