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आभानेरी फेस्टिवल का भव्य समापन: डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने मिट्टी के दीपक से दिया स्वदेशी संदेश

दौसा के ऐतिहासिक आभानेरी में आयोजित दो दिवसीय आभानेरी फेस्टिवल का भव्य समापन हुआ. डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने मिट्टी का दीपक बनाकर स्वदेशी अपनाने का संदेश दिया और स्थानीय कारीगरों के समर्थन का आह्वान किया. फेस्टिवल में चांद बावड़ी और हर्षद माता मंदिर की सांस्कृतिक विरासत के साथ रंगारंग प्रस्तुतियों ने भी दर्शकों का मन मोह लिया.

आभानेरी फेस्टिवल का भव्य समापन: डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने मिट्टी के दीपक से दिया स्वदेशी संदेश
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 27 Sept 2025 10:30 PM IST

राजस्थान के दौसा जिले के बांदीकुई क्षेत्र में स्थित ऐतिहासिक आभानेरी में दो दिवसीय आभानेरी फेस्टिवल का समापन धूमधाम के साथ हुआ. इस अवसर पर राजस्थान की डिप्टी मुख्यमंत्री दिया कुमारी उपस्थित रहीं और उन्होंने मिट्टी के दीपक बनाकर स्वदेशी अपनाने का संदेश दिया. फेस्टिवल का आयोजन विश्व प्रसिद्ध चांद बावड़ी और हर्षद माता मंदिर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को उजागर करने के लिए किया गया.

फेस्टिवल में देशी-विदेशी पर्यटकों की भीड़ उमड़ी और रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया. इस दौरान स्थानीय कलाकारों ने राजस्थानी परंपराओं का जीवंत चित्रण किया, जिससे पर्यटकों ने राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर का आनंद लिया.

दिया कुमारी ने दिया स्वदेशी का संदेश

आभानेरी फेस्टिवल में डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने कुम्हार के चाक पर बैठकर मिट्टी से दीपक बनाया. उन्होंने कहा, “इस दिवाली हमें मिट्टी के दीपक जलाने का संकल्प लेना चाहिए. भारतीय उत्पादों को अपनाने से स्थानीय कारीगरों को रोजगार मिलेगा.” उन्होंने चांद बावड़ी की तारीफ करते हुए इसे 8वीं शताब्दी की अनूठी स्थापत्य कला का प्रतीक बताया और पर्यटकों से इसे देखने की अपील की. दिया कुमारी ने हर्षद माता मंदिर में 20 मिनट तक विशेष पूजा-अर्चना भी की.

चांद बावड़ी: ऐतिहासिक धरोहर का गौरव

आभानेरी की चांद बावड़ी 8वीं और 9वीं शताब्दी की बेजोड़ स्थापत्य कला का नमूना है. इसकी विशालता और खूबसूरती पर्यटकों को मोहित कर देती है. दिया कुमारी ने इसे भारत की सांस्कृतिक विरासत का गहना बताया और विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर देश-विदेश के पर्यटकों को देखने का निमंत्रण दिया.

रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

पर्यटन विभाग के उप निदेशक उपेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि 2008 से आयोजित यह फेस्टिवल हर साल राजस्थानी संस्कृति को जीवंत करता है. इस बार रोबिला ग्रुप के 7 फीट और 5 फीट की मूंछों वाले कलाकारों ने पर्यटकों का ध्यान खींचा. भरतपुर की कामा नगाड़ा पार्टी, कच्ची घोड़ी, कठपुतली, और बहरूपिया कलाकारों ने शानदार प्रदर्शन किया. नुक्कड़ नाटक, ऊंटगाड़ी से ग्रामीण भ्रमण और सांस्कृतिक संध्या में मांगनियार गायन, कालबेलिया, घूमर और भवाई नृत्य ने सभी का मन मोह लिया. 27 सितंबर को भजन संध्या में दिलबर हुसैन ने मधुर भजन प्रस्तुत किए.

फेस्टिवल का आकर्षण और सजावट

राजस्थान पर्यटन विभाग ने चांद बावड़ी को फूलों और रंगोली से सजाया. रात में की गई सजावटी लाइटिंग ने बावड़ी की सुंदरता को और बढ़ा दिया. पर्यटकों की बढ़ती संख्या से आभानेरी की महत्ता और बढ़ी है. कलाकारों ने सुझाव दिया कि साल में दो बार ऐसे आयोजन होने चाहिए ताकि युवा पीढ़ी अपनी संस्कृति से जुड़े.

RAJASTHAN NEWS
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