बिहार में फर्जी चुनाव प्रचार पर ‘डिजिटल पहरा’, साइबर सेल ने कसा शिकंजा, 25 हैंडल्स पर FIR, Youtubers भी रडार पर

Bihar Election News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों की अब खैर नहीं. ऐसा करने वालों के खिलाफ ईओयू की पैनी नजर है. चुनाव आयोग और पुलिस ने अब तक 25 हैंडल्स के खिलाफ FIR दर्ज की है. यूट्यूब चैनल्स पर भी सख्त निगरानी रखी जा रही है. ताकि फेक न्यूज और भ्रामक प्रचार को रोका जा सके.;

( Image Source:  Sora AI )

Bihar Election News Today: बिहार में चुनावी सरगर्मी के साथ अब सोशल मीडिया की भूमिका पर भी निगरानी ईओयू (EOU) ने सख्त कर दी है. अफवाह, फेक न्यूज और भड़काऊ कंटेंट फैलाने वालों पर प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए अब तक 25 से ज्यादा सोशल मीडिया हैंडल्स के खिलाफ FIR दर्ज की है. जबकि कई यूट्यूब चैनलों की भी जांच चल रही है. बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में कई सोशल मीडिया यू-ट्यूब चैनलों पर गाज गिरने की संभावना है.

दरअसल, बिहार चुनाव 2025 के बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे X (ट्विटर), फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर चुनावी माहौल को प्रभावित करने वाले संदेश तेजी से फैल रहे हैं. इसको देखते हुए बिहार पुलिस और चुनाव आयोग ने साइबर सेल की विशेष टीम गठित की है, जो 24 घंटे ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रख रही है.

फेक न्यूज और भड़काऊ पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई

सूत्रों के अनुसार अब तक 25 सोशल मीडिया अकाउंट्स पर FIR दर्ज हुई है. इन हैंडल्स पर आरोप है कि उन्होंने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के खिलाफ फेक न्यूज या भड़काऊ पोस्ट शेयर की थी. कुछ मामलों में समुदाय विशेष के खिलाफ नफरत फैलाने वाले कंटेंट की भी पुष्टि हुई है.

अफवाह फैलाने वाले बच नहीं सकते

यूट्यूब चैनलों पर भी निगरानी बढ़ी है. कई चैनलों पर गलत जानकारी और एडिटेड वीडियो शेयर करने के आरोप लगे हैं, जिससे मतदाताओं को गुमराह किया जा रहा था. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने गूगल इंडिया और मेटा से भी इन अकाउंट्स की रिपोर्ट मांगी है.

AI टूल्स बना हथियार

चुनाव आयोग ने साफ तौर पर कहा है कि - “चुनाव प्रचार में सोशल मीडिया अब अहम भूमिका निभा रहा है, लेकिन कोई भी प्लेटफॉर्म झूठी जानकारी या नफरत फैलाने का माध्यम नहीं बन सकता.”

साइबर सेल के मुताबिक निगरानी के लिए AI-बेस्ड सिस्टम का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, जो संदिग्ध पोस्ट या वीडियो को ऑटोमेटिक तरीके से खुद ट्रैक कर लेता है. प्रशासन ने मतदाताओं से भी अपील की है कि किसी भी संदिग्ध या भ्रामक जानकारी की तुरंत रिपोर्ट करें.

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