क्या बिहार में मुस्लिम + दलित + EBC सबको मिलेगी डिप्टी CM की कुर्सी? तेजस्वी ने फेंका बड़ा दांव; NDA की टेंशन बढ़ी

Bihar Election 2025 में RJD नेता तेजस्वी यादव ने नया राजनीतिक मॉडल पेश किया है, जिसमें एक नहीं बल्कि कई Deputy CM बनाने की घोषणा की गई है. उन्होंने कहा कि अगर महागठबंधन की सरकार बनती है तो एक मुस्लिम, एक दलित और एक EBC नेता डिप्टी सीएम होंगे. यह बयान बिहार की राजनीति में जातीय संतुलन और सत्ता साझेदारी पर नई बहस छेड़ रहा है. जानिए पूरी रणनीति, बीजेपी की प्रतिक्रिया और चुनावी असर.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On :

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज़ होती जा रही है. लेकिन इस बार सबसे दिलचस्प चर्चा किसी पार्टी के वादों या सीटों की नहीं, बल्कि “डिप्टी सीएम की कुर्सी कितनों को मिलेगी?” इस सवाल की है. वजह है तेजस्वी यादव का नया दावा, जिसमें अब सिर्फ एक नहीं, बल्कि कई डिप्टी सीएम बनाने की बात कही जा रही है. और इस लिस्ट में मुस्लिम, दलित और ईबीसी (अति पिछड़ा वर्ग) तक की हिस्सेदारी शामिल है.

तेजस्वी के इस बयान ने बिहार की राजनीति में नए सियासी समीकरणों को हिला दिया है. जहां बीजेपी इस मुद्दे पर तंज कस रही है, वहीं महागठबंधन इसे न्याय और प्रतिनिधित्व का मॉडल बताकर पेश कर रहा है. सवाल उठ रहा है कि क्या तेजस्वी यादव “सबका साथ, सबको सीट” वाले फॉर्मूले से बीजेपी को घेरने की प्लानिंग में हैं? और क्या बिहार में पहली बार तीन-चार डिप्टी सीएम देखने को मिलेंगे?

तेजस्वी यादव का नया राजनीतिक फॉर्मूला

बिहार की सत्ता पर कब्‍जा जमाने के लिए तेजस्वी यादव अब नया “पावर शेयरिंग मॉडल” लेकर आए हैं. वह कहते हैं कि अगर महागठबंधन की सरकार बनी, तो एक नहीं, कई डिप्टी सीएम बनाए जाएंगे, ताकि हर बड़े समुदाय की आवाज़ सरकार में शामिल हो.

मुस्लिम और दलित डिप्टी सीएम की पुष्टि

तेजस्वी ने साफ कहा कि डिप्टी सीएम में एक मुस्लिम चेहरा और एक दलित चेहरा शामिल होगा. इससे संकेत मिलता है कि महागठबंधन इस बार सिर्फ चुनाव नहीं लड़ रहा, बल्कि सामाजिक संतुलन बनाकर वोट बैंक मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रहा है.

नाम बताओ तो दिक्कत, न बताओ तो दिक्कत: बीजेपी

तेजस्वी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर वह ईबीसी नेता को डिप्टी सीएम बनाते हैं तो बीजेपी उसे ट्रोल करती है, और अगर मुस्लिम नेता का नाम सामने आए तो “घुसपैठिया” कहकर प्रोपेगंडा फैलाया जाता है. उन्होंने कहा, “बीजेपी को प्रतिनिधित्व से तकलीफ है, सत्ता से नहीं.”

अशोक गहलोत का बड़ा रोल

सीट शेयरिंग के विवाद के बीच कांग्रेस नेता अशोक गहलोत को बिहार भेजा गया था. वही गहलोत थे जिन्होंने सबसे पहले “राजस्थान मॉडल” की तरह एक से ज्यादा डिप्टी सीएम बनाने का सुझाव दिया था. अब तेजस्वी उसी लाइन पर आगे बढ़ते दिख रहे हैं.

क्या पहली बार बिहार में 3–4 डिप्टी सीएम होंगे?

अंदरखाने चर्चा है कि महागठबंधन जातीय आधार पर मुस्लिम + दलित + ईबीसी + पिछड़ा वर्ग में से हर एक को डिप्टी सीएम की कुर्सी देकर राजनीतिक गणित सेट करना चाहता है. अगर ऐसा हुआ, तो बिहार देश का पहला राज्य होगा जहां इतने डिप्टी सीएम होंगे.

कुर्सी बांटोगे या सरकार चलाओगे?

बीजेपी और एनडीए का कहना है कि तेजस्वी सिर्फ कुर्सी का लालच देकर वोट खींचना चाहते हैं. उनके मुताबिक, “सरकार कुर्सी बाँटकर नहीं, फैसले लेकर चलती है.” हालांकि तेजस्वी का जवाब साफ है, "फैसले वही लोग लेंगे जिनकी आवाज़ वहां मौजूद होगी."

महागठबंधन vs NDA

  • महागठबंधन का वादा: 20 महीने में हर परिवार से 1 नौकरी
  • NDA का वादा: 10 लाख रोजगार, महिला सशक्तिकरण, EBC को ₹10 लाख तक की आर्थिक सहायता
  • दोनों घोषणापत्रों में नौकरियां, शिक्षा और OBC-EBC की राजनीति बड़ा मुद्दा बन चुकी है.

रणनीति चलेगी या बैकफायर होगी?

तेजस्वी यादव उम्मीद कर रहे हैं कि “जिसे प्रतिनिधित्व मिलेगा, वह वोट देगा”, लेकिन विपक्ष मानता है कि इतनी पोस्ट बांटने का ऐलान सत्ता मिलने से पहले ही राजनीतिक अस्थिरता पैदा करेगा. अब फैसला 14 नवंबर को होगा. जनता इस “मल्टी डिप्टी सीएम मॉडल” को स्वीकार करती है या ठुकरा देती है.

Similar News