प्राइवेट वीडियो को लेकर हुआ था विवाद, लड़की ने एक्स बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर पहले मारा, फिर फ्लैट में लगा दी आग; ऐसे खुली पोल

दिल्ली के तिमारपुर में UPSC अभ्यर्थी रामकेश मीणा की हत्या ने सबको हिला दिया. जांच में सामने आया कि उसकी लिव-इन पार्टनर अमृता चौहान ने अपने एक्स बॉयफ्रेंड सुमित के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी. हार्ड डिस्क में सेव प्राइवेट वीडियो को लेकर हुआ विवाद आखिर खून में बदल गया. पुलिस ने सीसीटीवी और मोबाइल डेटा से पूरी साजिश का पर्दाफाश किया.;

( Image Source:  X/priveshpandey )
Edited By :  नवनीत कुमार
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दिल्ली के तिमारपुर की एक शांत रात ने ऐसा भयावह सच देखा जिसने शहर को झकझोर दिया. 6 अक्टूबर की सुबह जब गांधी विहार के एक फ्लैट से धुआं उठा, किसी ने नहीं सोचा था कि वहां एक रोंगटे खड़े कर देने वाली हत्या छिपी होगी. आग बुझने के बाद पुलिस को जो मिला, वह सिर्फ राख नहीं थी. वह एक साजिश की राख थी, जिसमें प्यार, धोखा और जुनून की राख मिली हुई थी.

रामकेश मीणा, 32 साल का सिविल सर्विस परीक्षार्थी, जो देश सेवा का सपना देख रहा था, उसकी जिंदगी उसी शहर में खत्म हो गई जहां वह अपना भविष्य बना रहा था. पहली नज़र में हादसा लगा, लेकिन दिल्ली पुलिस ने जब परतें खोलीं तो सामने आया ऐसा अपराध जो किसी क्राइम थ्रिलर सीरीज से कम नहीं था. इस हत्याकांड की पटकथा एक 21 वर्षीय युवती ने लिखी थी. वही जो फोरेंसिक साइंस की छात्रा थी और अपने ही प्रेमी के खिलाफ जानलेवा साजिश का मास्टरप्लान बना चुकी थी.

आग में छिपी कहानी

6 अक्टूबर की रात, गांधी विहार की इमारत से आग की खबर मिली. दमकल कर्मियों ने जब आग बुझाई, तो चौथी मंजिल के फ्लैट में एक जला हुआ शव मिला. पहचान हुई रामकेश मीणा के रूप में. पुलिस ने पहले इसे दुर्घटना माना, लेकिन परिवार ने शक जताया कि यह ‘आग’ किसी की जलती हुई नफरत का परिणाम है.

सीसीटीवी ने खोला राज़

फ्लैट के आसपास लगे कैमरों की फुटेज ने पूरी कहानी पलट दी. वीडियो में दो नकाबपोश युवक दिखे जो रात में इमारत में घुसे और थोड़ी देर बाद एक महिला के साथ बाहर निकले. जांच में महिला की पहचान अमृता चौहान के रूप में हुई, जो रामकेश की लिव-इन पार्टनर थी. इसी पल पुलिस को शक हुआ कि ये मामला सिर्फ आग नहीं, हत्या है.

प्रेम से षड्यंत्र तक

अमृता और रामकेश की मुलाकात मई 2025 में हुई थी. दोनों का रिश्ता जल्द ही गहराया और वे साथ रहने लगे. लेकिन जब अमृता को पता चला कि रामकेश ने उसके निजी वीडियो हार्ड डिस्क में सेव कर रखे हैं और मिटाने से इनकार कर रहा है, तो उसका गुस्सा बढ़ता गया. उसने अपने एक्स बॉयफ्रेंड सुमित से यह बात साझा की और वहीं से शुरू हुआ एक खूनी प्लान.

साजिश का ब्लूप्रिंट

सुमित गैस सिलेंडर वितरण कंपनी में काम करता था, जबकि अमृता फोरेंसिक साइंस की छात्रा थी. दोनों ने मिलकर हत्या को दुर्घटना दिखाने की योजना बनाई. उन्होंने तीसरे शख्स संदीप को भी शामिल किया, जो उनका कॉमन फ्रेंड था. अमृता ने अपराध छिपाने के लिए अपने विषय का ज्ञान और क्राइम वेब सीरीज से सीखी चालों का इस्तेमाल किया.

मौत की रात

5 अक्टूबर की रात तीनों फ्लैट पहुंचे. वहां पहले बहस हुई, फिर सुमित और संदीप ने मिलकर रामकेश का गला दबा दिया. शव पर तेल, घी और शराब डालकर आग लगाने की तैयारी की गई. सुमित ने गैस सिलेंडर का नॉब खोलकर उसे रामकेश के सिर के पास रखा और लाइटर से आग लगा दी. दरवाज़ा बाहर से बंद कर वे भाग गए.

राख में छिपे सबूत

लगभग एक घंटे बाद सिलेंडर फट गया और सब कुछ जलकर राख हो गया. लेकिन हत्यारों ने एक गलती की. वे सीसीटीवी फुटेज का ध्यान नहीं रख पाए. पुलिस ने उसी फुटेज के आधार पर सभी आरोपियों को ट्रैक किया और 18 अक्टूबर को अमृता को, जबकि 21 और 23 अक्टूबर को सुमित और संदीप को गिरफ्तार कर लिया.

पूछताछ में खुली परतें

पूछताछ में अमृता ने हत्या की साजिश कबूल कर ली. उसने बताया कि उसने डर, गुस्से और अपमान की भावना में अपने एक्स और दोस्त के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई थी. लेकिन जांच से यह भी सामने आया कि यह ‘डर’ से ज़्यादा ‘बदले’ की कहानी थी, जो योजनाबद्ध थी.

सवाल जो बाकी हैं

रामकेश की मौत सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि आधुनिक रिश्तों में विश्वास और निजता के टूटने की कहानी भी है. पुलिस ने केस हल कर दिया, पर यह वारदात एक सवाल छोड़ गई. क्या तकनीक, प्रेम और प्रतिशोध का यह त्रिकोण आने वाले समाज का नया चेहरा है?

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