तेजस्वी छाए, राहुल सिमटे: महागठबंधन के मेनिफेस्टो कवर पर छिड़ा नया विवाद! बीजेपी बोली- RJD ने कांग्रेस को दिखा दी उसकी औकात
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन ने NDA से पहले अपना मेनिफेस्टो जारी किया, लेकिन इसके कवर पर तेजस्वी यादव की बड़ी तस्वीर और राहुल गांधी का छोटा थंबनेल विवाद का कारण बन गया. बीजेपी ने इसे कांग्रेस का ‘अपमान’ बताते हुए तंज कसा कि RJD ने राहुल की औकात दिखा दी. कांग्रेस ने सफाई दी कि राहुल मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हैं, इसलिए हर पोस्टर पर उनका होना जरूरी नहीं. दोनों दलों ने कुछ सीटों पर 'फ्रेंडली फाइट' को रणनीतिक बताया है.;
Tejashwi Yadav Rahul Gandhi manifesto controversy: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन ने NDA से पहले अपना मेनिफेस्टो जारी कर बढ़त तो हासिल कर ली, लेकिन इसके कवर पेज ने नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है. मेनिफेस्टो के कवर पर जहां तेजस्वी यादव की बड़ी तस्वीर प्रमुखता से दिखाई गई है, वहीं राहुल गांधी की तस्वीर केवल एक छोटे थंबनेल के रूप में बाईं ओर कोने में रखी गई है. बीजेपी ने इस मौके को हाथ से नहीं जाने दिया और विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी की 'औकात' दिखा दी गई है. पार्टी प्रवक्ता
शहजाद पूनावाला ने दावा किया कि तेजस्वी यादव की पार्टी RJD ने कांग्रेस पर दबाव डालते हुए अपने मुख्यमंत्री पद के चेहरे को मंजूरी दिलवाई. उनके मुताबिक, RJD ने यह तक धमकी दी थी कि अगर कांग्रेस सहमत नहीं हुई तो उसे ‘जीरो सीट’ दी जाएगी.
पूनावाला ने इससे पहले एक पोस्ट में कहा था, "संयुक्त पीसी? लेकिन सिर्फ़ एक तस्वीर. राहुल गांधी और कांग्रेस का 'सम्मान चोरी'. RJD ने दिखा दिया कि कांग्रेस की जगह क्या है. "
पवन खेड़ा ने दी सफाई
कांग्रेस की तरफ से पार्टी नेता पवन खेड़ा ने सफाई देते हुए कहा कि राहुल गांधी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हैं, इसलिए हर पोस्टर पर उनका होना जरूरी नहीं. उन्होंने यह भी कहा कि पोस्टर पॉलिटिक्स का कोई असर बिहार के युवा मतदाताओं पर नहीं पड़ता. खेड़ा और तेजस्वी यादव दोनों ने NDTV से बातचीत में यह भी कहा कि कुछ सीटों पर 'फ्रेंडली फाइट' जानबूझकर रखी गई है. उनका कहना था कि यह फैसले पूरी रणनीतिक सोच के साथ लिए गए हैं. खेड़ा ने कहा, “हर सीट की लोकल इक्वेशन देखकर तय किया गया है कि कहां कौन उम्मीदवार उतरेगा.”
जदयू ने कहा- तेजस्वी तो निकले चालू, पोस्टर में गुम हो गए लालू
वहीं, जनता दल यूनाइडेट यानी जदयू ने एक ट्वीट कर तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है. जदयू ने कहा- तेजस्वी अब पार्टी और परिवार दोनों में ‘एकोऽहम् द्वितीयो नास्ति’ की स्थिति में हैं और कुछ नहीं. लालू यादव के नाम और चेहरे पर राजनीति करने वाले तेजस्वी के पोस्टरों में अब लालू की तस्वीर माइक्रोस्कोप से ढूंढनी पड़ेगी.
इस बीच, बीजेपी लगातार इस विभाजन को लेकर महागठबंधन पर निशाना साध रही है, यह दावा करते हुए कि तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की ‘जोड़ीदारी’ अब कमजोर पड़ रही है. दूसरी ओर, RJD और कांग्रेस इसे 'रणनीतिक लचीलापन' बताकर समझाने की कोशिश में हैं.