7 लोगों की हत्या, 500 करोड़ की संपत्ति... पीके ने नीतीश सरकार के मंत्रियों के खिलाफ खोला मोर्चा; पार्टी फंडिंग को लेकर क्या बोले?
बिहार चुनाव से पहले प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार पर बड़ा हमला बोला. पीके ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को सात हत्याओं का आरोपी बताया और गिरफ्तारी की मांग की. वहीं मंत्री अशोक चौधरी पर टेंडर घोटाले और 500 करोड़ की संपत्ति का आरोप लगाया. पीके ने चेतावनी दी कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वे राज्यपाल के पास जाएंगे. इन खुलासों ने बिहार की सियासत को गरमा दिया है.

बिहार की सियासत में चुनावी बिगुल बजने से पहले ही गर्माहट तेज हो गई है. जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने एक बार फिर नीतीश सरकार पर तीखे वार किए हैं. इस बार उनका निशाना सीधे डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी बने हैं. पीके का दावा है कि सम्राट चौधरी पर हत्या जैसे गंभीर आरोप लंबित हैं और सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए.
प्रशांत किशोर के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. उन्होंने साफ कहा कि अगर नीतीश सरकार चुप बैठी रही तो वे राज्यपाल तक इस मामले को लेकर जाएंगे. इससे पहले भी पीके कई बार बिहार सरकार के मंत्रियों और सांसदों पर गंभीर आरोप लगाकर सुर्खियों में रहे हैं.
सम्राट चौधरी पर हत्या का आरोप
प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी कुशवाहा समाज के सात लोगों की हत्या के आरोपी हैं. उन्होंने मांग की है कि नीतीश सरकार तत्काल उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करे. पीके ने कहा कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो जनसुराज आंदोलन इसे और बड़े स्तर पर उठाएगा.
अशोक चौधरी पर भ्रष्टाचार का इल्जाम
पीके ने बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी पर भी नया आरोप मढ़ा है. उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी टेंडर में 5% कमीशन लेते हैं और 500 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अर्जित कर चुके हैं. इतना ही नहीं, पीके ने चेतावनी दी है कि अगर 100 करोड़ की मानहानि का नोटिस वापस नहीं लिया गया तो वे 500 करोड़ की मानहानि का दावा ठोकेंगे.
संजय जायसवाल पर भी निशाना
सम्राट और अशोक चौधरी के अलावा पीके ने एनडीए सांसद संजय जायसवाल को भी घेरा. उन्होंने कहा कि जनता को यह जानने का अधिकार है कि सत्ताधारी नेताओं की संपत्ति और राजनीति के बीच कैसा रिश्ता है. पीके लगातार सत्ता में बैठे नेताओं पर निशाना साधते हुए खुद को जनता की आवाज बता रहे हैं.
फंडिंग को लेकर दिया जवाब
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर की पार्टी की फंडिंग को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. विपक्षी दलों का आरोप है कि पीके का राजनीतिक अभियान बड़े पैसों के सहारे चल रहा है. इन आरोपों का जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस की और खुलकर अपनी आय व पार्टी की आर्थिक व्यवस्था का ब्योरा पेश किया. पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीके ने साफ कहा कि उनकी पार्टी के पास जो भी पैसा आता है, वह पारदर्शी तरीके से आता है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ‘बिहार के ज्यादातर नेताओं को मैं चोर नज़र आता हूं, लेकिन असलियत कुछ और है.’
सरस्वती की कृपा आता है फंड
प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज को मिलने वाला फंड ‘सरस्वती की कृपा’ से आता है. दरअसल, वह चुनावी रणनीतिकार के रूप में जो सेवाएं देते हैं, उसकी फीस से ही उनकी आय होती है. यही रकम पार्टी के कामों में खर्च होती है. इसके अलावा उन्होंने लोगों से डोनेशन लेना भी शुरू किया है.
दिया 241 करोड़ की कमाई और टैक्स का ब्योरा
पीके ने आंकड़ों के साथ बताया कि पिछले तीन सालों में उन्होंने रणनीतिक सलाह देने के एवज में 241 करोड़ रुपये कमाए हैं. इस रकम पर उन्होंने न सिर्फ 18% जीएसटी भरा बल्कि 20 करोड़ रुपये से ज्यादा इनकम टैक्स भी अदा किया. उनका कहना है कि ‘मैं यहां बिहार कमाने नहीं आया हूं, बल्कि अपनी मेहनत और पारदर्शिता के साथ जनता की सेवा करने आया हूं.’
‘नेता नहीं, सेवक हूं’
पीके ने दोहराया कि उन्हें नेता कहकर न देखा जाए क्योंकि उनकी सोच बाकी नेताओं से अलग है. उनका कहना है कि वह न तो पद के लिए राजनीति में आए हैं और न ही संपत्ति बनाने के लिए. बल्कि उनकी कोशिश है कि जन सुराज के जरिए जनता से जुड़कर बिहार की राजनीति को नई दिशा दी जा सके.