अमित किल्होर अपनी छात्रा के साथ Kiss... प्रोफसर पर आरोप लगाने वाली DU स्टूडेंट का एक और वीडियो हो रहा Viral

वायरल वीडियो में छात्रा एक प्रोफेसर पर आपत्तिजनक व्यवहार का आरोप लगाती नजर आती है. छात्रा का कहना है कि वह एक ऐसा वीडियो साझा करना चाहती है, जिसमें संबंधित प्रोफेसर की कथित हरकतें देखी जा सकती हैं. इस वीडियो के सामने आने के बाद मामला और संवेदनशील हो गया है.;

( Image Source:  @VivekGa54515036- X )

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की एक छात्रा चित्रा सिंह से जुड़ा मामला बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर लगातार सुर्खियों में है. हर दिन नए वीडियो सामने आ रहे हैं और छात्रा चित्रा सिंह लगातार गंभीर आरोप लगा रही हैं. इसी कड़ी में अब उनका एक और वीडियो वायरल हो रहा है, जिसने विश्वविद्यालय से लेकर सोशल मीडिया तक हलचल बढ़ा दी है.

वायरल वीडियो में छात्रा एक प्रोफेसर पर आपत्तिजनक व्यवहार का आरोप लगाती नजर आती है. छात्रा का कहना है कि वह एक ऐसा वीडियो साझा करना चाहती है, जिसमें संबंधित प्रोफेसर की कथित हरकतें देखी जा सकती हैं. इस वीडियो के सामने आने के बाद मामला और संवेदनशील हो गया है.

वायरल वीडियो में क्या बोली छात्रा?

वीडियो में छात्रा यह कहती सुनाई देती है कि वह एक वीडियो शेयर कर रही है, जिसमें “अमित किल्होर अपनी छात्रा को किस कर रहे हैं”. इसके बाद वह कहती है कि इस शिक्षक की दिनचर्या और चरित्र को लोग वीडियो और तस्वीरों में देख सकते हैं. छात्रा के दावे के मुताबिक, इसके साथ कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें भी दिखाई गई हैं.

प्रोफेसर पर उत्पीड़न और मानसिक दबाव का आरोप

दिल्ली विश्वविद्यालय की इस छात्रा ने संबंधित प्रोफेसर पर उत्पीड़न और मानसिक रूप से परेशान करने के गंभीर आरोप लगाए हैं. छात्रा द्वारा बनाया गया वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह अपनी आपबीती साझा करती नजर आती है.

एचओडी पर भी लगाए गंभीर आरोप

छात्रा ने इसके पहले दावा है कि उसके विभाग के विभागाध्यक्ष (HOD) ने भी उस पर प्रोफेसर के कमरे में जाने का दबाव बनाया. वीडियो में वह कहती है कि एचओडी ने उसे धमकाया और कहा गया, “तुम इस यूनिवर्सिटी का बहुत छोटा सा हिस्सा हो, तुम्हारा बहुत कुछ बिगाड़ सकते हैं.”

'मैं अपनी मेहनत से यहां तक पहुंची हूं'

वीडियो में छात्रा यह भी कहती है कि उसने अपनी मेहनत के बल पर यह मुकाम हासिल किया है और वह किसी भी तरह के दबाव को स्वीकार नहीं करेगी. छात्रा का आरोप है कि कुछ छात्रों ने नंबर हासिल करने के उद्देश्य से उसके खिलाफ गलत और भ्रामक जानकारी फैलाई, जिससे उसकी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई.

वीडियो डिलीट करने का दबाव

छात्रा के मुताबिक, उस पर लगातार वीडियो हटाने का दबाव बनाया जा रहा है. उसने बताया कि उसने संबंधित प्रोफेसर को लेकर एक रील इंस्टाग्राम पर पोस्ट की थी. जब विभागाध्यक्ष को इसकी जानकारी मिली, तो रील हटाने के लिए दबाव डाला गया, लेकिन छात्रा ने इसे डिलीट करने से इनकार कर दिया.

ABVP ने की निष्पक्ष जांच की मांग

मामले को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने निष्पक्ष, पारदर्शी और स्वतंत्र जांच की मांग की है. एबीवीपी का कहना है कि पूरे प्रकरण की तथ्यात्मक जांच होनी चाहिए, ताकि सच्चाई सामने आ सके और न्याय सुनिश्चित किया जा सके. एबीवीपी ने चिंता जताई है कि इस तरह के मामलों के सामने आने से दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा और साख पर सवाल खड़े होते हैं. संगठन ने विश्वविद्यालय प्रशासन से जल्द और स्पष्ट कार्रवाई की मांग की है.

कोचिंग संस्थान का काला चिट्ठा नाम के एक यूजर ने लिखा कि, यह पूरा मामला अब प्रोफेसर बनाम छात्रा नहीं रह गया है, बल्कि साफ़ तौर पर चित्रा सिंह बनाम अमित किल्होर की व्यक्तिगत लड़ाई में बदल चुका है. अगर कोई निष्पक्ष होकर महोदया का इंस्टाग्राम प्रोफाइल देखे, तो यह समझने में देर नहीं लगेगी कि असल उद्देश्य न्याय नहीं, बल्कि वायरल होना है. प्रोफेसर से कोई ठोस, संस्थागत या अकादमिक शिकायत पहले कभी सामने नहीं आई. पूरा नैरेटिव अचानक तब खड़ा किया गया, जब सोशल मीडिया पर ध्यान खींचने का मौका दिखा. क्लास अटेंडेंस लगभग शून्य है, लेकिन सोशल मीडिया पर मौजूदगी 100%.

आगे लिखा कि, मुद्दा दरअसल यह है कि पहले अपने ही एक साथी के बारे में आपत्तिजनक और सार्वजनिक आरोप उछाले जाते हैं, (नंबर सार्वजनिक करना और प्रॉस्टिट्यूट कहना ) फिर CR और प्रोफेसर को लेकर ग़लत व भ्रामक टिप्पणियाँ की जाती हैं, और अंत में एक खास व्यक्ति (अमित किल्होर) को बिना किसी ठोस आधार के खुलकर डिफेंड किया जाता है पूराने वीडियो को‌ लेकर, यह सब मिलकर एक सोची-समझी सोशल मीडिया रणनीति जैसा दिखता है, न कि किसी छात्रा की ईमानदार शिकायत. संस्थान, प्रोफेसर और छात्रों की साख के साथ इस तरह सोशल मीडिया पर खिलवाड़ करना गंभीर विषय है. अब समय आ गया है कि भावनात्मक वीडियो और इंस्टाग्राम रील्स के बजाय तथ्यों, रिकॉर्ड और नियमों के आधार पर बात हो. अगर किसी पर आरोप हैं, तो मंच शिकायत प्रकोष्ठ और कानूनी प्रक्रिया है न कि इंस्टाग्राम की रील. वरना यह साफ़ माना जाएगा कि यह लड़ाई न्याय की नहीं, बल्कि फोकट की पब्लिसिटी और लाइमलाइट की भूख की है.

Similar News