Bihar Elections 2025: पहले चरण में दो दर्जन सीटों पर बाहुबली, मंत्री और VIP उम्मीदवार आमने-सामने, दांव पर क्यों है साख?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में 121 सीटों पर दिलचस्प मुकाबला है. इस चरण में जहां कई बाहुबली और चर्चित चेहरे मैदान में हैं. इन सीटों के मतदान पर पूरे राज्य की निगाहें टिकी हैं. ये न सिर्फ अपनी सीटों पर असर डालते हैं बल्कि आसपास के इलाकों में भी वोटरों की दिशा तय करते हैं.;
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में मुकाबला बेहद रोचक हो गया है. राज्य की करीब दो दर्जन सीटें ऐसी हैं जहां बाहुबली नेता, मौजूदा मंत्री और वीआईपी उम्मीदवार आमने-सामने हैं. इन सीटों पर सियासी साख, वर्चस्व और भविष्य की दिशा-तीनों दांव पर है. मोकामा से लेकर दानापुर, वैशाली से अरवल तक हर सीट पर वोटरों की नजर सिर्फ इस बात पर है कि इस बार बाहुबली का दबदबा कायम रहेगा या जनता बदलाव का रास्ता चुनेगी.
बाहुबली उम्मीदवार
1. अनंत सिंह - मोकामा
‘छोटे सरकार’ के नाम से मशहूर अनंत सिंह का मोकामा सीट से चुनाव हमेशा चर्चा में रहता है. प्रचार के दौरान दुलारचंद यादव की हत्या के बाद वह जेल में हैं और वहीं से चुनाव लड़ रहे हैं. उनके सामने महागठबंधन कोटे से आरजेडी उम्मीदवार व बाहुबली की पत्नी वीणा देवी मैदान में हैं. दोनों के बीच कांटे की टक्कर है. मोकामा सीट लंबे समय से बाहुबली राजनीति का केंद्र रही है. इस बार भी हत्या की घटना के बाद से सुर्खियों में है.
2. रीतलाल यादव – दानापुर
आरजेडी के बाहुबली विधायक और तेजस्वी यादव के करीबी माने जाने वाले रीतलाल यादव इस बार भी सुर्खियों में हैं. रीतलाल यादव के पक्ष में लालू यादव ने रोड शो निकाला था. जेल से चुनाव जीतने वाले यादव का मुकाबला बीजेपी के मजबूत उम्मीदवार रामकृपाल यादव से है. दानापुर सीट पर इस बार बाहुबली बनाम सत्ता की लड़ाई है.
3. मुन्ना शुक्ला - वैशाली
पूर्व सांसद अन्नु शुक्ला के पति और चर्चित बाहुबली मुन्ना शुक्ला भी इस बार राजनीतिक वापसी की कोशिश में हैं. उनकी बेटी लालगंज से चुनावी मैदान में हैं. मुनना शुक्ला का मुजफ्फरपुर और वैशाली इलाके में प्रभाव माना जाता है.
4. रघुनाथपुर - सीवान
दिवंगत शाहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब मैदान में हैं. इसे ‘जंगलराज की वापसी’ बनाम ‘सहानुभूति फैक्टर’ का मुकाबला कहा जा रहा है.
मंत्री और VIP उम्मीदवार
बिहार चुनाव के पहले चरण में बिहार सरकार के 16 मंत्रियों समेत करीब दो दर्जन चर्चित चेहरे चुनावी मैदान में हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कैबिनेट के 16 मंत्रियों में से JDU के 5 मंत्री भी शामिल है।. इनमें विजय कुमार चौधरी, श्रवण कुमार, मदन सहनी, महेश्वर हजारी और रत्नेश सदा शामिल हैं.
BJP कोटे के 11 मंत्रियों में मंगल पांडे, नितिन नवीन, सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, जीवेश मिश्रा, संजय सरावगी, केदार प्रसाद गुप्ता, राजू कुमार, कृष्ण कुमार मंटू, सुनील कुमार और सुरेंद्र मेहता शामिल हैं. बीजेपी नेता मंगल पांडे पहली बार सीवान सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं.
इसके अलावा चर्चित चेहरों में अलीनगर से भाजपा की मैथिली ठाकुर, छपरा से आरजेडी प्रत्याशी खेसारी लाल यादव और करगहर से जन सुराज के रितेश पांडे भी शामिल हैं.
क्या है चुनावी समीकरण?
पहले चरण की सीटें अधिकतर बिहार के दक्षिणी और मध्य हिस्सों में हैं. जहां बाहुबल, जातीय समीकरण और स्थानीय पहचान निर्णायक मानी जाती है. एनडीए इन सीटों पर अपने संगठन और केंद्र सरकार की योजनाओं के दम पर जीत का दावा कर रही है, जबकि महागठबंधन “समान न्याय, समान अधिकार” के नारे के साथ मैदान में है.