गोपाल खेमका हत्याकांड: शूटर का अंतिम लोकेशन हाजीपुर, बेऊर जेल से लिखी गई स्क्रिप्ट; अब तक पुलिस को क्या चला पता?
पटना के नामी उद्योगपति गोपाल खेमका की उनके घर के सामने सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई. सीसीटीवी फुटेज, जेल कनेक्शन और लाइनर की भूमिका से हत्या को सुपारी किलिंग बताया जा रहा है. पुलिस ने SIT गठित कर जांच तेज कर दी है और बेऊर जेल में छापेमारी के साथ कई कुख्यात अपराधियों से पूछताछ की गई है.

पटना के प्रतिष्ठित व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या सिर्फ एक व्यक्ति की जान लेना नहीं था, बल्कि यह कानून-व्यवस्था और कारोबारी सुरक्षा पर सीधा हमला था. गोली सीधे उनके सिर में मारी गई, वो भी कार के भीतर बैठे-बैठे. इस हमले का तरीका बताता है कि यह कोई तात्कालिक रंजिश नहीं, बल्कि पूरी तरह सुनियोजित सुपारी किलिंग थी. सवाल अब यह है कि किसने और क्यों इतनी बड़ी साजिश रची?
घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरों में जो कुछ कैद हुआ, उसने पुलिस को हैरान कर दिया. गाड़ी का शीशा बंद होने के बावजूद शूटर ने सटीक निशाना लगाकर गोली चलाई. वो घटनास्थल के पास पहले से टहल रहा था, जैसे इंतजार कर रहा हो. पुलिस को शक है कि किसी ने ‘लाइनर’ बनकर शूटर को लाइव अपडेट दिया और खेमका के घर के पास ही छिपने की व्यवस्था भी की गई थी.
हाजीपुर में मिला आखिरी लोकेशन
पुलिस ने गांधी मैदान के आसपास लगे 36 से अधिक कैमरे खंगाले हैं. एक फुटेज में शूटर को स्कूटी से जेपी गोलंबर की ओर भागते देखा गया. उसका आखिरी डिजिटल लोकेशन हाजीपुर में मिला, जहां से उसका ट्रेसिंग सिग्नल कट गया. पुलिस को शक है कि वह उत्तर बिहार के किसी जिले से आया था, या फिर उसने जानबूझकर अपने लोकेशन को भटकाने के लिए यह चाल चली.
जेल से जुड़े हत्या के तार
एसआईटी ने जांच की कमान संभालते हुए बेऊर जेल में छापेमारी की. कुछ कुख्यात अपराधियों से पूछताछ की गई, जिनमें से एक को अलग सेल में भेज दिया गया है. जेल से तीन मोबाइल फोन, सिम कार्ड, एक डाटा केबल और संदिग्ध नंबरों की सूची बरामद हुई है. इससे साफ है कि हत्या की साजिश जेल के अंदर से भी रची जा सकती है.
कैमरे में कैद हुआ कत्ल का पूरा मंजर
कटारुका निवास के सीसीटीवी में पूरी वारदात कैद हुई है. खेमका अपनी कार से गेट खुलने का इंतजार कर रहे थे, तभी हेलमेट पहने शूटर उनके दाईं ओर आया और सिर में गोली मार दी. महज 6 सेकंड में सब खत्म. शूटर स्कूटी स्टार्ट कर तेजी से भाग निकला. एक और कार जिसमें उनके पड़ोसी सवार थे, ठीक उनके पीछे थी, जिससे यह भी संकेत मिलता है कि यह सटीक समय पर अंजाम दी गई योजना थी.
मुख्यमंत्री ने की सख्ती
घटना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीजीपी और आला अधिकारियों के साथ हाई-लेवल मीटिंग की. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि इस मामले में कोई कोताही न हो और अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा न जाए. यह संदेश पुलिस पर भी स्पष्ट दबाव के रूप में देखा जा रहा है कि जल्द से जल्द मामले का खुलासा किया जाए.
3 से 4 अपराधी शामिल
पुलिस सूत्रों के अनुसार यह हत्याकांड किसी व्यक्तिगत रंजिश का नहीं, बल्कि संगठित अपराध नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है. जांच में यह सामने आया है कि खेमका की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी. लाइनर और शूटर दोनों एक ही उद्देश्य के लिए मैदान में उतारे गए थे. पुलिस मान रही है कि इस मामले में 3 से 4 अपराधी शामिल थे, जिनकी भूमिका अब खंगाली जा रही है.
क्यों मारा गया गोपाल खेमका?
खेमका एक प्रतिष्ठित और साफ-सुथरी छवि वाले व्यवसायी थे. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि आख़िर उन्हें किससे खतरा था? क्या यह कोई कारोबारी रंजिश थी, या फिर किसी माफिया सिंडिकेट के लिए रास्ता साफ करने की साजिश? पुलिस की पूरी कोशिश है कि इस हत्याकांड का असली मास्टरमाइंड सामने आए- वरना यह केस सिर्फ एक आंकड़ा बनकर रह जाएगा.