सुगौली में नया समीकरण! VIP प्रत्याशी का नामांकन रद्द, तेजस्वी के सहयोगी मुकेश सहनी तेज प्रताप के समर्थन में उतरे, जानें क्यों?

बिहार विधानसभा चुनाव के बीच सुगौली सीट पर सियासी बड़ा मोड़ आ गया है. महागठबंधन के सहयोगी और VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने अब आरजेडी के तेज प्रताप यादव के समर्थन का ऐलान किया है. यहां पर इस बात का जिक्र कर दें कि सुगौली सीट से VIP उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो गया था, जिसके बाद सहनी ने राजनीतिक समीकरण को नया रंग दे दिया.;

सुगौली विधानसभा सीट विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के उम्मीदवार का नामांकन तकनीकी कारणों से रद्द होने की वजह से  सुर्खियों में है. चर्चा में इसलिए कि VIP प्रमुख मुकेश सहनी, जो महागठबंधन में तेजस्वी यादव के करीबी सहयोगी माने जाते रहे हैं, ने बदले सियासी हालात में तेज प्रताप यादव के जनशक्ति जनता दल के प्रत्याशी के समर्थन में अपना खुला समर्थन जताया है. अब सवाल उठ रहा है कि यह समर्थन रणनीति है या तेजस्वी यादव से बढ़ती दूरी का संकेत?

सहनी ने तेज प्रताप को बताया साथी

वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा, “तेज प्रताप यादव हमारे साथी हैं, उन्होंने हमेशा मल्लाह समाज और पिछड़ों के अधिकारों की बात की है, इसलिए हम सुगौली में उनके उम्मीदवार का समर्थन करते हैं.”

इस बयान ने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है, क्योंकि कुछ समय पहले तक सहनी महागठबंधन के भीतर टिकट बंटवारे और सीट शेयरिंग को लेकर असंतोष जताते नजर आए थे.

वीआईपी की सियासी चाल तो नहीं!

राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, यह समर्थन सिर्फ 'मैत्री का संकेत' नहीं बल्कि रणनीतिक चाल भी हो सकता है. दरअसल, VIP का जनाधार मल्लाह और निषाद वर्ग में है, जो सीमांचल और तिरहुत क्षेत्रों में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. सुगौली क्षेत्र में भी इस वोट बैंक की अहम हिस्सेदारी है.

ऐसे में तेज प्रताप यादव को समर्थन देकर मुकेश सहनी अपने वोट बैंक या समर्थकों को एक्टिव रखने की कोशिश में हैं. ताकि आगामी चुनावों में वे अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता बनाए रखें.

ये क्या हो रहा है?

दूसरी तरफ राष्ट्रीय जनता दल के खेमे में भी इसे 'संतुलन साधने' की कोशिश माना जा रहा है. तेज प्रताप और तेजस्वी के बीच समय-समय पर दिखी तनातनी के बीच सहनी का यह कदम अंदरूनी राजनीति को भी प्रभावित कर सकता है. महागठबंधन के नेताओं का कहना है कि मुकेश सहनी महागठबंधन के भीतर अपनी भूमिका और हिस्सेदारी को लेकर फिर से दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

सुगौली सीट का क्या है सियासी समीकरण

सुगौली विधानसभा सीट बिहार की एक अहम सीट है, जो पूर्वी चंपारण (East Champaran) जिले में आती है.

यह सीट न केवल सीमावर्ती इलाके में है बल्कि यहां जातीय संतुलन और सियासी प्रभाव दोनों ही फैक्टर चुनावी नतीजे तय करते हैं. इस सीट पर मुख्य सियासी दल बीजेपी, जेडीयू और वीआईपी है. सुगौली सीट पर जातीय गणित बेहद दिलचस्प है. यहां किसी एक समुदाय का सीधा दबदबा नहीं है, बल्कि कई जातियों का संतुलित वोट शेयर परिणाम तय करता है. यह परंपरागत आरजेडी का परंपरागत सीट है.

सुगौली सीट पर यादव मतदाता 18-20%, मल्लाह/निषाद 10-12%, ब्राह्मण 8-10%, राजपूत 10-12%, मुस्लिम 15%, भूमिहार 7-8%, दलित (पासवान/मुसहर) 10-12% प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग 10% हैं. यादव और मुसलमान आरजेडी के पक्ष में , ब्राह्मण, राजपूत, भूमिहार बीजेपी के पक्ष में, मल्लाह वीआईपी के पक्ष में.

2020 में बीजेपी की हुई थी जीत

बिहार विधानसभा चुनाव में सुगौली सीट से बीजेपी के सुभाष सिंह चुनाव जीते थे. आरजेडी के वीरेंद्र कुमार दूसरे नंबर पर रहे थेत्र. वीरेंद्र कुमार 8 हजार मतों से हारे थे. यानी मुकेश सहनी ने तेज प्रताप यादव को समर्थन देकर समीकरण को संभालने की कोशिश की है.

मुकेश सहनी के रुख के बाद से तेज प्रताप ने अपनी पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार तेज कर दिया है. सहनी का समर्थन उन्हें जेजेपी को मल्लाह समुदाय के वोट दिला सकता है. बीजेपी को अपने परंपरागत सवर्ण वोट और मोदी फैक्टर पर भरोसा कर रही है.

कुल मिलाकर सुगौली में इस बार हार या जीत मल्लाह और यादव वोट बैंक की एकजुटता पर निर्भर है. बीजेपी ने सवर्ण वोट का बेस बनाए रखा है. बीजेपी का सवर्ण वोट बेस बनाए रखना है. मुकेश के रुख को कुछ लोग तेज प्रताप और मुकेश सहनी के बीच तालमेल का असर भी मानकर चल रहे हैं.

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