भारतीयों को चूना लगा रही थी चीनी कंपनी! 2,500 किमी तक पीछा कर पुलिस ने कैसे तस्करों को पकड़ा?

दिल्ली पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है. दरअसल एक शख्स द्वारा भारतीय लोगों को ठगा जा रहा था. उन्हें नौकरी देने के एवज में विदेश भेजने का लालच दिया जा रहा था. विदेश में पहुंचाकर उनके पासपोर्ट छीनकर चीन की कंपनियों में काम करने का दबाव बनाया जा रहा था और ऑनलाइन स्कैम करने पर मजबूर किया जा रहा था. पुलिस ने अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है.;

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Edited By :  सार्थक अरोड़ा
Updated On : 8 Dec 2024 9:09 PM IST

दिल्ली पुलिस ने एक शख्स को हैदराबाद से शनिवार को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि व्यक्ति ने भारत के कई लोगों को विदेश में नौकरी दिलवाने का झांसा देकर उनसे फर्जी कॉल सेंटर के जरिए अपराध करने के लिए उन्हें मजबूर करता था. इस शख्स का दिल्ली पलिस ने 25 हजार किलोमीटर तक पीछा किया और हैदराबाद से उसे गिरफ्तार कर लिया है.

आपको बता दें कि इस अपराधी की गिरफ्तारी के लिए पहचान देने के लिए उनपर एजेंसी द्वारा 2 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था. आरोपी की पहतान कामरान हैदर जैदी के रूप में हुई है.

ऐसे किया जाता है अपराध

जानकारी के अनुसार आरोपी जैदी और उसके साथी भारत से कुछ ऐसे लोगों को ढूंढते थे. जिन्हें नौकरी की तलाश होती थी. इसके बाद उन्हें एशिया के गोल्डन ट्रायंगल क्षेत्र में ले जाते थे. यहां थाइलैंड, लाओस और म्यांमार के बॉर्डर मिलते हैं. चुने गए लोगों से जबरन चीन की किसी कंपनी में काम करवाने के लिए मजबूर किया जाता था. भारत से जैसे ही लोग विदेश पहुंचते थे उनसे उनके पासपोर्ट छीनकर उन्हें साइबर क्राइम की ओर धकेल दिया जाता था. दिल्ली पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जैदी लगातार अपनी लोकेशन को बदल रहा था. लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के लिए महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जाल बिछा रखा था. ताकी आरोपी को आसानी से गिरफ्तार किया जा सके.

हैदराबाद से पकड़ा गया अपराधी

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के डिप्टी कमिशनर मनोज ने जानकारी देते हुए कहा कि मैनुअपल इनपुट और टेक्नीकल सर्विलेंस की मदद से जैदी की लोकेशन तक पहुंचने में कामियाबी मिली. पुलिस का कहना है कि उनकी टीम ने बिना रुके 25 हजार किलोमीटर तक का लंबा सफर तय किया और आरोपी का हैदराबाद तक पछा किया. उन्होंने कहा कि उसे हैदराबाद के नामपल्ली रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया गया है. वो उस समय भी वहां से भागने की कोशिश कर रहा था.

कैसे मिली स्कैम की पूरी जानकारी?

इस मामले पर दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में रहने वाले एक शख्स नरेश लाखवत ने 27 मई को FIR दर्ज कराई थी. जिसके बाद यह घोटाला सामने आया. नरेश ने पुलिस से कहा कि वह नौकरी ढूंढ रहा था. काफी समय से उसे नौकरी नहीं मिल रही थी. इस बीच अली इंटरनेशनल सर्विस नाम की एक कंसल्टेंसी फर्म की उसे जानकारी मिली. इसी फर्म के जरिए नरेश को थाईलैंड और लाओस से नौकरी के ऑफर मिले. कंपनी ने किसी तरह उसे थाईलैंड भेज दिया गया. शख्स ने कहा कि वहां उससे पासपोर्ट छीन लिया गया और चीन की एक कंपनी में काम करने को मजबूर किया गया.

नरेश ने पुलिस को बताया कि चीन की कंपनी भारतियों से ऑनलाइन स्कैन करती थी. हालांकि यह मामला बाद में नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी NIA को सौंप दिया गया था. यहां से एनआई ने जांच को अपने हाथों लेकर इस पूरे मामले का पर्दाफाश किया. पता चला कि युवकों को गोल्डन ट्रायंगल भेजा गया था जहां उन्हें भारतीय, यूरोपीय और अमेरिकी नागरिकों को ऑनलाइन ठगने के लिए मजबूर किया गया था.

विदेश में होता था बुरा व्यवहार

NIA ने अपनी जांच में पाया कि इस मामले में सिर्फ एक अपराधी नहीं था. इसमें मंजूर आलम उर्फ गुड्डू, साहिल, आशीष उर्फ अखिल, पवन यादव उर्फ अफजल और अनका हेड जैदी जो ह्यूमन ट्रैफिकिंग में शामिल था. जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ कि भारतीयों को विदेश भेजा जाता था फिर वहां उनके साथ काफी बुरा बर्ताव किया जाता था. बताया गया कि तस्कर उन लोगों से क्रिप्टोकरेंसी के जरिए पैसे वसूलते थे जो उनके जाल से भागने की कोशिश करते थे.

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