सम्राट चौधरी को इस बार BJP ने तारापुर से क्यों दिया टिकट? जानिए इसके सियासी मायने
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच बीजेपी ने अपनी पहली उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है, जिसमें सबसे बड़ी चर्चा सम्राट चौधरी को तारापुर सीट से टिकट देने की है. इस कदम ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, क्योंकि पूर्व में यह सीट राष्ट्रीय जनता दल (JDU) के उम्मीदवारों के लिए मानी जाती थी. आइए विस्तार से समझते हैं कि बीजेपी ने इस बार सम्राट चौधरी को तारापुर से क्यों मैदान में उतारा...;
Samrat Chaudhary Tarapur Seat: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर बीजेपी ने 71 उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी. इस सूची में सबसे चर्चा का विषय उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का जमुई जिले की तारापुर सीट से चुनाव लड़ना है. सम्राट चौधरी 16 अक्टूबर को अपना नामांकन दाखिल करेंगे. इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है.
तारापुर सीट को बीजेपी इस बार एक प्रतिष्ठित और रणनीतिक क्षेत्र के रूप में देख रही है. यहां से पहले जनता दल यूनाइटेड (JDU) उम्मीदवार चुनाव लड़ते आ रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर सम्राट चौधरी तारापुर से ही क्यों चुनाव लड़ रहे हैं...
कौन हैं सम्राट चौधरी ?
सम्राट चौधरी का जन्म 16 नवंबर 1968 को मुंगेर जिले के लखनपुर गांव में हुआ. वे राकेश कुमार के नाम से भी जाने जाते हैं और कुशवाहा समाज से ताल्लुक रखते हैं. उनका राजनीतिक सफर लंबे समय से सक्रिय रहा है. वे 1999 में बिहार सरकार में कृषि मंत्री, 2014 में शहरी विकास और आवास मंत्री रह चुके हैं. 28 जनवरी 2024 को उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वर्तमान में वे बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं.
सम्राट चौधरी को तारापुर सीट से ही बीजेपी ने क्यों उतारा?
तारापुर सिर्फ एक विधानसभा सीट नहीं, बल्कि सम्राट चौधरी के परिवार की राजनीतिक विरासत से जुड़ी सीट है. उनके पिता शकुनी चौधरी और माता पार्वती देवी दोनों ने इस सीट से विधायक पद संभाला है. शकुनी चौधरी इस सीट से 7 बार जीत दर्ज की थी. हालांकि, 2021 के उपचुनाव में यह सीट JDU के राजीव कुमार सिंह के पास गई थी. इस बार बीजेपी ने सम्राट चौधरी को उनकी पारिवारिक सीट से मैदान में उतारा है, जिससे पार्टी को स्थानीय समर्थन और चुनावी ताकत बढ़ाने में मदद मिलने की उम्मीद है.
सम्राट चौधरी का चुनावी सफर
सम्राट चौधरी ने पहले RJD के टिकट पर खगड़िया जिले की परबत्ता सीट से 2000 और 2010 में चुनाव जीतकर अपनी राजनीतिक पहचान बनाई. बाद में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की और उपमुख्यमंत्री की कुर्सी तक का सफर तय किया. इस बार तारापुर से उनका चुनाव लड़ना उनकी पारिवारिक और राजनीतिक जड़ों को मजबूत करता है. यह बीजेपी की रणनीति का अहम हिस्सा है.
शिल्पी जैन रेप-हत्याकांड में सामने आया नाम
सम्राट चौधरी का नाम 26 साल पुराने शिल्पी जैन रेप-हत्याकांड में भी चर्चा में रहा. हाल ही में राजनीतिक विश्लेषक और जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने उनके खिलाफ आरोप लगाए थे, लेकिन इसे लेकर वर्तमान में कोई कानूनी कार्रवाई या आरोप सिद्ध नहीं हुआ है. किशोर ने आरोप लगाया था कि राकेश कुमार भी इस हत्याकांड के संदिग्ध अभियुक्तों में शामिल थे. लेकिन उनके खिलाफ कोई जांच नहीं हुई. वही राकेश कुमार आज के सम्राट चौधरी हैं.
तारापुर विधानसभा चुनाव 2020 परिणाम
पिछली बार 2020 में हुए चुनाव में तारापुर से जेडीयू के मेवालाल चौधरी ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने आरजेडी के दिव्य प्रकाश को हराया था. मेवालाल को 64, 468, जबकि दिव्य प्रकाश को 57,243 वोट मिले थे. इससे पहले 2015 में भी मेवालाल ने जीत दर्ज की थी, तब उन्होंने HAM(S) से टिकट लड़ रहे शकुनी चौधरी को हराया था. मेवालाल को 66,411, जबकि शकुनी को 54,464 वोट मिले थे.
बिहार में कितने चरण में होगा चुनाव?
बिहार की 243 सीटों पर चुनाव दो चरणों में होंगे. पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर और दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को होगी. मतगणना 14 नवंबर को घोषित की जाएगी. तारापुर सीट से सम्राट चौधरी का नामांकन और चुनावी गतिविधियां इलाके में राजनीतिक हलचल बढ़ा रही हैं. बीजेपी इस बार इस सीट को जीतने के लिए पूरी तैयारी कर रही है.
सम्राट चौधरी की सक्रिय राजनीतिक भागीदारी, पारिवारिक विरासत और स्थानीय पकड़ इस सीट पर बीजेपी की संभावनाओं को मजबूत करती हैं. आगामी विधानसभा चुनाव में इसे रणनीतिक मोड़ माना जा रहा है.