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क्‍या चुनौती के नाम पर RJD से रियायत मांग रहे हैं प्रशांत किशोर? कहा - 'जहां JSP मुसलमान कैंडिडेट देगा, वहां...'

Prashant Kishor News Bihar: प्रशांत किशोर ने बिहार की सियासत में नया दांव चला है. आरजेडी को खुली चेतावनी देते हुए कहा कि जहां जन सुराज मुसलमान प्रत्याशी उतारेगा, वहां आरजेडी को कदम पीछे खींचना होगा. उनके इस बयान ने आरजेडी की राजनीति और मुस्लिम वोट बैंक पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. साथ ही पीके के इस बयान से बिहार की सियासत में नई हलचल तेज हो गई है. पीके यह बयान सीधा-सीधा आरजेडी की परंपरागत राजनीति पर चोट है, जो दशकों से मुस्लिम-यादव समीकरण (MY Factor) के सहारे चुनाव लड़ती रही है.

क्‍या चुनौती के नाम पर RJD से रियायत मांग रहे हैं प्रशांत किशोर? कहा - जहां JSP मुसलमान कैंडिडेट देगा, वहां...
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Prashant Kishor News Update: बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) लगातार नए-नए तेवर दिखा रहे हैं. जन सुराज यात्रा के जरिए जनता से सीधा जुड़ाव बनाने के बाद अब उन्होंने आरजेडी (RJD) पर सीधा हमला बोल दिया है. गयाजी में उन्होंने एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार की राजनीति से ‘माय समीकरण’ मुस्लिम-यादव एकाधिकार की कहानी खत्म करने की जरूरत है. दशकों से मुस्लिम और यादव वोट के सहारे सत्ता की सीढ़ी चढ़ने वाली आरजेडी को आज पहली बार किसी ने खुली चुनौती दी है. यह काम जन सुराज अभियान के नेता प्रशांत किशोर ने किया है. उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया, "जहां हम मुसलमान उम्मीदवार देंगे, वहां आरजेडी अपनी राजनीति न थोपे."

मुस्लिम वोट बैंक को लेकर दिए गए उनके बयान ने न सिर्फ सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है. यह सवाल भी खड़ा कर दिया है कि क्या पीके आरजेडी से राजनीतिक रियायत मांग रहे हैं या खुलकर मुकाबला करने की टैक्टिस पर चल रहे हैं. आइए, जानते हैं, क्या है पीके के बयान का मतलब.

आरजेडी को सीधा संदेश

पीके के गयाजी में कहा, "यह अब नया बिहार है. आरजेडी को ये समझना होगा कि मुसलमानों की आवाज सिर्फ लालू-राबड़ी परिवार तक सीमित नहीं है. जन सुराज जब मैदान में उतरेगा तो मुस्लिम समाज का असली प्रतिनिधित्व करेगा. मुसलमान समाज को अब अपनी राजनीति खुद तय करनी होगी. दशकों तक वोट लेने वाले लोग अब बैकफुट पर दिख रहे हैं."

उन्होंने कहा कि मुस्लिम मतदाता जानता है कि उनकी ताकत वोट है. बिहार की लगभग 17% आबादी यह तय कर सकती है कि सत्ता की चाबी किसके हाथ में जाएगी. अब अगर जन सुराज और आरजेडी आमने-सामने खड़े होंगे तो तय है कि बीजेपी-जेडीयू जैसी पार्टियों को भी इसका फायदा मिलेगा.

चुनौती या गठबंधन का इशारा?

बिहार की राजनीति के जानकार मानते हैं कि यह 'पीके' की रणनीति है. एक तरफ वे मुसलमान वोटरों में पैठ बना रहे हैं, दूसरी ओर आरजेडी पर दबाव डाल रहे हैं कि या तो रियायत दो या मुकाबले के लिए तैयार रहो. सियासी विश्लेषक मानते हैं कि प्रशांत किशोर के इस बयान के पीछे दो मकसद हो सकते हैं. मुस्लिम वोटों में सेंध लगाकर जन सुराज को मजबूत करना. आरजेडी को अप्रत्यक्ष रूप से यह संकेत देना कि मुस्लिम क्षेत्रों में टकराव से बचा जाए और दोनों पार्टियां किसी तरह की अनौपचारिक रियायत पर विचार करें.

मुस्लिम वोट बैंक की अहमियत

बिहार में मुस्लिम वोट बैंक करीब 18 प्रतिशत है, जो कई सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाता है. आरजेडी और कांग्रेस अब तक इस वर्ग पर बड़ा दावा ठोंकती आई हैं, लेकिन पीके का दावा है कि जन सुराज भी इस हिस्सेदारी में अपना हक मांग रहा है.

आने वाले चुनावों पर क्या होगा असर?

यदि पीके की रणनीति कामयाब होती है तो इसका सीधा असर आरजेडी की चुनावी संभावनाओं पर पड़ेगा. मुस्लिम उम्मीदवारों की सीटों पर अगर जन सुराज और आरजेडी आमने-सामने हुए तो वोटों का बिखराव निश्चित है, जिससे तीसरी ताकतों (बीजेपी या जेडीयू ) को फायदा हो सकता है. दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का चुनाव अब केवल विकास बनाम जाति की राजनीति नहीं रहेगा, बल्कि अब यह होगा - किसके पास है मुसलमानों का असली भरोसा? प्रशांत किशोर ने आरजेडी को खुली चुनौती देकर साफ कर दिया है कि लड़ाई अब सीधी होगी.

PK ने गयाजी में क्या कहा था?

प्रशांत किशोर ने कहा है कि जहां-जहां जन सुराज पार्टी मुसलमान उम्मीदवार उतारेगी, वहां आरजेडी को मुस्लिम प्रत्याशी देने से बचना चाहिए. मैं, वादा करता हूं, महागठबंधन जहां-जहां मुस्लिम प्रत्याशी देगी, जन सुराज वहां अल्पसंख्यक वर्ग का प्रत्याशी नहीं उतारेगा. उनका यह बयान सीधा-सीधा आरजेडी की परंपरागत राजनीति पर चोट है, जो दशकों से मुस्लिम-यादव समीकरण (MY Factor) के सहारे चुनाव लड़ती रही है.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025बिहारप्रशांत किशोरतेजस्वी यादव
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