राजस्थान में कफ सिरप बना मासूमों की जान का दुश्मन, डिप्‍टी सीएम दीया कुमारी का फूटा गुस्सा, कहा- कोई बख्शा नहीं जाएगा

राजस्थान की मुफ्त दवा योजना पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है, जब सरकारी अस्पतालों में बांटे जा रहे खांसी के सिरप ने मासूमों की जिंदगी छीन ली. सीकर जिले में एक बच्चे की मौत और कई बच्चों की तबीयत बिगड़ने के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है. मासूमों की जान पर बनी इस त्रासदी ने न केवल परिजनों को सदमे में डाल दिया है;

( Image Source:  Instagram- @diyakumariofficial )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 1 Oct 2025 11:57 AM IST

सरकारी अस्पतालों में गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए चल रही निशुल्क दवा योजना हमेशा से राजस्थान सरकार की बड़ी पहल मानी जाती रही है. लेकिन अब यही योजना विवादों के घेरे में है. वजह है एक खांसी का सिरप, जिसे पीने के बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ गई और एक मासूम की मौत तक हो गई.

इस गंभीर मामले ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया है. सरकार ने जांच शुरू कर दी है और उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने साफ कर दिया है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा.

मासूमों की जिंदगी पर भारी पड़ा सिरप

राजस्थान में बच्चों की तबीयत बिगड़ने और एक मासूम की मौत का सिलसिला एक ही खांसी की दवा से जुड़ा है. मामला डैक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड कफ सिरप का है, जिसे राज्य के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को निशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा था. सीकर जिले के श्रीमाधोपुर में पांच साल के बच्चे की जिंदगी इस सिरप ने छीन ली, जिसने परिजनों और प्रशासन दोनों को हिला दिया. इसके अलावा, कफ सिरप पीने से दो बच्चों की हालत गंभीर है. 

दवा चेक करने वालों की हालत भी बिगड़ी

इस मामले को लेकर लोगों ने शिकायत की. इस पर डॉक्टर और दो ड्राइवरों ने सिरप की जांच करने के लिए इसे सूंघा और फिर चखा. हैरानी की बात यह है कि इसके कारण डॉक्टर भी बीमार पड़ गए. उनकी हालत इतनी बिगड़ी की उन्हें प्राइवेट अस्पताल में एडमिट करवाना पड़ा. इससे यह सवाल और बड़ा हो गया कि आखिर यह दवा किस स्तर की बनी थी और इसे मरीजों तक कैसे पहुंचा दिया गया.

विवादों में रहा फार्मा कंपनी का रिकॉर्ड

खास बात यह है कि यह खांसी का सिरप जयपुर स्थित कायसन फार्मा कंपनी द्वारा बनाया गया था. जून 2024 से इस सिरप की सप्लाई शुरू हुई थी. लेकिन कंपनी का रिकॉर्ड पहले भी साफ नहीं रहा है. 5 अक्टूबर 2023 को इसी कंपनी की दवा का एक बैच (KL-22/359) पहले ही ‘नॉट ऑफ स्टैंडर्ड’ घोषित किया जा चुका था. यानी कंपनी का इतिहास पहले भी दवाओं की गुणवत्ता को लेकर सवालों में रहा है. इसके बावजूद इस साल फिर से उसी कंपनी की दवा का इस्तेमाल बच्चों के लिए किया गया, जो अब जानलेवा साबित हो रही है.

दीया कुमारी का सख्त रुख

राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने सोमवार रात जोधपुर में मीडिया से बातचीत में इस पूरे मामले पर सरकार की ओर से कड़ा संदेश दिया. उन्होंने कहा, "जांच तेजी से की जा रही है. अगर किसी भी तरह का अपराध साबित होता है तो हमारी सरकार दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेगी. किसी को छोड़ा नहीं जाएगा." उनके इस बयान से साफ है कि सरकार इस बार मामले को हल्के में नहीं लेना चाहती.


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