बाड़मेर में किसने लगाए मेवाराम जैन के आपत्तिजनक पोस्टर? CCTV खंगाल रही पुलिस, सोशल पर छिड़ी बहस-जानिए क्या-क्या सामने आया

बाड़मेर में कांग्रेस के पूर्व विधायक मेवाराम जैन के खिलाफ लगे आपत्तिजनक पोस्टरों की गुत्थी अब तक नहीं सुलझ सकी है. पुलिस ने तीन विशेष टीमें गठित कर जांच शुरू की है और सीसीटीवी फुटेज व तकनीकी पहलुओं की मदद से सुराग जुटा रही है. प्रारंभिक जांच में बालोतरा कनेक्शन सामने आया है. पुलिस अधीक्षक नरेंद्रसिंह मीना ने दावा किया है कि अहम साक्ष्य हाथ लगे हैं और जल्द ही मामले का खुलासा होगा.;

( Image Source:  X )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 29 Sept 2025 5:56 PM IST

Mewaram Jain Offensive Posters Case Latest Update: बाड़मेर में पूर्व विधायक और हाल ही में कांग्रेस में वापसी करने वाले मेवाराम जैन के खिलाफ लगाए गए आपत्तिजनक पोस्टर का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. घटना के तीन दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस इस गुत्थी को सुलझाने में कामयाब नहीं हो पाई है. हालांकि पुलिस का कहना है कि जांच निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है और जल्द ही पर्दाफाश कर दिया जाएगा. इस पूरे प्रकरण की मॉनिटरिंग खुद बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक नरेंद्रसिंह मीना कर रहे हैं.

सूत्रों के मुताबिक, शनिवार को मेवाराम जैन के बाड़मेर लौटने से ठीक पहले, आधी रात को बाड़मेर, बालोतरा और बायतु में उनके खिलाफ आपत्तिजनक पोस्टर और होर्डिंग्स चिपका दिए गए. इन पोस्टरों ने कांग्रेस संगठन में हड़कंप मचा दिया और पार्टी में अंदरूनी सियासी खींचतान की चर्चाओं को भी हवा दी. इसके बाद जैन ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई.

पुलिस ने तीन विशेष टीमें गठित की 

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तीन विशेष टीमें गठित की हैं. बाड़मेर वृत्त डिप्टी रमेश शर्मा, कोतवाल बलभद्रसिंह और डीएसटी प्रभारी महिपालसिंह इन टीमों का नेतृत्व कर रहे हैं. ये टीमें अलग-अलग एंगल से जांच कर रही हैं, सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और तकनीकी पहलुओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है. पुलिस ने कुछ संदिग्धों को ट्रेस भी किया है, लेकिन अब तक किसी को औपचारिक रूप से हिरासत में नहीं लिया गया है.

बालोतरा से जुड़े हो सकते हैं पूरे प्रकरण के तार

प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि इस पूरे प्रकरण के तार बालोतरा से जुड़े हो सकते हैं. वहां की गतिविधियों और रिकॉर्ड की गहन जांच की जा रही है. स्थानीय स्तर पर भी पुलिस पूछताछ और निगरानी का दायरा बढ़ा रही है. सोशल मीडिया पर भी यह मामला गरमा गया है. एक ओर लोग इसे लोकतंत्र और राजनीतिक गरिमा के खिलाफ बता रहे हैं, तो दूसरी ओर कुछ लोग इसे सामान्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता मान रहे हैं. 

अब तक मामले में क्या-क्या हुआ?

  • कांग्रेस में वापसी के बाद पोस्टर वार - तीन बार बाड़मेर से विधायक रह चुके और हाल ही में कांग्रेस में लौटे मेवाराम जैन के खिलाफ आधी रात को बाड़मेर, बालोतरा और बायतु में आपत्तिजनक पोस्टर और होर्डिंग्स लगाए गए.
  • संगठन में हड़कंप - इन पोस्टरों से कांग्रेस संगठन में हलचल मच गई. मेवाराम जैन ने तुरंत कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई.
  • तीन विशेष टीमें गठित- मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक नरेंद्रसिंह मीना की मॉनिटरिंग में तीन टीमें बनाई गईं. इन टीमों का नेतृत्व बाड़मेर वृत्त डिप्टी रमेश शर्मा, कोतवाल बलभद्र सिंह और डीएसटी प्रभारी महिपाल सिंह कर रहे हैं.
  • जांच की दिशा - पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले, तकनीकी साक्ष्य जुटाए और संदिग्धों को ट्रेस किया, लेकिन अब तक किसी को औपचारिक रूप से हिरासत में नहीं लिया गया.
  • बालोतरा कनेक्शन - प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि इस पूरे प्रकरण की जड़ें बालोतरा से जुड़ी हो सकती हैं. वहां की गतिविधियों और रिकॉर्ड को पुलिस बारीकी से खंगाल रही है.
  • सोशल मीडिया पर बहस- पोस्टर विवाद सोशल मीडिया पर भी चर्चा का बड़ा मुद्दा बन गया है. एक पक्ष इसे लोकतंत्र के खिलाफ बता रहा है, जबकि दूसरा इसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का हिस्सा मान रहा है.
  • साक्ष्य मिले - एसपी नरेंद्रसिंह मीना ने कहा, “पुलिस इस मामले को लेकर बेहद गंभीर है. तीनों टीमें लगातार काम कर रही हैं और हमें कुछ अहम साक्ष्य मिले हैं. बहुत जल्द पूरे प्रकरण का खुलासा कर दिया जाएगा.”

इस घटना ने बाड़मेर की राजनीति में हलचल मचा दी है. कांग्रेस संगठन पर भी इसका सीधा असर देखने को मिल रहा है. अब सबकी निगाहें पुलिस जांच पर टिकी हुई हैं.

Similar News