प्रशांत किशोर के नीतीश पर 3 वार! बिहार में भूचाल, क्या अब पलट जाएगी सत्ता, क्या कहते हैं नेता?
बिहार चुनाव की अभी आधिकारिक घोषणा भी नहीं हुई, लेकिन प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के सियासी भविष्य को लेकर बड़ा दावा कर सबको चौंका दिया है. उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार 10वीं बार प्रदेश का सीएम नहीं बन पाएंगे. वो चुनाव बाद बीजेपी को छोड़ने का अप्रत्याशित फैसला ले सकते हैं. अगर उन्होंने ऐसा किया तो किसी को कोई आश्चर्य नहीं होनी चाहिए.

बिहार की राजनीति पिछले 35 साल से ज्यादा समय से गठबंधन के आधार पर टिकी है. हर चुनाव में दो प्रमुख गठबंधन में मुकाबला हुआ और एक की जीत हुई. एक गठबंधन के अगुवा पहले लालू यादव अब तेजस्वी यादव हैं तो दूसरी का बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्वकर्ता हैं. इस बार भी दो प्रमुख गठबंधन के बीच ही कांटे की टक्कर का अनुमान है. इस बीच प्रशांत किशोर ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार इस बार सीएम नहीं बने पाएंगे. हालांकि, उनके बयान के किसी ने गंभीरता से नहीं लिया है, लेकिन पीके का चुनावी रणनीतिकार होने और कई मौकों पर उनका अनुमान सही साबित होने की वजह से सियासी जानकारी उन्हें पूरी तरह से खारिज भी नहीं कर रहे हैं.
दरअसल, प्रशांत किशोर उर्फ पीके पहले एक सफल चुनाव रणनीतिकार थे. अब वह जन सुराज पार्टी के संस्थापक हैं. इस बार वो खुद चुनावी मैदान में हैं. इसलिए, वह मीडिया के केंद्र में भी बने हुए हैं. ऐसे में पीके द्वारा बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों से पहले नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू को लेकर नकारात्मक लगाना, सभी के लिए चौंकाने वाला है. उनका कहना है कि बिहार की जनता अब “परिवर्तन” चाहती है तो 60 से 62 प्रतिशत लोग बदलाव के लिए वोट डालते हैं.
बिहार में किसकी बनेगी सरकार, नहीं दिया जवाब
प्रशांत किशोर ने अपने दावों के पीछे कहा है कि जेडीयू और बीजेपी को इस बार एंटी इनकम्बेंसी का सामना करना पड़ा रहा है. नीतीश की नेतृत्व धूमिल हुई है. उनके स्वास्थ्य साथ नहीं दे रहा है. प्रदेश की जनता मन में यह चल रहा है कि अब बहुत हुआ, किसी और को सीएम बनाने की जरूरत है. हालांकि, उन्होंने ये नहीं कहा कि किसकी सरकार बनेगी, लेकिन जरूर कहा है कि चुनाव बाद एनडीए की सरकार बनी भी तो नीतीश सरकार का नेतृत्व नहीं करेंगे. बीजेपी ही उन्हें दरकिनार करने का काम करेगी.
दबाव बनाने का सियासी टैक्टिस
बिहार के सियासी जानकारों का कहना है कि पीके का इरादा जनता और स्थानीय असंतोष को बढ़ चढ़कर दिखाने की है. वह जो कह रहे हैं कि 25 सीट भी नहीं जीत यह बहुत हद तक तार्किक या जमीनी सच्चाई नहीं है. सच यह है कि पीके एनडीए गठबंधन के अंदर दरार-दिखाने, नेतृत्व परिवर्तन और असंतोष उभार कर सरकार पर दबाव बना रहे हैं.
इसके जवाब में नीतीश कुमार के समर्थक तथा JDU नेताओं ने PK के दावों को चुनौती दी है और दावा किया है कि पार्टी अपनी जातिगत आधार शक्ति बनाए रखेगी. नीतीश सरकार मुफ्त योजनाएं, सामाजिक लाभ और चुनावी रणनीति के माध्यम से बिहार की राजनीति पर अपनी पकड़ और मजबूत बनाने में कामयाब होगी.
BJP के नेताओं का पीके के इन दावों पर कहना है कि PK की एंट्री से विरोधी ध्रुव को ताकत मिल सकती है, लेकिन उन्हें पूरा विश्वास है कि संगठन और वोट बैंक की मजबूती से वे सामना कर सकेंगे. RJD ने PK पर आरोप लगाया है कि उनकी भविष्यवाणियां प्रचार और प्रचार के लिए की जा रही हैं और PK का लक्ष्य RJD और उनके गठबंधन को गिराने का है.
PK का नीतीश कुमार को लेकर 3 दावे
1. नीतीश कुमार इस बार मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे. PK ने कहा है कि चाहे NDA जीते या किसी अन्य गठबंधन की सरकार बने, नीतीश कुमार अगली विधानसभा चुनाव 2025 के बाद मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे.
2. जेडीयू की सीटें बहुत कम होंगी. इस बार जेडीयू 25 से अधिक सीटें नहीं जीत पाएगी. इस बार जया उससे कम सीटों पर सिमट जाएगी. अगर जेडीयू इससे ज्यादा सीटें जीती तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा.
3. नीतीश कुमार बाद में गठबंधन बदल सकते हैं. NDA से शुरुआत लेकिन बाद में अलगाव PK ने यह कहा है कि नीतीश कुमार शुरू में NDA के साथ चुनाव लड़ेंगे, लेकिन बाद में स्थिति बदलने पर वे किसी और गठबंधन की ओर रुख कर सकते हैं, क्योंकि BJP उन्हें मुख्यमंत्री के पद के लिए पूरी तरह समर्थन नहीं देगी.
पीके-नीतीश एक ही थाली के चट्टे-बट्टे : मृत्युंजय तिवारी
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि प्रशांत किशोर चुनावी रणनीतिकार से जब राजनीति में आए तो पहली बार जेडीयू का ही हिस्सा बने. नीतीश कुमार के कहने और केसी त्यागी की उपेक्षा कर उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया. पीके और नीतीश एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं. उनके दावों में कितनी सच्चाई यह तो चुनाव बाद पता चलेगा. बिहार की सच्चाई यह है कि इस बार प्रदेश में एनडीए की सरकार नहीं बनेगी.
बच्चा बच्चा कह रहा है, वो क्या कहेंगे - राजेश राठौर
बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर ने प्रशांत किशोर के बयान पर कहा कि वह कुछ भी नया नहीं कह रहे हैं. पिछले तीन दिनों से बिहार में यही रट लगाए हुए हैं. बिहार की राजनीति को जानने वाला बच्चा बच्चा भी यही कहता है कि नीतीश कुमार इस बार सीएम नहीं बनेंगे. पीके कुछ नया बोलें तो प्रतिक्रिया भी दें. हमारी पार्टी लंबे समय से कह रही है कि नीतीश कुमार को बिहार की जनता इस बार सत्ता बेदखल करने का काम करेगी और वही होगा भी.
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में एनडीए (BJP और JDU के नेतृत्व में) ने 243 में से 125 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था. इस चुनाव में भाजपा (BJP) ने अपने सहयोगी दल जेडीयू से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 74 सीटें जीती थीं, जबकि जेडीयू (JDU) की स्थिति कमजोर रही और उसे मात्र 43 सीटें मिली थीं. आरजेडी को 75 और कांग्रेस को 19 सीटों पर जीत हासिल हुई थी.