चिराग की काट तैयार कर रहा महागठबंधन, पशुपति पारस की एंट्री से क्या बदलेगा समीकरण?

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन चिराग पासवान की बढ़ती ताकत को संतुलित करने की तैयारी में है. तेजस्वी यादव ने संकेत दिया है कि पशुपति पारस की पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा जल्द ही महागठबंधन का हिस्सा बन सकते हैं. एनडीए को मात देने के लिए रणनीतिक गठजोड़ तेज़ी से आकार ले रहा है.;

( Image Source:  Social media )
Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 6 July 2025 11:14 AM IST

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक समीकरण तेजी से बदलते दिख रहे हैं. चिराग पासवान के नेतृत्व में एलजेपी (रामविलास) की लोकप्रियता ने एनडीए में उसकी स्थिति को मजबूत किया है. युवा और आक्रामक छवि वाले चिराग जहां बीजेपी के साथ तालमेल बिठाते नजर आ रहे हैं, वहीं उनके बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने के लिए महागठबंधन नई रणनीति बना रहा है. इसी कड़ी में अब चिराग के चाचा पशुपति पारस को महागठबंधन के पाले में लाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं.

आरजेडी नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने संकेत दिए कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) जल्द ही महागठबंधन का हिस्सा बन सकती है. रामविलास पासवान की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में तेजस्वी खुद पारस के आवास पहुंचे और इस अवसर पर राजनीतिक संवाद का नया अध्याय खुल गया.

पारस महागठबंधन में आना चाहते हैं: तेजस्वी

मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने साफ किया कि पशुपति पारस की खुद की इच्छा है कि वे महागठबंधन में शामिल हों. उन्होंने यह भी कहा कि पारस के साथ जो राजनीतिक घटनाक्रम हुआ, वह बिहार की जनता जानती है. तेजस्वी ने दावा किया कि इस विषय को महागठबंधन के सभी घटक दलों के सामने रखा गया है और जल्द ही इस पर औपचारिक निर्णय लिया जा सकता है.

झारखंड से भी मिलेगी सियासी ताकत

तेजस्वी ने बताया कि सिर्फ बिहार ही नहीं, बल्कि झारखंड से भी महागठबंधन को सशक्त करने की कोशिशें चल रही हैं. उन्होंने कहा कि झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) की भी महागठबंधन में शामिल होने की मंशा है. उन्होंने हेमंत सोरेन से बात की है और जैसे ही सहमति बनती है, इसकी घोषणा की जाएगी. तेजस्वी ने यह भी जोड़ा कि शिबू सोरेन की तबीयत खराब होने के कारण वे रांची नहीं जा पाए.

लालू-रामविलास की दोस्ती का दिया हवाला

तेजस्वी ने अपने संबोधन में दिवंगत रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि दी और कहा कि वे हम सभी के अभिभावक थे. उन्होंने देश के हर वर्ग की आवाज को बुलंदी दी और समाज के वंचित तबके के लिए हमेशा संघर्ष किया. तेजस्वी ने इस दौरान लालू प्रसाद यादव और रामविलास पासवान की पुरानी दोस्ती को याद करते हुए कहा कि हमारे बीच पारिवारिक रिश्ते हमेशा मजबूत रहे हैं.

पारस ने क्या कहा?

इस मौके पर पशुपति पारस ने भी खुलकर बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी चुनाव आयोग और अन्य संवैधानिक संस्थाओं का अपने पक्ष में दुरुपयोग कर रही है. पारस ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी जल्द ही गठबंधन को लेकर बड़ा फैसला करेगी और पूरी मजबूती के साथ विधानसभा चुनाव में उतरेगी. उनके इस बयान को महागठबंधन में शामिल होने की आधिकारिक भूमिका के रूप में देखा जा रहा है.

क्या बदलेगा समीकरण?

पारस और हेमंत सोरेन की महागठबंधन में संभावित एंट्री से बिहार की सियासी तस्वीर में बड़ा बदलाव हो सकता है. पशुपति पारस की पार्टी अगर तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले गठबंधन से जुड़ती है, तो यह चिराग पासवान के वोटबैंक में सीधी सेंध होगी. वहीं, हेमंत सोरेन और झामुमो की मौजूदगी सीमावर्ती झारखंड से लगे क्षेत्रों में महागठबंधन को मजबूत आधार दे सकती है, जिससे एनडीए को दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है.

Similar News