‘हर बेटी को मायका सुरक्षित मिले’, लालू परिवार में बढ़ी रार; रोहिणी आचार्य ने नीतीश कुमार से लगाई गुहार

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्या ने परिवार से रिश्ते टूटने के एक महीने बाद फिर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने बिहार सरकार से अपील की कि राज्य की हर बेटी को अपने मायके में सुरक्षित माहौल मिलना चाहिए. सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महिलाओं को आर्थिक मदद और स्कूलगर्ल्स को साइकिल देने वाली योजनाओं की अप्रत्यक्ष सराहना की, लेकिन कहा कि ये कदम पर्याप्त नहीं हैं.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  प्रवीण सिंह
Updated On : 12 Dec 2025 10:28 AM IST

लालू प्रसाद यादव के परिवार में चल रहा तनाव अब एक नए मोड़ पर पहुंच गया है. आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य - जिन्होंने दिसंबर 2022 में सिंगापुर में अपने पिता को किडनी दान की थी - ने एक बार फिर अपने परिवार से दूरी का संकेत देते हुए बिहार सरकार से महिलाओं के लिए सुरक्षित ‘मायका’ सुनिश्चित करने की अपील की है.

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रोहिणी, जो सिंगापुर में रहती हैं, पिछले महीने आरजेडी से इस्तीफा दे चुकी हैं और अपने परिवार से नाता तोड़ने की बात भी सार्वजनिक कर चुकी हैं. अब उनके ताजा बयान ने पारिवारिक विवाद को और गहरा कर दिया है.

नीतीश सरकार की योजनाओं की सराहना, फिर भी ‘अपर्याप्त’ बताईं

गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए रोहिणी ने अप्रत्यक्ष रूप से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महिला केन्द्रित योजनाओं - जैसे महिलाओं को ₹10,000 की सहायता राशि और स्कूली लड़कियों को साइकिल वितरण - की सराहना की. लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि यह बिहार की सामाजिक वास्तविकताओं के मुकाबले बहुत कम है.

उन्होंने लिखा कि राज्य में गहराई तक जमी पितृसत्तात्मक सोच सिर्फ आर्थिक सहायता से नहीं टूटेगी; इसके लिए सामाजिक और राजनीतिक दोनों स्तरों पर बड़े बदलाव की जरूरत है.

“हर बेटी को यह भरोसा होना चाहिए कि मायका सुरक्षित है”

रोहिणी ने जोर देकर कहा कि हर लड़की के लिए माता-पिता का घर एक सुरक्षित जगह होना चाहिए - जहां वह बिना डर, बिना अपराधबोध और बिना स्पष्टीकरण दिए कभी भी लौट सके. उन्होंने लिखा, “यह सिर्फ प्रशासनिक कर्तव्य नहीं, बल्कि अनगिनत महिलाओं को भविष्य में होने वाले शोषण और उत्पीड़न से बचाने की दिशा में निर्णायक कदम है.”

उनकी यह टिप्पणी कई राजनीतिक और सामाजिक सवाल खड़े करती है, क्योंकि उन्होंने इसे परिवार से अपने तनावपूर्ण रिश्तों के ठीक एक महीने बाद उठाया है.

परिवारिक कलह की पृष्ठभूमि: तेजस्वी से विवाद के बाद दूरी

करीब एक महीने पहले रोहिणी ने आरजेडी से इस्तीफा दे दिया था और सोशल मीडिया पर अपने परिवार के सदस्यों से दूरी बना ली थी. आरजेडी की विधानसभा चुनाव में बुरी हार को लेकर उनका अपने भाई तेजस्वी यादव से तीखा विवाद हुआ था. इसके बाद उन्होंने आरोप लगाया कि परिवार में कुछ लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं और यहां तक कह रहे हैं कि उन्होंने पिता को “गंदी किडनी” दी है - वह भी “करोड़ों रुपये लेकर और लोकसभा टिकट के बदले.” यह विवाद सार्वजनिक होने के बाद आरजेडी परिवार की छवि को बड़ा झटका लगा था.

राजनीतिक संदेश या व्यक्तिगत पीड़ा?

रोहिणी का बिहार सरकार को सार्वजनिक संदेश देना इस बात का संकेत है कि उनका परिवार से मतभेद अभी भी शांत नहीं हुआ है. दूसरी ओर, महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उनकी चिंता से यह भी स्पष्ट है कि वह इस मुद्दे को केवल निजी अनुभव नहीं, बल्कि बड़ी सामाजिक समस्या के रूप में देख रही हैं.

राजनीतिक हलकों में इस बयान को रोहिणी बनाम आरजेडी परिवार विवाद का नया चरण माना जा रहा है. आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहार की राजनीति इस पारिवारिक खटास पर कैसी प्रतिक्रिया देती है - और क्या रोहिणी आगे कोई राजनीतिक कदम उठाती हैं या नहीं.

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